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वॉशिंगटन: मंगल ग्रह पर जीवन की खोज कर रहे अमेरिकी एजेंसी नासा (NASA) के पर्सीवरेंस मार्स रोवर (Perseverance Mars Rover) ने मंगल पर चलने वाली हवाओं की आवाज को रिकॉर्ड किया है. नासा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया है कि यान में लगे कैमरे में मंगल ग्रह पर चलने वाली हवाओं की आवाज सुनाई दे रही है, जबकि माइक्रोफोन ने लेजर स्ट्राइक्स की आवाज को रिकॉर्ड किया है. बता दें कि रोवर में 23 कैमरे और 2 माइक्रोफोन लगे हैं, मंगल ग्रह पर हर छोटी-बड़ी गतिविधि को रिकॉर्ड करके भेजेंगे.
पर्सीवरेंस मार्स रोवर (Perseverance Mars Rover) की ओर से भेजे गए ऑडियो (Audio) में सुना जा सकता है कि कैसे मंगल ग्रह पर तेज हवाएं चल रही हैं. इन हवाओं की आवाज बिल्कुल वैसी है, जैसे धरती पर आंधी-तूफान के समय होती है. पहले ऑडियो में मंगल पर चलने वाली हवाओं की आवाज सुनाई दे रही है. इसे रोवर के सुपरकैम माइक्रोफोन ने रिकॉर्ड किया है. यह माइक इसके मास्ट के ऊपर लगा है.
Things are sounding really good here. Listen to the first sounds of wind captured by my SuperCam microphone. This mic is located at the top of my mast. For this recording, my mast was still down so the sound is a bit muffled. https://t.co/0KpN30oIro
— NASA's Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) March 10, 2021
दूसरा ऑडियो संदेश जो रोवर ने भेजा है, वो मंगल पर लेजर स्ट्राइक्स का है. इसे भी पहली बार सुना गया है. यह आवाज दिल के धड़कने जैसी है. इसके जरिये नासा की टीम यह पता लगा सकती है कि रोवर के आसपास की चट्टानों की बनावट कैसी है. नासा का कहना है कि रोवर द्वारा भेजी गईं रिकॉर्डिंग से उसे मंगल के बारे में कुछ नई जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी. अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, पर्सीवरेंस मार्स रोवर लगातार काम कर रहा है और आगे भी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती रहेंगी.
You’re listening to the first audio recordings of laser strikes on Mars. These rhythmic tapping sounds heard by the microphone on my SuperCam instrument have different intensities that can help my team figure out the structure of the rocks around me. https://t.co/nfWyOyfhNy
— NASA's Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) March 10, 2021
नासा के रोवर ने लाल ग्रह यानी मंगल पर पहली बार परीक्षण के तौर अपना अभियान 6 मार्च को शुरू किया था. इसमें लगभग 6.5 मीटर की दूरी तय की गई थी. 6 मार्च को नासा ने बताया था कि यह अभियान करीब 33 मिनट तक चला, जिसमें रोवर चार मीटर आगे बढ़ा, फिर बाईं ओर 150 अंश तक मुड़ गया और 2.5 मीटर पीछे होकर अपने नए अस्थायी पार्किंग स्थान पर पहुंच गया था.
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