आंखों में कॉन्टैक्ट लगाना खतरे से खाली नहीं है। नये अध्ययन के मुताबिक रोजाना कॉन्टैक्ट लेंस लगाने से आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन की एक शोधार्थी ने यह अध्ययन किया है। उनका कहना है, 'हमारे इस अध्ययन से भविष्य में उन शोधों को फायदा होगा जो कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले की आंखों में संक्रमण के खतरे को लेकर किए जाएंगे।' यह अध्ययन जर्नल एमबायो में प्रकाशित हुआ है।
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न्यू यॉर्क : आंखों में कॉन्टैक्ट लगाना खतरे से खाली नहीं है। नये अध्ययन के मुताबिक रोजाना कॉन्टैक्ट लेंस लगाने से आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन की एक शोधार्थी ने यह अध्ययन किया है। उनका कहना है, 'हमारे इस अध्ययन से भविष्य में उन शोधों को फायदा होगा जो कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले की आंखों में संक्रमण के खतरे को लेकर किए जाएंगे।' यह अध्ययन जर्नल एमबायो में प्रकाशित हुआ है।
शोधार्थी मारिया डोमिनगुएज बेलो के मुताबिक कॉन्टैक्ट लेंस लगाने से आंखों के प्राकृतिक माइक्रोबियल पर्यावरण में बदलाव होता है जिससे आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। उनके मुताबिक कॉन्टैक्ट इससे आंखों के अंदर प्राकृतिक जीवाणुओं के मुकाबले त्वचा पर रहने वाली जीवाणुओं की मात्रा बढ़ जाती है। उन्होंने बताया- 'अभी तक यह साफ नहीं है कि यह परिवर्तन किस प्रकार होता है। क्या ये जीवाणु हमारी ऊंगलियों से लेंस के ऊपर जाते और फिर हमारी आंखों में चले आते हैं या फिर इन लेंसों के लगाने से आंखों के प्राकृतिक जीवाणुओं की संख्या घट जाती है और त्वचा वाले जीवाणुओं की संख्या बढ़ जाती है।'