Trending Photos
What Not To Keep In South: वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व है. घर की हर चीज वास्तु के अनुसार बनाई गई हो या रखी गई हो तो घर में सुख-शांति, समृद्धि आती है. अगर वास्तु को अनदेखा कर दिया जाए तो घर की शांति भंग हो जाती है. आर्थिक स्थिति बिगड़े लगती है. घर में क्लेश होने लगते हैं. वास्तु शास्त्र में घर की दक्षिण दिशा से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं.
वास्तु जानकारों के अनुसार दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है. इसके साथ-साथ इसे पितरों की दिशा भी कहा जाता है. कहते हैं कि अगर इस दिशा को लेकर कुछ बातों का ध्यान न रखा जाए, तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कहते हैं दक्षिण दिशा में कुछ चीजें रखने से बचना चाहिए. अगर आप इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं, तो व्यक्ति को कंगाली का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानें इस दिशा को लेकर बताए गए नियमों के बारे में.
दक्षिण दिशा में भूलकर भी न रखें ये चीजें
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दक्षिण दिशा में किचन कभी नहीं बनवाना चाहिए. घर की दक्षिण दिशा में किचन होने से घर की महिलाओं का स्वास्थ्य बिगड़ता है. इसके साथ ही आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगती है. घर में धन संबंधी परेशानियां आने लगती है.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दक्षिण दिशा में पूजा घर बनाने की भी मनाही होती है. पूजा घर बनवाने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है. वहीं दक्षिण दिशा में पूजा घर बनवाने से पूजा का फल नहीं मिलता. दक्षिण दिशा यम और पितरों की होती है. इसलिए इस दिशा में भगवान की मूर्ति या तस्वीर नहीं होनी चाहिए.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दक्षिण दिशा में बेडरूम भी नहीं बनवाना चाहिए. कहते हैं इससे व्यक्ति को कई बीमारियां घेर लेती है. डरावने सपने आते हैं और नींद उड़ जाती है. वहीं इस दिशा में बेड रखने से पितृ दोष भी लगता है. इसके साथ ही दक्षिण दिशा में पैर करके भी नहीं सोना चाहिए.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में जूते-चप्पल भी नहीं रखने चाहिए. घर की दक्षिण दिशा पितृ और यम देव की होती है. इसलिए इस दिशा में चप्पल जूते रखने से पितृ का अपमान होता है और वे नाराज हो जाते हैं. जिससे व्यक्ति को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)