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नई दिल्ली: मंगल ग्रह (Mars) यूं तो शांत प्लानेट लगता है. यहां का तापमान बहुत ही ठंडा है. इसके सतह पर भी बर्फ (Ice) मिल जाएगी. यहां तक कि रेगिस्तान तक जमे हुए हैं लेकिन फिर भी इस ग्रह पर बहुत ज्यादा भूगर्भीय (Geological) गतिविधियां हो रही हैं. नासा (NASA) के इंसाइट (InSight) अभियान के जरिए वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि मंगल ग्रह पर भूकंप (Mars quake) आ रहे हैं. जो इस ग्रह को भूकंपीय के हिसाब से सक्रिय (seismically active) बनाए हैं, लेकिन वहां भूस्खलन (Landslide) जैसी घटनाएं वैज्ञानिकों के लिए एक पहेली (Surprised Scientists) बनी हुई हैं.
पिछले कुछ सालों में मंगल ग्रह में रहस्मयी ऐक्टिविटी जिसे रिकरिंग स्लोप लाइने (Recurring Slope Lineae) या आरएसएल कहा जाता है, ने वैज्ञानिकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. इस तरह की घटनाएं (Earth Like Events On Mars Planet) भूस्खलन की तरह हैं लेकिन वैज्ञानिकों को अब तक इसकी वजह का पता नहीं चल सका है.
वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि ये घटनाएं वहीं होती हैं जहां बर्फ कम होती है. बिशप बताते हैं कि दिलचस्प बात यह है कि यह घटनाएं धूल के तूफानों के कुछ महीनों बाद और बढ़ जाती हैं और फिर होना बंद जाती हैं. लेकिन बाद में उसी इलाके में फिर से होने लगती हैं. इतना ही नहीं ये मंगल के भूमध्य रेखा के इलाकों में सबसे ज्यादा होती है जहां बर्फ भी काफी कम है.
हाल ही में यह पाया गया कि ये भूस्खलन किसी रोवर या लैंडर के द्वारा नहीं देखे गए. अब वैज्ञानिक प्रयोगशाला में ही मंगल की तरह की परिस्थितियां पैदा कर इन रहस्यमयी भूस्खलन के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं.
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वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसी घटनाएं केवल मंगल ग्रह पर ही नहीं होती हैं. हमारी पृथ्वी पर भी इस तरह की घटनाएं चिली के आटाकामा रेगिस्तान, अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों और मृत सागर के पास देखने को मिलती हैं. वैज्ञानिकों ने पाया है कि पृथ्वी पर यह भूस्खलन वहां हुए हैं जहां नमक पानी या सल्फेट से अंतरक्रिया करता है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि अटार्कटिका और आटाकामा में मंगल की तरह घटना देखने को मिलती है. ये दोनों ही बहुत ही सूखे वातावरण हैं. अंटार्कटिका में एक अच्छी बात यह है कि वह बहुत ही ठंडा है. यहां की बीकोन घाटी मंगल के माहौल की ही तरह है.
क्या कहते हैं नासा के वैज्ञानिक मंगल ग्रह के हालातों पर विशेष तौर से शोध कर रहे हैं. उनका मानना है कि एक समय में मंगल पर जीवन के अनुकूल हालात थे और वे यह भी जानना चाहते हैं कि आज वहां ऐसे हालात होने की क्या वजहें हैं. इन सवालों के जवाब से उन्हें उम्मीद है कि इससे पृथ्वी के भविष्य की जानकारी भी हासिल की जा सकती है.
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