Yashoda Jayanti 2024 Date: हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है. इस बार ये 1 मार्च यानी आज मनाई जा रही है. ये व्रत माताओं के लिए काफी खास माना जाता है.
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Yashoda Jayanti 2024: फाल्गुन मास में कई सारे महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं. इन्हीं में से है यशोदा जयंती. हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है. इस बार ये 1 मार्च यानी आज मनाई जा रही है. ये व्रत माताओं के लिए काफी खास माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण की माता यशोदा मैया का जन्म हुआ था. आज के दिन व्रत रखने से बच्चों की लंबी उम्र होती है और उनके जीवन से कष्ट कम होते हैं. आइए जानते हैं यशोदा जयंती का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व.
ये है शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 1 मार्च यानी आज सुबह 6 बजकर 21 मिनट से हो चुकी है. वहीं, इसकी समाप्ति कल यानी 2 मार्च को सुबह 7 बजकर 33 मिनट पर होगी. इसके चलते आज यशोदा जयंती मनाई जा रही है. भारत में गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के राज्यों में ये त्योहार मुख्य रूप से मनाया जाता है.
पूजा विधि
- यशोदा जयंती पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े धारण करने चाहिए.
- इसके बाद मैया यशोदा और भगवान कृष्ण का ध्यान करें और एक चौकी पर माता यशोदा की भगवान कृष्ण की गोद में लिए हुए तस्वीर को स्थापित करें.
- इसके बाद यशोदा माता को पीले फूलों की माला, लाल चुन्नरी अर्पित करें.
- माखन-मिश्री का भोग लगाएं और कृष्ण जी के मंत्रों का जाप करें.
- माता यशोदा और भगवान कृष्ण की आरती के साथ पूजा का समापन करें.
- फिर इसके बाद माता यशोदा और कृष्ण जी से अपनी मनोकामनाएं मांगे.
यशोदा जयंती का महत्व
यशोदा जयंती माता-बेटे के बीच के प्रेम को दर्शाता है. माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखते हैं. अगर आपको संतान सुख नहीं मिल रहा है तो इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)