Far side of the Moon: चंद्रमा के बारे में जो गलतफहमियां लोगों को हैं वो नासा ने दूर कर दी हैं. नासा ने साफ कहा है कि मून की डार्क साइड जैसा कुछ नहीं है.
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Moon Dark Side: चंदा मामा तो हर बच्चे के फेवरेट हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि हम इंसान लंबे समय से एक गलतफहमी पाले बैठा है, जिसे अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने दूर कर दिया है. ये गलतफहमी इसलिए भी थी क्योंकि हमें चंद्रमा (Moon) का वो हिस्सा दिखता नहीं था तो हम सोचते थे कि वह चंद्रमा का डार्क साइड (Moon Dark Side) है. हम मानते थे कि चांद के उस हिस्से पर कभी सूर्य की रोशनी नहीं पहुंचती है, इसलिए वहां अंधेरा रहता है. लेकिन ऐसा नहीं है. नासा ने चंद्रमा के इस रहस्य से पर्दा उठा दिया है.
नासा ने कर दिया बड़ा खुलासा
बता दें कि नासा ने चंद्रमा की एक फोटो को जारी करते हुए बताया है कि चंद्रमा पर कोई डार्क साइड नहीं है. चंद्रमा के जिस हिस्से को लोग डार्क साइड बताते हैं, वहां भी सूर्य की रोशनी बराबर ही पहुंचती है. ये बात अलग है कि चंद्रमा का ये हिस्सा हमें कभी अपने घर से दिखाई नहीं देता है.
चंद्रमा की डार्क साइड में क्या है?
नासा ने बताया कि चंद्रमा के जिस हिस्से को आमतौर पर डार्क कहा जाता है, उसकी कई विशेषताएं हैं. उसमें कुछ मारिया और बड़े बेसाल्टिक मैदान हैं. जो ज्वालामुखी के फटने से बने हैं. जान लें कि मारिया सागर को कहते हैं. मारिया लैटिन भाषा का शब्द है. हालांकि, पहले खगोलशास्त्री सोचते थे कि चंद्रमा के डार्क एरिया में महासागर होंगे.
क्यों नहीं दिखता चांद का डार्क साइड?
अब ये समझ लेते हैं कि चंद्रमा का डार्क साइड हमें क्यों नहीं दिखता है? चंद्रमा की परिक्रमा करने का टाइम और उसके अपनी धुरी पर घूमने का टाइम बराबर है. इसके अलावा चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर घूमने में पूरा एक महीना लगाता है. यही वजह है कि हमें चांद का डार्क हिस्सा कभी दिखाई नहीं देता है.
नासा ने जो तस्वीर जारी की है, अगर उसकी बात करें तो फोटो में चंद्रमा की सतह पर बने गड्ढे नजर आ रहे हैं. चंद्रमा के टोही ऑर्बिटर से ये तस्वीरें ली गई हैं. 2009 और 2011 के बीच करीब 15 हजार तस्वीरें ली गई हैं. उनको मिलाकर ये मौजेक (Mosaic) बनाया गया है.