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नई दिल्ली: प्रकाश संश्लेषण यानी ‘फोटो सिंथेसिस’ (Photosynthesis) ऐसी प्रक्रिया मानी जाती है जो पेड़- पौधों के लिए आवश्यक है. पौधों की वजह से बहुत पहले ही पृथ्वी पर सूक्ष्मजीवों के जरिए जीवन पनप चुका था. ताजा अध्ययन से पता चला है कि शुरुआती बैक्टीरिया (Bacteria) के पास ऐसी प्रक्रियाएं थी जिसमें प्रकाश संश्लेषण के अहम चरण शामिल थे. यह पड़ताल पृथ्वी (Earth) पर जीवन पनपने को लेकर हमारी सोच में बदलाव कर सकती है.
ये अध्ययन जीवन के विकास की धारणाओं को भी चुनौती दे सकती है. पृथ्वी पर जीवन के विकास के क्रम में ऑक्सीजन पैदा करने वाली प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया को एक अहम पड़ाव माना जाता है, इसके आने के बाद ही जटिल जीवन पनप सका. माना जाता है कि इसमें कई अरब सालों का समय लगा था.
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स्टडी में ये दावा किया गया है कि प्रकाश संश्लेषण की कुछ प्रक्रियाएं शुरुआती जीवन के समय में भी हुआ करती थीं. इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों की अगुआई वाली टीम ने प्रकाश संश्लेषण के लिए जरूरी अहम प्रोटीन के विकास के संकेत और पृथ्वी के बैक्टीरिया जीवन की उत्पत्ति के समय तक पता लगाए.
आपको बता दें कि ये नतीजे BBA बायोएनर्जेटिक्स के जर्नल में प्रकाशित हुए हैं. इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता और इम्पीरियल में लाइफ साइंस विभाग के डॉ तानाई कार्डोना (Tanai Cardona) ने बताया, 'हमने पहले दर्शाया था कि ऑक्सीजन उत्पादन के लिए फोटोसिस्टम 2 नाम का जैविक तंत्र बहुत ही पुराना था जिसे अभी तक हम जीवन के इतिहास में उसे सही समयावधि में नहीं रख सके थे.'
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कार्डोना के अनुसार, 'अब हम जानते हैं कि फोटोसिस्टम 2 विकास के स्वरूप दिखा रहा है जो केवल पुराने इनजाइम में हुआ करते थे जो जीवन के विकास के लिए जिम्मेदार थे. प्रकाश संश्लेषण दो प्रकार का होता है एक से ऑक्सीजन का उत्पादन होता है लेकिन दूसरी से नहीं. ऑक्सीजन पैदा करने वाला प्रकाश संश्लेषण बाद में विकसित हुआ माना जाता है.'
नए अध्ययन के अनुसार ऑक्सीजन पैदा करने वाले प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में एनजाइम में शुरुआती बैक्टीरिया में मौजूद रहे होंगे. गौरतलब है कि पृथ्वी पर शुरुआती जीवन के संकेत 3.4 अरब साल पुराने हैं और कुछ शोध बताते हैं कि यह 4 अरब साल से ज्यादा पुराने हो सकते हैं.
जिस तरह से शुरुआत में आंखें विकसित होते समय केवल प्रकाश ही महसूस कर पाती थी लेकिन रंग नहीं. उसी तरह शुरुआती समय में प्रकाश संश्लेषण अक्षम और धीमा हुआ करता था. पृथ्वी पर बैक्टीरिया को साइनोबैक्टीरिया में विकसित होने में एक अरब साल का समय लगा था. इस बदलाव को आने में काफी कम समय लगा होगा क्योंकि तब वातावरण में ऑक्सीजन पैदा करने के स्रोत उपलब्ध थे. गौरतलब है कि फोटोसिंथिस प्रोटीन के विकास का का क्रम पुराने एंजाइम की तरह ही है. यह खोज दूसरे ग्रहों में जीवन की खोज में मददगार हो सकती है.