Vijaya Ekadashi 2024: कब है विजया एकादशी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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Vijaya Ekadashi 2024: कब है विजया एकादशी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Vijaya Ekadashi 2024 Date: फाल्गुन महीने की पहली एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है. विजया एकादशी फाल्गुन माह की पहली एकादशी को मनाई जाती है. आइए जानते हैं इस साल विजया एकादशी कब है और क्या है शुभ मुहूर्त.

Vijaya Ekadashi 2024: कब है विजया एकादशी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Vijaya Ekadashi 2024: फाल्गुन महीने की शुरुआत हो चुकी है. इस महीने में कई सारे महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं. महाशिवरात्रि, होली जैसे पर्वों के लिए कई लोग पूरे साल से इंतजार करते हैं. फाल्गुन महीने की पहली एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है. विजया एकादशी फाल्गुन माह की पहली एकादशी को मनाई जाती है. आइए जानते हैं इस साल विजया एकादशी कब है और क्या है शुभ मुहूर्त.

 

कब है विजया एकादशी?
वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की एकादशी तिथि की शुरुआत 6 मार्च को सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर होगी. इसकी समाप्ति अगले दिन यानी 7 मार्च को सुबह 4 बजकर 13 मिनट पर होगी. इसके चलते विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च और 7 मार्च दोनों दिन रखा जा सकता है.

 

व्रत पारण का समय
एकादशी व्रत पारण का समय 7 मार्च को दोपहर 1 बजकर 28 से लेकर 3 बजकर 49 मिनट तक किया जा सकता है. 

 

विजया एकादशी का महत्व
हिन्दू धर्म में विजया एकादशी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. ऐसा करने से जीवन के कष्ट कम होते हैं और सुख-समृद्धि का वास होता है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा करना भी फलदायी होता है. विजया एकादशी का भक्तिभाव से व्रत रखने से कार्यों में सफलता मिलती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है.

 

पूजा विधि
विजया एकादशी पर सुबह स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े धारण करें. मंदिर और पूरे घर को गंगाजल के छिड़काव से पवित्र कर दें. इसके बाद एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. दीपक जलाकर विष्णु चालीसा, आरती करें. इसके बाद श्री हरि को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाकर सुख-शांति की प्रार्थना करें. इसके बाद परिवार के सदस्यों में प्रसाद वितरित करें.

 

विष्णु जी को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप

1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
2. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
3. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
4. ॐ विष्णवे नम:
5. ॐ हूं विष्णवे नम:

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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