हिंदू पंचांग (Panchang) के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हर साल रामनवमी (Ramnavmi) का त्योहार मनाया जाता है.
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नई दिल्ली: हिंदू पंचांग (Panchang) के अनुसार चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हर साल रामनवमी (Ramnavmi) का त्योहार मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क लग्न में अयोध्या में राजा दशरथ के घर भगवान विष्णु के सातवें अवतार प्रभु श्री राम (Lord Ram) का जन्म हुआ था. इस साल रामनवमी का त्योहार 21 अप्रैल बुधवार को है. रामनवमी का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है और इस दिन भगवान राम की पूजा अर्चना भी की जाती है.
राम नवमी तिथि- 21 अप्रैल 2021, बुधवार
नवमी तिथि प्रारंभ- 21 अप्रैल 2021 को रात में 12:43 बजे से
नवमी समाप्त- 22 अप्रैल 2021 को रात 12:35 बजे तक
रामनवमी पूजा का शुभ मुहूर्त- 21 अप्रैल बुधवार को सुबह 11:02 से लेकर दोपहर में 1:38 बजे तक
अवधि- 2 घंटे 36 मिनट
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नवमी तिथि के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान आदि करके पूजा स्थल पर प्रभु श्रीराम की मूर्ति या तस्वीर रखें. अब राम नवमी व्रत का संकल्प करें. इसके बाद भगवान श्रीराम का अक्षत, रोली, चंदन, धूप, गंध आदि से पूजन करें. इसके बाद उनको तुलसी का पत्ता और कमल का फूल अर्पित करें. फल और मिठाई का भी भोग लगाएं. आरती करें और सभी लोगों को प्रसाद का वितरण करें. आप चाहें तो इस दिन रामायण का पाठ और रामरक्षा स्त्रोत का भी पाठ कर सकते हैं.
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पौराणिक कथाओं के अनुसार लंका के राजा रावण के अत्याचार से पूरी जनता त्रस्त थी, यहां तक की देवता भी क्योंकि रावण ने ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान ले लिया था. रावण को उसके किए की सजा देने के लिए ही भगवान विष्णु ने प्रभु श्रीराम के रूप में जन्म लेने का फैसला किया. इधर, राजा दशरथ की तीन पत्नियां थीं लेकिन संतान एक भी नहीं. तब राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया और प्रसाद में मिली खीर को तीनों रानियों को खिला दिया. कुछ समय बाद चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रानी कौशल्या ने राम को, कैकेयी ने भरत को और सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया. तभी से चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हो गई.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)