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नई दिल्ली: मंगल ग्रह (Mars) पर जीवन की खोज में उतरे अमेरिकी स्पेस एजेंसी (NASA) के Perseverance Rover ने लाल ग्रह पर अपने निशान छोड़ने शुरू कर दिए हैं. रोवर ने अपनी पहली ड्राइव 4 मार्च को की और इस दौरान वह 6.5 मीटर तक चला. यह ड्राइव रोवर का पहला मोबिलिटी टेस्ट (Mobility Test) था. टीम के सदस्य रोवर के हर सिस्टम-सब सिस्टम और इंस्ट्रुमेंट को लगातार चेक कर रहे हैं और कैलिबरेट भी कर रहे हैं.
गौरतलब है कि जब रोवर वैज्ञानिक एक्सपेरिमेंट करने लगेगा तो वह 200 मीटर तक चलेगा. मंगल के सबसे खतरनाक क्षेत्र Jezero Crater में उतरा रोवर यहां प्राचीन जीवन के प्रमाण खोजेगा. उम्मीद है कि मंगल पर अगर कभी जीवन रहा होगा तो यहां उसके निशान मिल सकते हैं. इस टेस्ट की तस्वीरें देखने में भी काफी रोचक हैं और मंगल पर इंसानी कदमों के निशान की कहानी सुना रही हैं.
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अपनी पहली ट्रिप के दौरान रोवर करीब 33 मिनट तक चलता रहा. पहले वह 4 मीटर आगे गया फिर बाईं ओर मुड़ा और फिर 2.5 मीटर गया. NASA की जेट प्रोपल्शन लैब के रोवर मोबिलिटी टेस्ट बेड इंजीनियरअनायस जरीफियान (Rover Mobility Test Bed Engineer Anais Zarifian) ने कहा कि ये मार्स पर टायर चलाने और रोवर को घुमाने का पहला मौका था. 6 पहियों के रोवर की ड्राइव खूब बढ़िया रही. इससे अब ड्राइव सिस्टम को लेकर वैज्ञानिकों को विश्वास पैदा हो गया है और अब ये रोवर अगले दो साल में विज्ञान जहां ले जाए, वहां जाने के लिए तैयार है.
I’m on the move! Just took my first test drive on Mars, covering about 16 feet (5 meters). You’re looking at the very beginning of my wheel tracks. Many more to make. pic.twitter.com/7tFIwWFfJ4
— NASA's Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) March 5, 2021
आपको बता दें कि इस वॉक से पहले Perseverance का सॉफ्टवेयर अपडेट कर दिया गया. इसमें लैंडिंग के लिए लगे सॉफ्टवेयर को हटाकर मंगल पर एक्सपेरिमेंट में काम आने वाले सॉफ्टवेयर को भी इंस्टॉल किया गया. इसके साथ ही रेडार इमेजर फॉर मार्स सबसर्फेस एक्सपेरिमेंट (RIMFAX) और मार्स इन-सीटू रिसोर्स यूटिलाइजेशन एक्सपेरिमेंट (MOXIE) इंस्ट्रुमेंट को भी चेक किया गया. MOXIE मंगल पर ऑक्सीजन बनाने की कोशिश करेगा ताकि भविष्य में इंसानों को भेजे जाने की स्थिति में जरूरी टेक्नॉलजी को टेस्ट किया जा सके. इसके अलावा मार्स एन्वायरनमेंटल डायनैमिक्स अनैलाइजर (MEDA) के दो विंड सेंसर्स को भी अलर्ट कर दिया गया.
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इस वॉक के बाद इंजीनियर्स ने रोवर की 2 मीटर लंबी रोबॉटिक आर्म को भी दो घंटे तक अलग-अलग जॉइंट्स पर हिला-डुलाकर देखा. रोवर के डेप्युटी मिशन मैनेजर रॉबर्ट हॉग (Deputy Mission Manager Robert Hogg) के अनुसार साइंस टीम के काम में आने वाला यह सबसे अहम टूल है क्योंकि इसकी मदद से Jezero Crater का परिक्षण किया जाएगा. वहां की मिटटी में ड्रिल करके सैंपल इकट्ठे किए जाएंगे.
सबसे पहले रोवर में लगे 23 कैमरों की मदद से यह देखा जाएगा कि क्या कोई ऐसा सैंपल है जिसे कलेक्ट करके अध्ययन में कुछ मिल सकती है. अगर ऐसा सैंपल पाया जाएगा तो रोबॉटिक आर्म उसे कलेक्ट करेगी और फिर अपने कैशिंग सिस्टम में संभालकर रख देगी. भविष्य में जाने वाले मिशन इन सैंपल्स को स्टडी के लिए धरती पर वापस लेकर आएंगे. और फिर यहां नासा के लैब में उसकी जांच की जाएगी.
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