इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दिसंबर में होने जा रहा है. यह ग्रहण खगोलीय घटना के साथ ही ज्योतिष कारणों से भी महत्वपूर्ण होगा.
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नई दिल्ली: सूर्य ग्रहण होना दुनिया में बड़ी खगोलीय घटना माना जाता है. भारत में सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना के साथ ही ज्योतिष कारणों से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. सूर्य ग्रहण का प्रभाव मेष से लेकर मीन राशि तक सभी 12 राशियों पर पड़ता है.
इस साल सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2021) के दो योग हैं. इनमें से पहला सूर्य ग्रहण 10 जून 2021 को हो चुका है. वहीं दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण इस साल 4 दिसंबर को होगा. उस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि होगी. बड़ी बात ये है कि इस सूर्य ग्रहण के दौरान दो बड़े ग्रह अस्त रहेंगे.
सूर्य ग्रहण के दौरान जो ग्रह अस्त रहेंगे, उनमें चंद्रमा और बुध ग्रह शामिल हैं. वहीं राहु और केतु वक्री रहेंगे. ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति का भी सभी 12 राशियों पर प्रभाव ( Effects of Solar Eclipse) पड़ेगा. सनातन संस्कृति में किसी भी ग्रहण को अशुभ घटना के रूप में माना जाता है. इस दौरान शुभ कार्यों को करने और पूजा आदि करने की मनाही होती है. ग्रहण के समय मंदिर के कपाटों को बंद कर दिया जाता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्ण ग्रहण होने पर ही सूतक काल मान्य होता है. वहीं इस साल 4 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण(Surya Grahan 2021) उपछाया ग्रहण होगा. इसलिए इसमें सूतक काल मान्य नहीं होगा. इसके चलते ग्रहण वाले दिन सूतक नियमों का पालन भी अनिवार्य नहीं होगा.
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इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई पड़ेगा. भारत में इस सूर्य ग्रहण को देखा नहीं जा सकेगा.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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