सूर्य ग्रहण की छाया में शुरू होंगी शारदीय नवरात्रि, कलश स्‍थापना से पहले जरूर कर लें ये काम
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सूर्य ग्रहण की छाया में शुरू होंगी शारदीय नवरात्रि, कलश स्‍थापना से पहले जरूर कर लें ये काम

Surya Grahan impact on Sharadiya Navratri: साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने वाला है. यह सूर्य ग्रहण शारदीय नवरात्रि शुरू होने से पहले लग रहा है, लिहाजा घटस्‍थापना को लेकर कुछ बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है. 

सूर्य ग्रहण की छाया में शुरू होंगी शारदीय नवरात्रि, कलश स्‍थापना से पहले जरूर कर लें ये काम

Navratri Sthapana Muhurat 2024: हिंदू धर्म, शास्‍त्रों में ग्रहण को अशुभ माना गया है और इस साल के 2 आखिरी ग्रहण बेहद खास मौकों पर हैं. आखिरी चंद्र ग्रहण पितृ पक्ष की शुरुआत में पड़ा और अब आखिरी सूर्य ग्रहण पितृ अमावस्‍या के दिन पड़ रहा है. जो कि शारदीय नवरात्रि से पहले होती है. यानी कि 2 अक्‍टूबर 2024 को सर्व पितृ अमावस्‍या की रात को सूर्य ग्रहण लगेगा, जो कि 3 अक्‍टूबर 2024 की तड़के सुबह तक रहेगा. वहीं 3 अक्‍टूबर को ही शारदीय नवरात्रि की घटस्‍थापना होनी है. चूंकि सूर्य ग्रहण व चंद्र ग्रहण का सूतक काल कई घंटे पहले से लग जाता है, ऐसे में नवरात्रि के पहले दिन का पूजा-पाठ और घटस्‍थापना कैसे होगी, इसे लेकर दुविधा है.  

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सूर्य ग्रहण का समय 

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024 यानी सर्वपितृ अमावस्या की रात को 9 बजकर 14 मिनट से प्रारंभ होगा, जो कि 03 अक्टूबर की तड़के सुबह 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्‍त होगा. 3 अक्टूबर को ही शारदीय नवरात्रि की कलशस्थापन भी है. लेकिन यह सूर्य ग्रहण रात में लगने के कारण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक काल भारत में मान्‍य नहीं होगा. 

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घटस्‍थापना पर असर नहीं लेकिन करना होगा ये काम 

साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने के कारण इसका सूतक काल नहीं माना जाएगा लेकिन सूर्य ग्रहण को अशुभ माना गया है इसलिए ग्रहण को लेकर कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है. इसके लिए अश्विन प्रतिपदा यानी कि शारदीय नवरात्रि के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें. तब तक सूर्य ग्रहण समाप्‍त हो जाएगा. इसके बाद गंगाजल से स्‍नान करें. फिर पूजा स्‍थल पर गंगाजल छिड़कर उसे पवित्र करें. 

 इसके बाद शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से घटस्‍थापना या कलश स्‍थापना करें. इस साल नवरात्रि की घटस्‍थापना के लिए 2 शुभ मुहूर्त हैं. पहला शुभ मुहूर्त - 3 अक्टूबर की सुबह 5 से लेकर 7 बजे तक और दूसरा शुभ मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 52 मिनट से लेकर 12 बजकर 40 मिनट तक है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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