Shiv Ji Puja: शिवलिंग में भगवान शिव ही नहीं इन देवताओं का भी होता है वास, जानें पूजा का सही तरीका
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Shiv Ji Puja: शिवलिंग में भगवान शिव ही नहीं इन देवताओं का भी होता है वास, जानें पूजा का सही तरीका

Shivling Puja: शिव पुराण की मानें तो शिवलिंग में केवल भगवान शिव का ही नहीं बल्कि कई और देवी देवताओं का भी वास होता है. हिंदू धर्म में शिवलिंग का बहुत बड़ा महत्व है. ऐसे में आइए जानते हैं कि शिवलिंग में कौन से भगवान का किस जगह वास माना गया है और उनकी पूजा विधि!

 

shivling puja niyam

Shivling Abhishek Niyam: हिंदू धर्म में शिवलिंग को भगवान शिव का ही स्वरूप मानते हैं. मंदिरों में पूजा अर्चना करने समय हम में से कई लोगों ने देखा होगा कि शिवलिंग के अलग अलग हिस्सों को अलग अलग तरीके से पूजा जाता है. बता दें कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है क्योंकि इसमें भगवान शिव के अलावा कई और देवी देवताओं का भी वास होता है. चलिए शिवपुराण में जानते हैं कि शिवलिंग में कौन सी जगह कौन कौन से देवी देवताओं का वास होता है और इनकी पूजा विधि कैसी होती है!

शिवलिंग में भगवान शिव के अलावा इनका भी है वास

पद्मपुराण के अनुसार शिवलिंग के जिस हिस्से से पानी बाहर आता है वहां पर भगवान शिव और देवी पार्वती की बेटी अशोक सुंदरी का स्थान है. शिव पुराण की मानें तो शिवलिंग के जलाधारी के आगे की तरफ जो पद चिन्ह नजर आता वहां भगवान कार्तिक और गणेश जी का स्थान होता है. वहीं जलाधारी के पीछे एक गोल स्थान होता है वहां पर माता पार्वती का हस्त कमल होता है जहां माता का वास माना गया है.

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जानें शिवलिंग पर अशोक सुंदरी की पूजा करने की विधि

अशोक सुंदरी की पूजा विधि कुछ इस प्रकार है कि पहले गंगाजल से शिवलिंग का स्नान कराएं. उसके बाद शिवलिंग पर चंदन का तिलक करने के बाद अशोक सुंदरी का जहां स्थान बताया गया है वहां पर भी तिलक लगाएं. तिलक करने के बाद बेलपत्र और फूलों की माला अर्पित करें. इसके बाद उनका ध्यान करते हुए अपनी मनोकामना उनके सामने रखें.

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शिवलिंग में विराजमान कार्तिकेय और गणेश जी की पूजा विधि

यदि दंपत्ति संतान से वंचित है या फिर किसी लंबी बीमारी से त्रस्त है तो उसे शिवलिंग पर जल चढ़ा कर अपने दोनों हाथों से 5 से 7 बार उस हिस्से को दबाना चाहिए, जहां पर कार्तिक और गणेश जी का स्थान है. ध्यान रखें कि इस दौरान श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप जरूर करें.

शिवलिंग में विराजमान माता पार्वती की पूजा विधि

जिस स्थान पर माता पार्वती का स्थान माना गया है वहां पर दोनों हाथों से स्पर्श करें. ध्यान रखें कि इस दौरान ॐ नमः शिवाय मंत्र का भी जाप करते रहें. ऐसा करने से कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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