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नई दिल्ली: माघ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी व्रत किया जाता है. वैसे तो एकादशी का व्रत हर महीने 2 बार रखा जाता है लेकिन इनमें से कुछ एकादशी को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. इनमें से षटतिला एकादशी एक है. इस साल कल यानी कि 28 जनवरी 2022, शुक्रवार को षटतिला एकादशी व्रत रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु की पूरे भक्ति भाव से पूजा करने से और तिल का दान करने से जीवन में अपार सुख-समृद्धि मिलती है.
षटतिला एकादशी तिथि 27 जनवरी को रात 02:16 बजे से शुरू होगी और 28 जनवरी की रात 11:35 बजे समाप्त होगी. षटतिला एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त 28 जनवरी की सुबह 07:11 बजे से 09:20 बजे तक रहेगा.
षटतिला एकादशी का व्रत तिल के उपयोग के बिना नहीं किया जा सकता. इतना ही इसमें 6 तरह से तिल का उपयोग करने का नियम है.
1. धर्म-शास्त्रों के मुताबिक षटतिला एकादशी के व्रत के दिन व्रती को सुबह तिल का उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए.
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2. स्नान के पानी में भी तिल के कुछ दाने डालने चाहिए.
3. भगवान विष्णु की पूजा में तिल से बनी मिठाइयों और पकवानों का भोग लगाएं. साथ ही व्रती भी तिल से बनी फलाहारी चीजों का ही सेवन करे.
4. भगवान विष्णु की पूजा-हवन में भी तिल का उपयोग करें.
5. संभव हो तो व्रती तिल के तेल से अपनी मालिश भी करे. इससे पूरे साल उसकी सेहत अच्छी रहेगी.
6. कोई भी व्रत तब तक पूरा नहीं होता है, जब तक दान न किया जाए. षटतिला एकादशी के दिन भी दान जरूर करना चाहिए. बेहतर होगा कि इस दिन तिल का दान करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)