Space Weather magazine में अगस्त में छपे एक पेपर के मुताबिक, जहां स्पेस रेडिएशन की वजह से मंगल पर जाने वाले Manned Mission में कई गंभीर परिणाम और दूसरी तकनीकी दिक्कतें सामने आ सकती हैं, ऐसा नहीं है कि ऐसा मिशन बिल्कुल असंभव है.
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नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने बताया है कि मंगल (Mars) पर जाने का सबसे सही समय क्या होगा? UCLA Research Scientists की टीम ने Optimal Time को कैलकुलेट कर बताया है कि मंगल पर Solar Maximum के दौरान जा सकते हैं और तब रेडिएशन का खतरा नहीं होगा.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये वो समय होता है जब सूरज (Sun) सबसे गर्म होता है. अगर इस समय एस्ट्रोनॉमर्स मंगल ग्रह पर जाते हैं तो सोलर मैक्सिमम उन्हें घातक Cosmic Rays से बचाएगा.
वैज्ञानिकों का मंगल पर ह्यूमन मिशन का सपना घातक रेडिएशन की वजह से पूरा नहीं हो पा रहा है. इस ग्रह पर लॉन्ग टर्म स्पेस फ्लाइट्स के जाने से एस्ट्रोनॉमर्स को घातक रेडिएशन का सामना करना पड़ सकता है, जिससे ब्रेन डैमेज, पेट से जुड़ी समस्याएं और कैंसर का खतरा हो सकता है, लेकिन अब इस पर एक स्टडी की गई है, जिसमें ये बताया गया है कि एक निश्चित समय पर मंगल ग्रह पर जाने से ये ट्रिप सुरक्षित होगी.
Space Weather magazine में अगस्त में छपे एक पेपर के मुताबिक, इस स्टडी में सामने आया है कि जहां स्पेस रेडिएशन की वजह से मंगल पर जाने वाले Manned Mission में कई गंभीर परिणाम और दूसरी तकनीकी दिक्कतें सामने आ सकती हैं, ऐसा नहीं है कि ऐसा मिशन बिल्कुल असंभव है. मंगल पर अभी भी जाया जा सकता है. स्टडी में सोलर मैक्सिमम को इसके लिए सही समय बताया गया है.
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डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने अपने कैलकुलेशन से बताया है कि मंगल ग्रह पर जाने वाले स्पेसक्राफ्ट को सूरज से निकलने वाले एनर्जेटिक पार्टिकल्स की शील्ड मिलेगी क्योंकि, इस वक्त बढ़ी हुई सोलर एक्टिविटी की वजह से अलग-अलग गैलेक्सी से निकलने वाले खतरनाक एनर्जेटिक कण रास्ते से हट जाएंगे.
UCLA की रिसर्च जियोफिजिसिस्ट Yuri Shprits और इस पेपर की को-ऑथर ने कहा कि इस तरह की ट्रिप संभव है. मंगल ग्रह पर एक औसत फ्लाइट को जाने में 9 महीने का समय लगता है, इसलिए लॉन्च की टाइमिग और उपलब्ध ईंधन के हिसाब से देखा जाए तो ये संभव है कि एक ह्यूमन मिशन इस ग्रह पर पहुंच सके और दो साल से भी कम वक्त में वापस धरती पर आ सके.