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Mirage Effect Explanation: क्या आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि आप किसी लंबी दूरी के सफर पर निकले हैं और सड़क पर दूर कहीं पानी फैला हुआ दिख रहा हो. जब आप उस पानी की वाली जगह पर जाते हैं तो पानी वहां से गायब हो जाता है, फिर आगे कुछ दूर वही पानी फैला हुआ नजर आता है. ये घटना बार बार होती है. ऐसा भ्रम हमारे साथ अक्सर रेगिस्तानों में भी होता है. क्या आपने सोचा है कि इसके पीछे की वजह क्या है.
ऐसा होने का लॉजिक
साइंस की किताबों में इस तरह के वायुमंडलीय दृष्टिभ्रम को मरीचिका (Mirage) नाम दिया गया है. इसमें कहीं दूर तालाब दिखते हैं, तो कहीं बड़े आकार की परछाईं. इसकी व्याख्या के लिए आपको थोड़ा पीछे जाकर साइंस के किताबों को पलटना पड़ेगा. जब आप अपवर्तन (refraction) वाले चैप्टर पर पहुंचेंगे तो पता चलेगा कि गर्मियों में पृथ्वी की सतह से हवा गर्म होकर ऊपर की ओर उठती है और पहले से मौजूद ठंडी हवा किसी सघन मीडियम के जैसे काम करती है. इस तरह हवा में कई लेयर बन जाते हैं.
सारा खेल मीडियम का
दूर आनेवाला प्रकाश जैसे-जैसे हवा की परतों से अपवर्तित (प्रकाश का अपने मार्ग से थोड़ा विचलित होना) होता है, वैसे वैसे वह सामान्य रेखा से अधिक विचलित (Deviate) होता जाता है. यहीं वजह है कि किसी वस्तु की काल्पनिक उल्टी परछाईं बन जाती है. इसके लिए इतना जरूरी है कि दूर से आने वाला प्रकाश पूरी तरह से परावर्तित (प्रकाश की किसी सतह से टकरा कर वापस उसी मीडियम में लौट जाना) हो जाए और ऐसा होने पर आपको दूर कहीं तालाब दिखाई देने का भ्रम हो जाता है.
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