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नई दिल्ली: फुटवेयर पर्सनालिटी पर बहुत असर डालते हैं, यह बात तकरीबन हर पर्सनालिटी डेवलपमेंट कोर्स में बताई जाती है. लेकिन ये बात बहुत कम ही लोग जानते हैं कि ज्योतिष में भी जूते-चप्पल का संबंध व्यक्तित्व और किस्मत से जोड़ा गया है. इसके लिए ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र में फुटवेयर से संबंधित कुछ नियम भी बताए गए हैं. इन नियमों का पालन करने से व्यक्ति को कभी आर्थिक परेशानियां नहीं होती हैं. आइए जानते हैं फुटवेयर से जुड़े वे जरूरी नियम जिनका हमेशा पालन करना चाहिए.
- कभी भी मंगलवार, शनिवार और ग्रहण वाले दिन जूते-चप्पल न खरीदें. ना ही अमावस्या के दिन फुटवेयर खरीदने की गलती करें. ऐसा करना बड़े नुकसान का कारण बनता है.
- फुटवेयर नए हों या केवल घर के अंदर इस्तेमाल किए जाते हों, किसी भी सूरत में उन्हें किचन में पहनकर न जाएं. ऐसा करना मां अन्नपूर्णा को नाराज कर देता है.
- इसी तरह स्टोर रूम में भी जूते-चप्पल पहनकर न जाएं. ये स्थान भी देवी अन्नपूर्णा से जुड़ा है. यहां घर का अनाज रखा जाता है. यहां पर फुटवेयर पहनकर जाना घर की सुख-समृद्धि खत्म कर देता है.
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- कभी भी एक-दूसरे के जूते-चप्पल नहीं पहना चाहिए. यहां तक कि घर के सदस्य भी एक-दूसरे के फुटवेयर न पहनें. जूते-चप्पल का संबंध शनि से है और एक-दूसरे के फुटवेयर पहनने से शनि अशुभ फल देने लगते हैं.
- पुराने जूते-चप्पलों को फेंकने की बजाय किसी को दान करना तो उत्तम है. लेकिन इसे भी दिन देखकर ही करना चाहिए. बिना सोचे समझे इन्हें किसी भी दान न करें. ऐसा करने से भाग्य पर बुरा असर पड़ता है. कहते हैं कि शनिवार के दिन जूते-चप्पल दान करना शुभ माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)