Climate Crisis: क्या जल्द होने वाला है जलवायु प्रलय? खतरनाक फेज में पहुंची धरती, नई रिपोर्ट में डरावना दावा
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Climate Crisis: क्या जल्द होने वाला है जलवायु प्रलय? खतरनाक फेज में पहुंची धरती, नई रिपोर्ट में डरावना दावा

Irreversible Climate Disaster Warning: क्या हम अपरिवर्तनीय जलवायु आपदा के कगार पर हैं? एक नई क्लाइमेट रिपोर्ट में डरावना दावा किया गया है कि पृथ्वी एक खतरनाक फेज में प्रवेश कर रही है और जल्द ही अप्रत्याशित और नए संकट का सामना करना पड़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पृथ्वी ने सौरमंडल के खतरे के 35 में से 25 महत्वपूर्ण संकेतों की सीमा पार कर ली है.

Climate Crisis: क्या जल्द होने वाला है जलवायु प्रलय? खतरनाक फेज में पहुंची धरती, नई रिपोर्ट में डरावना दावा

Hottest Year 2024: हमारे सौरमंडल के सबसे अहम ग्रह पृथ्वी के लिए यह सबसे खतरनाक दौर है. बायोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हम एक अपरिवर्तनीय जलवायु आपदा के कगार पर खड़े हैं. रिपोर्ट के अनुसार, हमारा होम प्लेनेट यानी हमारी पृथ्वी जलवायु संकट के एक महत्वपूर्ण और अप्रत्याशित नए चरण में प्रवेश कर चुकी है. जिसमें ग्रहों के लिए खतरे के महत्वपूर्ण 35 संकेत में से 25 की सीमा पार कर चुकी है.

पृथ्वी के महत्वपूर्ण संकेत बिगड़े, आया निर्णायक कार्रवाई का समय

ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के समूह द्वारा जारी सालाना रिपोर्ट, ‘जलवायु रिपोर्ट 2024 की स्थिति: पृथ्वी पर खतरनाक समय’ का निष्कर्ष है कि पृथ्वी के महत्वपूर्ण संकेत बिगड़ रहे हैं और यह निर्णायक कार्रवाई का समय है. इन महत्वपूर्ण संकेतों में मानव जनसंख्या विस्फोट, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), जुगाली करने वाले पशुओं की संख्या, प्रति व्यक्ति मांस उत्पादन और कोयला तथा तेल की खपत वगैरह शामिल हैं.

धरती पर मानव और पशुधन की आबादी में हर दिन खतरनाक बढ़त

रिपोर्ट के अनुसार, मानव और पशुधन की आबादी में खतरनाक वृद्धि हुई है. ये क्रमशः लगभग 2,00,000 और 1,70,000 प्रति दिन की तेज बढ़त है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन की खपत में भी नाटकीय रूप से तेजी आई है. इसमें 2023 में कोयले और तेल के उपयोग में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जबकि अक्षय ऊर्जा में साल भर के दौरान कुछ वृद्धि देखी गई. हालांकि, जीवाश्म ईंधन की खपत पवन और सौर ऊर्जा की तुलना में 14 गुना अधिक बनी हुई है.

दुनिया में लगातार घट रहा वृक्ष आवरण, जंगल की आग बड़ी वजह

इस बीच, वैश्विक वृक्ष आवरण भी 2022 में सालाना 28.3 मेगा हेक्टेयर के मुकाबले घटकर इस साल 22.8 मेगा हेक्टेयर रह जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि अकेले जंगल की आग ने 11.9 मेगा हेक्टेयर वृक्ष आवरण का रिकॉर्ड नुकसान पहुंचाया है. शोधकर्ताओं के अनुसार, वृक्ष आवरण के नुकसान की उच्च दर वन कार्बन पृथक्करण में कमी लाती है, जिससे अतिरिक्त वैश्विक तापमान में वृद्धि होती है. दूसरी ओर, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन भी काफी ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है.

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ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से बढ़ा खतरा, 2024 सबसे ज्यादा गर्म साल

चीन, भारत और अमेरिका ग्रीनहाउस गैस के सबसे बड़े उत्सर्जक हैं. वहीं, यूएई, सऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया में प्रति व्यक्ति ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन सबसे अधिक है. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह देखते हुए कि इस साल वैश्विक सतह का तापमान सबसे अधिक था, साल 2024 रिकॉर्ड पर सबसे ज्यादा गर्म वर्षों में से एक हो सकता है. रिपोर्ट में विस्तार से  कहा गया है कि नवंबर 2023 और अगस्त 2024 के बीच दुनिया में 16 भयानक जलवायु आपदाएं हुई हैं. इनमें जान-माल का भारी नुकसान हुआ है.

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