Bullet Speed: बुलेट की स्पीड के बारे में क्या है ख्याल, रफ्तार की बात सुन पकड़ लेंगे माथा
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Bullet Speed: बुलेट की स्पीड के बारे में क्या है ख्याल, रफ्तार की बात सुन पकड़ लेंगे माथा

 Bullet Speed:  बंदूक से निकली गोली की रफ्तार कितनी होती है. बुलेट की रफ्तार के पीछे वजह क्या है. क्या सभी बुलेट की स्पीड एक जैसी होती है या फर्क होता है. क्या बुलेट 11 फुटबॉल के मैदान को कवर कर सकती है.

Bullet Speed: बुलेट की स्पीड के बारे में क्या है ख्याल, रफ्तार की बात सुन पकड़ लेंगे माथा

Bullet Speed Science:  ऐसा अक्सर कहा जाता है कि सुपरमैन की रफ्तार बुलेट से तेज होती है लेकिन आप बुलेट ट्रेन को चलती हुई स्थिति में जूम कर देख सकते हैं. यहां सवाल यह है कि बुलेट यानी गोली की रफ्तार कितनी होती है. इसके बारे में जानकार कहते हैं कि जब किसी बंदूक से फायरिंग होती है तो निकलने वाली गोली की रफ्तार एक जैसी नहीं होती.  गोली की रफ्तार के लिए अलग अलग फैक्टर जिम्मेदार होते हैं. खास तौर से बुलेट की रफ्तार के आकलन को दो कैटिगरी में बांटा गया है. पहली श्रेणी में इंटरनल बैलिस्टिक यानी बंदूक का बैरल, गोली का वजन, बैरल की लंबाई. दूसरी श्रेणी में एक्सटर्नल बैलिस्टिक यानी हवा की रफ्तार, ग्रेविटी, किस एंगल से फायरिंग की जा रही है, कितनी दूरी तक फायरिंग हो रही है और इन दोनों को मिलाकर टर्मिनल बैलिस्टिक श्रेणी में रखा गया है. इसमें गोली के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है जब वो किसी टारगेट को निशाना बनाती है.

क्या कहते हैं शोधकर्ता

बुलेट पर विशेष अध्ययन करने वाले माइकल हॉग बताते हैं कि गोली की खुद की स्पीड से ज्यादा महत्व इस बात का है कि उस पर कितना दबाव डाला गया है. गोली पर दबाव ही उसके रफ्तार को तय करती है. जैसे ज्यादातर बुलेट लेड, के बने होते हैं जिस पर ब्रास या कॉपर की कोटिंग होती है. इसकी वजह से गोली रफ्तार के साथ बैरल से बाहर आती है. हॉग इसके लिए पिंग पॉन्ग बॉल और गोल्फ बॉल का उदाहरण लेकर समझाते हैं, दोनों को आप एक साथ हाथ से छोड़िए तो आप देखते हैं कि गोल्फ बॉल के द्रव्यमान की वजन से दूरी लंबी तय होती है.

इतनी स्पीड कि रह जाएंगे दंग

जब गोली के अंदर बारूद में गर्मी आती है तो उसे गैस बनती है और वो गैस गोली को आगे की तरफ धकेलने का काम करती है, यह केमिकल इंजीनियरिंग बेजोड़ उदाहरण है. इस वजह से इस कारण से, राइफलें सबसे अधिक गति उत्पन्न करती हैं. राइफलों का उपयोग लंबी दूरी तक करने के लिए किया जाता है, और इससे चलाई गई गोली 2 मील (3.2 किलोमीटर) तक जा सकती है. बंदूक बनाने वाले कभी-कभी बैरल के अंदर पेचदार लकीरें जोड़ते हैं. जिससे गोली घूमती है और तेजी के साथ निकलती है. राइफल की गोलियां जैसे कि रेमिंगटन 223,  2727 मील प्रति घंटे (4,390 किमी/घंटा) तक की गति से बैरल से बाहर निकलती हैं. यह एक सेकेंड में 11 फुटबॉल मैदानों की दूरी तय करने में सक्षम होती है. 9 मिमी लुगर हैंडगन की एक गोली 1,360 मील प्रति घंटे (2200 किमी/घंटा) की गति से आधी दूरी तय करेगी. दुनिया में सबसे आम आग्नेयास्त्रों में से एक एके-47 जैसी कोई चीज, लगभग 1600 मील प्रति घंटे (2,580 किमी/घंटा) के  वेग के साथ निकलती है. कई अन्य राइफलों की तुलना में तेजी से इससे तेजी से गोलियां नहीं चलाती है. क्योंकि यह एक स्वचालित हथियार है और ट्रिगर जारी होने तक लगातार फायर करता है. 

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