दुनिया में पहली बार 'Living Coffin' में किया गया अंतिम संस्‍कार, अनूठी चीज से बना है ये ताबूत
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दुनिया में पहली बार 'Living Coffin' में किया गया अंतिम संस्‍कार, अनूठी चीज से बना है ये ताबूत

डेल्‍फ्ट टेक्‍नीकल यूनिवर्सिटी की स्‍टूडेंट लेबोरेटरी में इस ताबूत को बनाने वाले बॉब हेंड्रिक्‍स ने कहा, 'यह दुनिया का पहला जीवित ताबूत है और पिछले शनिवार को नीदरलैंड में पहली बार एक इंसान के शरीर को खाद में तब्‍दील करने के लिए इसका इस्तेमाल हुआ.' 

मशरूम की जड़ से बना ताबूत (एएफपी)

नीदरलैंड: शव के डीकंपोजिशन में तेजी लाने के लिए नीदरलैंड में एक अनूठा प्रयोग किया गया है. यहां एक 'जीवित ताबूत' (Living Coffin) में एक व्‍यक्ति का अंतिम संस्‍कार किया गया. ऐसे अनूठे ताबूत में अंतिम संस्‍कार (Last Rites) किए जाने का ये दुनिया का पहला मामला है.

  1. लिविंग कफिन में अंतिम संस्‍कार करने का पहला मामला 
  2. बॉडी के डीकंपोजिशन में आएगी तेजी 
  3. मशरूम से बना है ये अनूठा ताबूत 

इस ताबूत को 'Living Cocoon' नाम दिया गया है. यह ताबूत मायसेलियम (Mycelium) से बना है, जो कि मशरूम की जड़ होती है.

डेल्‍फ्ट टेक्‍नीकल यूनिवर्सिटी की स्‍टूडेंट लेबोरेटरी में इस ताबूत को बनाने वाले बॉब हेंड्रिक्‍स ने कहा, 'यह दुनिया का पहला जीवित ताबूत है और पिछले शनिवार को नीदरलैंड में पहली बार एक इंसान के शरीर को खाद में तब्‍दील करने के लिए इसका इस्तेमाल हुआ.' 

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इन ताबूतों की मदद से शरीर दो से तीन वर्षों में डीकंपोज (Decomposition) हो सकता है जबकि पारंपरिक ताबूत में ऐसा होने में 10 साल लग जाते हैं. यह ताबूत 30 से 45 दिनों के भीतर गायब हो जाएगा. 

हेंड्रिकैक्स ने माइसेलियम को प्रकृति का 'सबसे बड़ा रिसाइकलर' बताते हुए कहा कि शरीर को दफनाने के लिए इस ताबूत का उपयोग करना 'सबसे अच्‍छा प्राकृतिक तरीका' है. उन्‍होंने आगे कहा, 'इसके कारण अब हम अपने शरीर, ताबूत और इसके साथ जाने वाली अन्‍य चीजों के साथ पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करेंगे, बल्कि यह तो शरीर को खाद में बदलकर प्रकृति को और समृद्ध करेगा.' 

हेंड्रिक्‍स ने कहा कि यह कास्केट (Casket) किसी की जेब पर बोझ भी नहीं डालेगा क्योंकि इसकी कीमत करीब 1500 यूरो (8 लाख रुपये या 1,764.87 अमेरिकी डॉलर) है. 

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