James Webb Space Telescope: जेम्स वेब टेलीस्कोप ने ज्ञात ब्रह्मांड की दो सबसे पुरानी आकाशगंगाओं को खोज निकाला है. ये आकाशगंगाएं बिग बैंग के महज 300 मिलियन साल बाद बनी थीं.
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James Webb Telescope Discovery: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने फिर कमाल किया है! वैज्ञानिकों ने JWST की मदद से सबसे पुरानी, सबसे दूर मौजूद आकाशगंगाओं की खोज की है. रिसर्चर्स के मुताबिक, ये आकाशगंगाएं बिग बैंग के सिर्फ 300 मिलियन साल बाद अस्तित्व में आई थीं. इन प्राचीन आकाशगंगाओं की खोज ने पिछले साल JWST की ही एक और खोज का रिकॉर्ड तोड़ा है. JWST ने पिछले साल बिग बैंग के 330 मिलियन साल बाद बनी आकाशगंगाओं को खोज निकाला था.
नई खोजी गईं आकाशगंगाएं बेहद प्राचीन तो हैं ही, उनका आकार भी काफी बड़ा है. इन आकाशगंगाओं का नाम JADES-GS-z14-0 और JADES-GS-z14-1 रखा गया है. 28 मई को प्रीप्रिंट सर्वर arXiv पर छपी स्टडी के मुताबिक, इनमें से एक आकाशगंगा 1,600 प्रकाश वर्ष में फैली है. इससे उस धारणा को बल मिला है कि ब्रह्मांड की शुरुआती आकाशगंगाएं कहीं ज्यादा तेजी से बड़ी हुईं. इनके बढ़ने की रफ्तार खगोल विज्ञान के तमाम सिद्धांतों में जताई गई संभावना से कहीं तेज है.
स्टडी के लीड ऑथर स्टेफानो कार्नियानी ने एक बयान में कहा, 'यह आश्चर्यजनक है कि ब्रह्मांड केवल 300 मिलियन वर्षों में ऐसी आकाशगंगा बना सकता है'.
रिसर्चर्स को ये दोनों आकाशगंगाएं Hubble Ultra Deep Field नाम के इलाके में मिली हैं. हबल स्पेस टेलीस्कोप ने इस इलाके में ऐसी आकाशगंगाएं खोजी थीं जो ब्रह्मांड के शुरुआती 800 मिलियन सालों में बनी थीं. हबल उससे भी पुरानी आकाशगंगाओं को पकड़ नहीं पाया क्योंकि उनका प्रकाश इंफ्रारेड वेवलेंथ्स में शिफ्ट कर चुका था. JWST के ताकतवर इंफ्रारेड इंस्ट्रूमेंट ने प्राचीन आकाशगंगाओं को ढूंढ निकाला. रिसर्च टीम ने JWST के नियर-इंफ्रारेड कैमरा से करीब 5 दिन तक हबल अल्ट्रा डीप फील्ड की निगरानी की.
The world’s most powerful space telescope has done it again.
Webb has discovered what appears to be a new record-holder for the most distant known galaxy — shattering its own previous record. This galaxy existed only 290 million years after the big bang: https://t.co/6JN3L2CvRG pic.twitter.com/pbshZ2H0GC
— NASA Webb Telescope (@NASAWebb) May 30, 2024
वैज्ञानिकों के अनुसार, दोनों आकाशगंगाओं में से JADES-GS-z14-0 का साइज ज्यादा बड़ा है. रिसर्चर्स को लगता है कि इसके केंद्र में कोई महाविशाल ब्लैक होल नहीं है, बल्कि वहां अब भी तारों का निर्माण जारी है. आकाशगंगा से आने वाले प्रकाश की वेवलेंथ्स को स्टडी कर वैज्ञानिकों ने आसपास मौजूद गैस में हाइड्रोजन और संभावित ऑक्सीजन के परमाणुओं का पता लगाया है. जवान और तारा बनाने वाली आकाशगंगाओं में ऐसे परमाणु मिलना आम बात है.
मजे की बात यह है कि अगर इन आकाशगंगाओं का प्रकाश 10 गुना झीना भी होता, तब भी उन्हें JWST पकड़ लेता. इससे वैज्ञानिकों को उम्मीद जगी है कि वे JWST की मदद से सुदूर अंतरिक्ष के अन्य ऑब्जेक्ट्स को भी निहार पाएंगे. इससे ब्रह्मांड के शुरुआती समय के बारे में हमारी जानकारी में खासा इजाफा होगा.