भारत के Tamil Nadu में स्थित है बेहद Mysterious Stone, जिसे विज्ञान भी नहीं हिला सका
Advertisement
trendingNow1826195

भारत के Tamil Nadu में स्थित है बेहद Mysterious Stone, जिसे विज्ञान भी नहीं हिला सका

महाबलिपुरम (Mahabalipuram) का बटरबॉल तमिलनाडु (Tamil Nadu) में स्थित एक विशाल ग्रेनाइट चट्टान है. 6 मीटर ऊंची और 5 मीटर चौड़ी इस चट्टान का वजन 250 टन है और यह ढलान पर है. आप जान कर चौंक जाएंगे कि यह चट्टान पिछले 1200 वर्षों से यहां ढलान पर स्थित है. इसे यूनेस्को (UNESCO) के विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) के रूप में मान्यता प्राप्त है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: दुनिया में एक से बढ़ कर एक अजीबोगरीब चीजें हैं, जिन पर वैज्ञानिक लगातार रिसर्च करते रहते हैं. कई घटनाएं और वस्तुएं साइंटिस्ट (Scientist) के लिए चुनौती बनी हुई हैं. इन घटनाओं और रहस्यों को विज्ञान अब तक नहीं सुलझा पाया है. ऐसी ही एक चुनौती है महाबलिपुरम का बटरबॉल (Butterball), जो 1200 वर्षों से साइंस को चैलेंज कर रहा है. इसे कृष्णा का बटरबॉल (Krishna's Butterball) कहते हैं. आइए जानते हैं इस बटरबॉल के पीछे का वैज्ञानिक तर्क और रहस्य.

  1. तमिल नाडु में स्थित बटरबॉल विज्ञान के लिए पहेली है
  2. 6 मीटर ऊंची और 5 मीटर चौड़ी इस चट्टान का वजन 250 टन है 
  3. इसे आज तक कोई हिला नहीं पाया है

क्या है बटरबॉल?

महाबलिपुरम का कृष्णा बटरबॉल (Krishna's Butterball) तमिलनाडु (Tamil Nadu) में स्थित एक विशाल ग्रेनाइट चट्टान (Mysterious Stone) है. 6 मीटर ऊंची और 5 मीटर चौड़ी इस चट्टान का वजन 250 टन है और यह ढलान पर स्थित है. आप जान कर चौंक जाएंगे कि यह चट्टान पिछले 1200 वर्षों से इसी ढलान पर स्थित है. चट्टान का मूल नाम Vaan Irai Kal है, जिसका अर्थ है, 'आकाश के देवता का पत्थर'. इसे यूनेस्को (UNESCO) द्वारा विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Site) की मान्यता प्राप्त है.

यह भी पढ़ें- इस ग्रह पर मौजूद है सौर मंडल की सबसे विशाल और खूबसूरत घाटी, देखें तस्वीर

इसके पीछे का वैज्ञानिक तर्क 

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह चट्टान अपने प्राकृतिक स्‍वरूप में है. भूवैज्ञानिकों के मुताबिक, धरती में आए प्राकृतिक बदलाव की वजह से इस तरह के असामान्‍य आकार के पत्‍थर का जन्‍म हुआ है. वर्तमान समय में विज्ञान इतनी प्रगति कर चुका है लेकिन इसके बावजूद भी अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि 4 फीट के बेस पर यह 250 टन का पत्‍थर कैसे टिका हुआ है.

कुछ लोगों का दावा है कि पत्‍थर के न लुढ़कने की वजह घर्षण (Friction) और गुरुत्‍वाकर्षण (Gravity) है. भूवैज्ञानिकों का तर्क है कि प्राकृतिक क्षरण (Corrosion) में इस तरह के असामान्य आकार का उत्पादन करने की संभावना नहीं है. कुछ का मानना ​​है कि देवताओं ने खुद इसे रखा है. वहीं, कुछ का कहना है कि इसे एलियंस ने रखा है.

ये भी पढ़ें- Science: सिर्फ कागज दबाने से चार्ज हो जाएगा मोबाइल, जानें Paper Device की खूबियां

VIDEO

इसे हटाने की सारी कोशिशें नाकाम 

इस पत्थर को हटाने की अब तक की सभी कोशिशें नाकाम रही हैं. 1908 में महाबलिपुरम के गवर्नर आर्थर हैवलॉक ने सात हाथियों का उपयोग करके चट्टान को स्थानांतरित करने का प्रयास किया था, लेकिन चट्टान एक इंच भी नहीं हिला. पल्लव राजा नरसिंहवर्मन ने भी चट्टान को हिलाने की नाकाम कोशिश की थी. लोगों का मानना ​​है कि किसी दिन चट्टान नीचे लुढ़क जाएगी, लेकिन यह पिछले 1200 वर्षों से हिली भी नहीं है! 

250 टन वजनी पत्‍थर 'कृष्‍णा बटर बॉल' (Krishna's Butterball) पिछले करीब 1300 सौ वर्षों से भूकंप, सुनामी, चक्रवात समेत कई प्राकृतिक आपदाओं के बाद भी अपने स्‍थान पर बना हुआ है. यही नहीं, इस पत्‍थर को हटाने के लिए कई बार मानवीय असफल प्रयास भी किए गए हैं. दुनियाभर से महाबलिपुरम पहुंचने वाले लोग प्राकृतिक पत्‍थर से बने कृष्‍णा बटर बॉल को देखकर अचंभित हो जाते हैं.

लोककथाओं की मान्यता 

वहीं हिंदू लोककथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण अक्सर अपनी मां के घड़े से मक्खन चुराया करते थे और इस प्राकृतिक चट्टान को मक्खन के द्रव्यमान के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है! इसीलिए इसका नाम कृष्णा का बटरबॉल है.

विज्ञान से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Trending news