Trending Photos
Somvati Amavasya Daan: हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की आखिरी तिथि अमावस्या तिथि होती है. इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध कर्म, पिंडदान आदि करने का महत्व है. फाल्गुन माह की अमवास्या 20 फरवरी सोमवार के दिन पड़ रही है. सोमवार होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. शास्त्रों में सोमवती अमावस्या का दिन बेहद खास है. इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों मं स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर पितरों के निमित्त दान करने से नाराज पितर प्रसन्न हो जाते हैं. इतना ही नहीं, साथ ही वे अपने वंश की तरक्की का आशीर्वाद देते हैं. आइए जानें सोमवती अमवास्या के दिन किन 5 चीजों के दान से पितरों को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाया जा सकता है.
सोमवती अमावस्या के दिन करें इन चीजों का दान
चांदी की चीजों का दान
शास्त्रों के अनुसार पितर लोग का स्थान चंद्रमा के ऊपरी हिस्से में होता है. इसलिए ही पितरों को प्रसन्न करने के लिए चांदी से बनी वस्तुओं के दान की परंपरा है. कहते हैं कि चांदी की चीजों का दान करने से पितर खुश होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
काले तिल का दान
अमावस्या तिथि पर पितरों का प्रसन्न करने के लिए काले तिल का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन स्नान के बाद पितरों का ध्यान करते हुए काले तिल का दान कर दें. इतना ही नहीं, सोमवती अमावस्या के दिन जिन भी चीजों का दान करें, उस समय हाथ में तिल लेकर ही दान करें. इससे ये चीजें पितरों को प्राप्त होती हैं और वंशजों को पितरों का आशीर्वाद मिलता है.
कपड़ों का दान
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जिस तरह मनुष्य को सर्दी-गर्मी से बचने के लिए कपड़ों की जरूरत होती हैं. उसी प्रकार पितरों का भी कपड़ों की जरूरत होती है.ऐसे में सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के लिए वस्त्रों का दान करें. इस दिन धोती और गमछा दान करना उत्तम माना गया है.
दूध और चावल का दान
मान्यता है कि पितरों को खुश करने के लिए चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं जैसे दूध-चावल आदि का दान करना लाभकारी होता है. कहते हैं कि इन चीजों के दान से नाराज पितर भी वंशजों से प्रसन्न हो जाते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे वंश में वृद्धि होती है.
भूमि का दान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितरों को प्रसन्न करने के लिए भूमि का दान भी किया जाता है. कहते हैं कि अगर आप संपन्न हों और कर सकते हैं, तो अमावस्या तिथि या फिर पितृ पक्ष में भूमि का दान करना चाहिए. भूमि दान को महादान बताया गया है. कहते हैं कि बड़े पापों का प्रायश्चित करने के लिए भूमि का दान किया जाता है.
अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)