Ravi Pradosh Vrat 2024 Date: हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व होता है. इस दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है. हर माह में दो प्रदोष व्रत होते हैं
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Pradosh Vrat 2024: हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व होता है. इस दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है. हर माह में दो प्रदोष व्रत होते हैं. सितंबर का पहला प्रदोष व्रत बीत चुका है. आज हम बताएंगे कि सितंबर का दूसरा प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व.
कब है दूसरा प्रदोष व्रत?
वैदिक पंचांग के अनुसार अश्विन महीने के कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 29 सितंबर को शाम 4 बजकर 47 मिनट पर होगी. वहीं, इसका समापन 30 सितंबर को सुबह 7 बजकर 6 मिनट पर होगा. इसके चलते प्रदोष व्रत 29 सितंबर दिन रविवार को रखा जाएगा. इसे रवि प्रदोष व्रत भी कहा जाता है.
पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. रवि प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त शाम 6 बजकर 8 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. इस दौरान आप भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर सकते हैं.
व्रत पारण का समय
रवि प्रदोष व्रत का पारण 30 सितंबर को सुबह 6 बजकर 13 मिनट के बाद किया जा सकता है.
रवि प्रदोष व्रत का महत्व
रवि प्रदोष व्रत के दिन जो व्रत रखता है उसे अक्षय फलों की प्राप्ति होती है. इसके अलावा जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और लंबी आयु होती है. कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति को मजबूत करने के लिए भी रवि प्रदोष व्रत रखना लाभदायक माना जाता है.
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पूजा विधि
रवि प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. इसके लिए आप पूजा करने से पहले स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े धारण कर लें. इसके बाद भगवान शिव को उनकी प्रिय चीजें जैसे बेल पत्र, फूल, धतूरा, भांग और गंगाजल अर्पित करें. इसके बाद दीपक-धूप जलाकर भक्तिभाव के साथ पूजा करें. शिव जी को फलों और मिठाई का भोग लगाएं और आरती कर पूजा संपन करें.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.