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नई दिल्ली: हिंदू पंचांग (Panchang) के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की आखिरी तारीख को अमावस्या तिथि होती है और इस तरह से साल में 12 अमावस्या (Amavasya) आती है. कल यानी 13 मार्च को फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है जिसे फाल्गुन अमावस्या के नाम से जाना जाता है. लेकिन चूंकि कल शनिवार का दिन है और अमावस्या भी इसलिए यह इस दिन शनि अमावस्या या शनैश्चरी अमावस्या (Shani Amavasya) का भी योग बन रहा है. हिंदू धर्म में वैसे भी अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि यह तिथि पितरों की तिथि होती है और इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और फिर जरूरतमंदों को दान करने से पितृ दोष (Pitra Dosh) से छुटकारा मिलता है. अगर अमावस्या शनिवार के दिन पड़े तो इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है. शनि अमावस्या पर बन रहा है कौन सा खास योग यहां जानें.
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो शनि अमावस्या के दिन 13 मार्च को चार ग्रहों का विशेष योग बन रहा है. सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र ये चारों एक साथ कुंभ राशि में रहेंगे और कुंभ शनि की ही राशि है, यानी शनि की राशि में ही चर्तुग्रही युति योग बन रहा है. आमतौर पर देव कार्य और पितृ कार्य के लिए शनैश्चरी अमावस्या अलग-अलग तिथि में पड़ती है, लेकिन इस बार देव कार्य और पितृ कार्य दोनों के लिए शनैश्चरी अमावस्या एक ही दिन पड़ रही है. इसके अलावा यह अमावस्या दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya) की श्रेणी में आ रही है. जब अमावस्या सुबह से शाम तक अपनी तिथि के अनुसार गोचर करती है तो वह दर्श कहलाती है.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि अमावस्या के दिन पितरों की शांति (Pitra Shanti) के लिए तर्पण व श्राद्ध भी किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनैश्चरी अमावस्या के दिन शनि साढ़ेसाती एवं शनि ढैय्या के बुरे प्रभाव से बचने के लिए कुछ विशेष भी उपाय किए जाते हैं. साथ ही चूंकि कल वाली अमावस्या दर्श अमावस्या भी है इसलिए ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से चंद्र देवता प्रसन्न होते हैं और सौभाग्य और समृद्धि का आर्शीवाद देते हैं.
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- शनि अमावस्या के दिन सुबह के समय घी का दीपक जलाएं और भगवान सूर्य के 12 नामों का और सूर्य चालीसा का जाप करें.
- शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा भी फलदायी मानी जाती है. इसलिए शनि देव के दुष्प्रभाव से बचने के लिए इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का एक दीपक जरूर जलाएं.
- ऐसी मान्यता है कि शनि देव को शमी का वृक्ष भी बेहद प्रिय है, इसलिए शनि अमावस्या के दिन शाम के समय शमी के पेड़ के पास एक दीपक जलाने से कई लाभ मिलते हैं.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें)