Dengue And Zika Virus: वैज्ञानिकों ने ऐसे बैक्टीरिया की खोज की है जो इंफेक्शन होने से पहले ही मच्छरों के पेट में डेंगू और जीका वायरस को खत्म कर देता है.
Trending Photos
Dengue And Zika Virus Infection: वैज्ञानिकों ने मच्छरों के पेट में बड़े काम का बैक्टीरिया ढूंढ निकाला है. यह इंसानों को डेंगू और जीका वायरस से होने वाली बीमारियां रोकने में मदद कर सकता है. रिसर्चर्स ने ऐसे बैक्टीरिया की पहचान की है जो मच्छरों में डेंगू और जीका वायरस का इंफेक्शन होने से पहले ही दोनों को डिसेबल कर देता है. चीनी वैज्ञानिकों की रिसर्च अभी शुरुआती स्टेज में है मगर उसके नतीजे साइंस जर्नल में छपे हैं. करीब डेढ़ दशक पहले, वैज्ञानिकों ने Wolbachia नाम के बैक्टीरिया की खोज की थी जो मच्छरों के डेंगू और अन्य वायरस फैलाने की क्षमता कम करता है. सफल ट्रायल के बाद, Wolbachia का इस्तेमाल अब दर्जनभर से ज्यादा देशों में हो रहा है. जीका वायरस का प्रकोप भले ही कुछ खास देशों तक सीमित हो लेकिन डेंगू मच्छरों से इंसानों को होने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है.
डेंगू का कोई शर्तिया इलाज या व्यापक रूप से उपलब्ध टीकों की कमी के चलते हर साल 40 करोड़ लोग बीमारी का शिकार होते हैं. अधिकतर मामले हल्के या बिना लक्षण वाले होते हैं लेकिन 20 में से हर 1 मरीज को गंभीर डेंगू हो जाता है जो जानलेवा साबित हो सकता है.
चीनी रिसर्चर्स की टीम मच्छरों के भीतर बीमारी को रोकने के लिए Wolbachia जैसे माइक्रोब्स की खोज कर रही थी. उन्होंने युन्नान प्रांत पर फोकस किया जहां एशियन टाइगर (Aedes albopictus) मच्छरों की भरमार हैं. यह प्रजाति डेंगू और जीका वायरस ट्रांसमिट कर सकती है. खुद को शिकार की तरह पेश करते हुए टीम ने मच्छरों का इंतजार किया. लैब के भीतर उनके पेट से बैक्टीरिया की 55 प्रजातियों की पहचान हुई. उनमें एंटीवायरल गुण है या नहीं, यह देखने के लिए वैज्ञानिकों ने मच्छरों को एंटीबायोटिक दी. फिर उन्होंने मच्छरों को कुछ खास बैक्टीरिया दिए और डेंगू वायरस से संक्रमित इंसानी खून भी. एक कंट्रोल ग्रुप को एंटीबायोटिक्स और वायरस दिया गया लेकिन कोई बैक्टीरिया नहीं.
वैज्ञानिकों की नजर Rosenbergiella_YN46 नाम के बैक्टीरिया पर गई. जिन मच्छरों को यह बैक्टीरिया दिया गया था, उनमें हफ्ते भर बाद वायरस की कम मात्रा मिली. वैज्ञानिकों ने येलो फीवर मच्छर - एडीज एजिप्टी पर भी यही प्रयोग दोहराया. वैज्ञानिकों ने मच्छरों के लार्वा से भरे पानी में भी Rosenbergiella_YN46 बैक्टीरिया डालकर देखा. उन्होंने पाया कि बैक्टीरिया संक्रमण को पनपने से रोकने में कामयाब रहा. इस बैक्टीरिया का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने से पहले रिसर्चर्स को और स्टडी की जरूरत होगी.