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नई दिल्ली: सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को पति की लंबी उम्र के लिए रखे जाने वाले हरियाली तीज के व्रत (Hariyali Teej Vrat) का बहुत महत्व है. यह व्रत बहुत कठिन होता है. मनचाहे जीवनसाथी की कामना और अखंड सौभाग्य के लिए लड़कियों-महिलाओं द्वारा रखे जाने वाले इस व्रत में पानी भी नहीं पिया जाता है. हालांकि कुछ व्रती फल खाकर भी यह व्रत करते हैं. आज 11 अगस्त को यह व्रत है. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके शिव-पार्वती की पूजा करती हैं. हरियाली तीज (Hariyali Teej) पर्व केवल व्रत-पूजा करने का दिन नहीं है, बल्कि इससे कई अहम परंपराएं भी जुड़ी हुई हैं.
इस बार हरियाली तीज पर एक विशेष संयोग बन रहा है, जिसके कारण इसका महत्व और बढ़ गया है. आज हरियाली तीज के दिन बुधवार है, जिसका संबंध हरे रंग (Green Color) से है. वहीं हरियाली तीज के दिन हरे रंग के कपड़े पहनने, हरी चूड़ी पहनने, मेहंदी लगाने की परंपरा है. आज के दिन महिलाएं झूला झूलती हैं. विवाहित महिलाओं के लिए उनके मायके से इस व्रत के लिए नए कपड़े, मिठाई, श्रृंगार का सामान, मेहंदी, फल आदि भेजे जाते हैं.
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यह व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती (Lord Shiva-Devi Parvati) से अपने पति की लंबी आयु पाने और मनचाहा जीवनसाथी पाने की प्रार्थना करने के लिहाज से तो अहम है ही, इसके अलावा इसका संबंध पर्यावरण (Environment) से भी है. हरियाली तीज के दिन पौधा लगाने (Plantation) की परंपरा है. ऐसा करने से बहुत पुण्य मिलता है. आज के दिन तुलसी, गुलेर, पीपल आदि का पौधा लगा सकते हैं. ख्याल रखें कि पीपल का पौधा घर में या घर के सामने न लगाएं, बल्कि इसे पार्क में या सड़क के किनारे लगाएं.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)