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Saraswati Yantra: माघ महीने के शक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पचंमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार बसंत पचंमी 14 फरवरी को हैं. इस दिन कला की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. कहते हैं इसी दिन सरस्वती मां प्रकट हुई थी. इनकी पूजा से परीक्षा में सफलता मिलती है और बुद्धि का विकास होता है. इसके अलावा बसंत पचंमी के दिन सरस्वत यंत्र स्थापित करना भी शुभ माना जाता है. सरस्वती यंत्र को इस दिन घर में स्थापित करने से मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है. तो आइए जानते हैं क्या है सरस्वती यंत्र और इसे किसे कैसे स्थापित करें
क्या है सरस्वती यंत्र
सरस्वती यंत्र घर में स्थापित करना शुभ होता है. ये विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास, एकाग्रता बढ़ाने और कला के प्रेमियों को इसका मार्ग दिखाने में मदद करता है. जिस बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता हो, याददाश्त कमजोर हो उन्हें इसे धारण करने की भी सलाह दी जाती है.
कैसे स्थापित करें
इस यंत्र का फल तभी मिल सकता है जब आप इसका शुद्धिकरण और प्राण-प्रतिष्ठा करें. इसलिए इसे स्थापित करने के लिए बसंत पंचमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं. अब इस यंत्र के सामने धूपबत्ती जलाएं. अब सरस्वती यंत्र को गंगाजल और दूध से अभिषेक करें. इसके बाद कुमकुम लगाएं और पीले फूल अर्पित करें. अब 11 या 21 बार 'ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्। ' मंत्र का जाप करें और इसे उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें.
ध्यान रखें की इसकी नोक पूर्व दिशा में हो. रोजाना सुबह उठकर इसकी पूजा करें.
सरस्वती यंत्र स्थापित करने के लाभ
घर में सरस्वती यंत्र की स्थापना करने से जो बच्चे पढ़ाई में कमजोर है उनका बौद्धिक विकास होता है. पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ती है. याददाश्त तेज होती है और सफलता मिलती है.
कला के प्रेमी अगर इसे अपने घर में स्थापित करते हैं तो उन्हें इस क्षेत्र में सफलता मिलती है और खूब नाम होता है.
इसके अलावा कुंडली के दोष भी दूर होते हैं जिससे व्यक्ति तो सफलता मिलती है और बाधाएं दूर होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)