योग की अनेक मुद्राएं हैं, जिसमें 'शलभासन' एक प्रमुख आसन है. 'शलभ' का अर्थ टिड्डा होता है. शलभासन करते समय आपके शरीर की आकृति टिड्डे के समान दिखाई देती है इसलिए इसे शलभासन कहा जाता है.
Trending Photos
नई दिल्ली : ZEE आध्यात्म में अब बात आपके स्वास्थ्य से जुड़ी जहां हम प्रतिदिन एक नए योगासन की बात और अभ्यास कराने के साथ उसके फायदे बताते हैं. आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में योग करना बहुत जरूरी है. जिस तरह से लोग अनेक तरह की बिमारियों से घिर रहे हैं उसमें योग ही स्वस्थ रहने का एकमात्र आसान और उत्तम उपाय है. आज बात शलभासन की
योग की अनेक मुद्राएं हैं, जिसमें 'शलभासन' एक प्रमुख आसन है. 'शलभ' का अर्थ टिड्डा होता है. शलभासन करते समय आपके शरीर की आकृति टिड्डे के समान दिखाई देती है इसलिए इसे शलभासन कहा जाता है.
इसे अंग्रेजी में (Locust Pose या Grasshopper Pose) कहते हैं. ये आसन पीठ दर्द में बहुत लाभकारी है. नियमित अभ्यास से आप कमर दर्द पर काबू पा सकते हैं.
शलभासन करने का सही तरीका
सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और अपनी हथेलियों को जांघों के नीचे रखें. एड़ियों को आपस में जोड़ लें वहीं सांस लेते हुए अपने पैरों को ऊपर ले जाएं. सामान्य सांस लेते हुए इस अवस्था को बनाएं रखें और सांस छोड़ते हुए पांव नीचे लाएं. इस तरह से एक चक्र पूरा हुआ. आप इसे 3 से 5 बार कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें- ज़ी आध्यात्म में जानिए वो मंत्र जिससे घर में आएगी सुख शांति
शलभासन (Salabhasana)से फायदे
कमर दर्द के लिए उत्तम योगासन
पेट की पाचन शक्ति मजबूत होगी.
रक्त शोधन और संचार में प्रभावी.
दमा को भी कन्ट्रोल कर सकते हैं.
शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम होगी.
गैस और बदहजमी की दिक्कत दूर.
पीरियड का दर्द कम करने में प्रभावी.
लेकिन ध्यान रखें कि हाई बीपी (High blood pressure) , या हर्निया की स्थिति में इसका अभ्यास न करें.
LIVE TV