कौन थीं जनाबाई? जिनके बनाए गोबर के उपलों से भी भगवान का नाम सुनाई देता था
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कौन थीं जनाबाई? जिनके बनाए गोबर के उपलों से भी भगवान का नाम सुनाई देता था

Sant Janabai Story: पंढरपुर की संत जनाबाई की कहानी मिसाल है. जिनके काम में हाथ बंटाने के लिए स्‍वयं भगवान आते थे. इतना ही नहीं जनाबाई के बनाए गोबर के उपलों से भगवान का नाम सुनाई देता था. 

कौन थीं जनाबाई? जिनके बनाए गोबर के उपलों से भी भगवान का नाम सुनाई देता था

Sant Janabai ki kahani in hindi: महाराष्‍ट्र संतों की भूमि कही जाती है. यहां कई महान संत हुए हैं और उनकी बनाई रचनाएं, उनसे जुड़ी कहानियां दुनिया भर में मशहूर हैं. ऐसे ही एक संत थे संत नामदेव. जो कि भगवान श्रीकृष्‍ण के अवतार भगवान विट्ठल के भक्‍त थे. संत नामदेव ने महाराष्‍ट्र से लेकर पंजाब तक हरिनाम की वर्षा की. संत नामदेव की दासी थीं संत जनाबाई. जनाबाई संत नामदेव को अपना गुरु मानती थीं. जनाबाई बचपन से ही भगवान विट्ठल की भक्‍त थीं और पूरे समय 'विट्ठल-विट्ठल' जपती रहती थीं. जनाबाई की भक्ति के किस्‍से बहुत मशहूर हैं. इनमें से एक किस्‍सा गोबर से बने कंडों या उपलों से जुड़ा है, जो कि काफी मशहूर है. 

हर समय करती थीं भजन 

जनाबाई संत नामदेव के घर पर रहती थीं और घर के सारे काम करती थीं, साथ ही उनकी पूजा-अर्चना में मदद करती थीं. जनाबाई की पड़ोसन उनसे ईर्ष्‍या करती थीं और अक्‍सर उन्‍हें बुरा-भला कहती थीं. वहीं जनाबाई हर समय मन ही मन भगवान का भजन करती रहती थीं और पड़ोसन की बातों को नजरअंदाज कर देती थीं. 

पड़ोसन ने लगाया झूठा इल्‍जाम 

पड़ोसन को जब लगा कि जनाबाई पर उसकी बातों का असर नहीं हो रहा तो उसने एक दिन चाल चली. जनाबाई रोजाना गोबर के कंडे (उपले) थापा करती थीं. पड़ोसन ने यह कहकर कंडे ले लिए कि ये कंडे उसके हैं. तब जनाबाई ने कहा कि ये मेरे कंडे हैं. झगड़ा बढ़ गया. तभी वहां से राजा के सैनिक गुजर रहे थे. तो वे उन दोनों को राजा के पास ले गए. 

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जनाबाई के चरणों में गिर पड़ा राजा   

राजा ने जनाबाई से पूछा कि कोई निशानी बताओ जिससे साबित हो कि ये कंडे उनके हैं. इस पर जनाबाई ने कहा कि मैं भगवान विट्ठल का नाम जपते हुए हर काम करती हूं. कंडे बनाते समय भी मैं 'विट्ठल विट्ठल' जप रही थी. आप कंडों को कान से लगाकर देखिए उनमें से विट्ठल का नाम सुनाई देगा. ये बात सुनकर सभा में मौजूद सारे लोग चौंक पड़े. तब राजा ने सच में अपने कान के पास कंडे को ले जाकर सुना तो उससे विट्ठल विट्ठल की आवाज आ रही थी. यह सुनते ही राजा जनाबाई की भक्ति के आगे नतमस्‍तक हो गया है और उनके चरणों में झुक गया. साथ ही उनकी पड़ोसन को सजा दी. वहीं पूरी सभा भगवान की जय जयकार गूंज उठी. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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