Surya Puja: सूर्य को जल चढ़ाने का कौन सा है सही समय? जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
Advertisement
trendingNow11991125

Surya Puja: सूर्य को जल चढ़ाने का कौन सा है सही समय? जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

Surya Puja: जो लोग सूर्य को रोजाना नियमित तौर पर जल चढ़ाते हैं उनको सुख-सौभाग्य, यश-पुण्य और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है. हिंदू धर्म में किसी भी व्रत का शुभारंभ सूर्योदय के बाद ही होता है. चलिए जानते हैं सूर्य पूजा का सही समय, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व.

Surya Puja: सूर्य को जल चढ़ाने का कौन सा है सही समय? जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

Sun Worship Method and Significance: हिंदू धर्म में सूर्य को सभी ग्रहों के राजा माना जाता है. पुराने समय से ही सूर्य को देवता समान माना गया है. सूर्य देव ही पंच देवों में मात्र ऐसे देवता है जिनको सीधे तौर पर देखा जा सकता है. ऐसी मान्यता है जो लोग सूर्य को रोजाना नियमित तौर पर जल चढ़ाते हैं उनको सुख-सौभाग्य, यश-पुण्य और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है. हिंदू धर्म में किसी भी व्रत का शुभारंभ सूर्योदय के बाद ही होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं सूर्य देव की पूजा का सही समय धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व क्या है. चलिए जानते हैं.

सूर्य को कब जल चढ़ाएं? (Surya Arghya Time)
ऋग्वेद के मुताबिक सूर्य निकलने के 1 घंटे के अंदर ही अंदर अर्घ्य दे देना चाहिए. इस वक्त सूर्य देव ठंडे स्वभाव के होते हैं जिससे जल चढ़ाने वाले को सूर्य की किरणों से रोगों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही साधक के आत्मबल में बढ़ोत्तरी, कार्यों में सफलता और राज कृपा प्राप्त होती है. वहीं जब सूर्य की किरणे तेज होती है या चुभने लगती हैं तो साधक को जल चढ़ाने का कोई फल या लाभ नहीं मिलता है. 

सूर्य पूजा का धार्मिक महत्व (Surya Puja Religious Significance)
ज्योतिष के मुताबिक सूर्यदेव सभी ग्रहों के राजा हैं. पुराने समय में मनुष्य ही नहीं बल्कि देवता भी सूर्य की पूजा के बाद ही अपने दिन की शुरुआत करते थे. भगवान राम ने भी लंका जाने से पहले सूर्य देव को जल अर्पित किया था. इसके साथ ही श्रीकृष्ण ने भविष्य पुराण में अपने पुत्र को सूर्य पूजा का महत्व समझाया था. सूर्य पूजा से श्रीकृष्ण के पुत्र सांब को भी कई कुष्ठ रोगों से छुटकारा मिला था. 

सूर्य पूजा का ज्योतिष महत्व (Surya Puja Benefit in Jyotish)
ज्योतिष के मुताबिक नवग्रहों में सूर्य को प्रथम ग्रह और पिता के भाव का प्रतिनिधित्व करता है. सूर्य साधना से पिता-पुत्र के रिश्तों में विशेष लाभ मिलता है. इतना ही नहीं सूर्य पूजा से जातक की कुंडली में नेगेटिव असर डालने वाले ग्रहों का प्रभाव भी कम हो जाता है. अगर आप रोजाना सूर्य को जल चढ़ाते हैं तो इससे बिगड़े काम बनने लगते हैं. इससे जातक के नेतृत्व में बढ़ोत्तरी और राजसुख मिलने के योग बनते हैं. 

सूर्य पूजा का वैज्ञानिक महत्व
सूर्य की किरणों से ठंड के मौसम में विटामिन डी की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है. सूर्य पूजा के दौरान शरीर पर सूर्य किरणे पड़ने से स्किन से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा कम हो जाता है. इसके साथ ही इससे डाइजेशन भी ठीक बना रहता है और मानसिक शांति प्रदान होती है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news