जुपिटर जैसा आकार लेकिन उससे तीन गुना भारी, साइंटिस्‍ट भी इस ग्रह को देखकर रह गए हैरान
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जुपिटर जैसा आकार लेकिन उससे तीन गुना भारी, साइंटिस्‍ट भी इस ग्रह को देखकर रह गए हैरान

वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में ऐसी खोज की है जो हैरान करने वाली है. उन्‍हें एक ऐसा ग्रह मिला है जिसमें जुपिटर ग्रह से तीन गुना अधिक गैस है लेकिन आकार जुपिटर के बराबर है. 

जुप‍िटर से तीन गुना भारी ग्रह.

नई दिल्ली: अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों को एक ऐसे ग्रह मे बारे में पता चला है जिसका आकार जुपिटर के बराबर है लेकिन वह ग्रह जुपिटर से तीन गुना अधिक गैस से बना है. इस ग्रह के बारे में जानकारी पाकर वैज्ञान‍िक हैरान हैं. 

  1. वैज्ञान‍ि‍कों ने की अनोखे ग्रह की खोज 
  2. जुपिटर से तीन गुना भारी लेकिन आकार जुप‍िटर के बराबर 
  3. हमारे सौरमंडल से बाहर का है ये ग्रह   
  4.  

जुपिटर की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक विशाल

हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्रियों ने जुपिटर की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक विशाल गैस वाले ग्रह की खोज की है. इस ग्रह को TOI-2180 b कहा जा रहा है जिसका व्यास जुपिटर के समान ही है. 

पृथ्वी के द्रव्यमान से 105 गुना अधिक

शोधकर्ताओं ने यह भी माना कि इस ग्रह में हीलियम और हाइड्रोजन से भी भारी तत्व हो सकते हैं. इस ग्रह का द्रव्‍यमान पृथ्वी के द्रव्यमान से 105 गुना अधिक है. इस खोज को 'एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल' में प्रकाशित किया गया है और 13 जनवरी को अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी वर्चुअल प्रेस इवेंट में प्रस्तुत किया गया था. 

बहुत ही एक्‍साइटमेंट पैदा करने वाला है ये ग्रह

खगोलशास्त्री पॉल डाल्बा ने इस ग्रह के अस्तित्व की पुष्टि करने में मदद की है. उन्‍होंने बताया कि TOI-2180 b एक्‍साइटमेंट पैदा करने वाला ग्रह है. इसके तीन फैक्‍ट बहुत इंटरेस्‍ट‍िंग हैं. इसको अपनी आर्ब‍िट में घूमने में सैकड़ों दिन लगते हैं. ये पृथ्‍वी के बहुत पास करीब 379 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है और हम इसे इसके तारे के साथ देख सकते हैं. यह एक बहुत ही रेयर बात होती है. 

तारे का चक्‍कर लगाने में लग रहा अधिक समय 

इस ग्रह को अपने तारे के चक्‍कर लगाने में 261 दिन लगते हैं जो एक लंबा समय है. सौर मंडल के बाहर गैस से बने ग्रह अपने तारे का चक्‍कर कम समय में लगाते हैं. पृथ्वी से इसकी सापेक्ष निकटता और इसके परिक्रमा करने वाले तारे की चमक ने भी यह संभावना जताई कि खगोलविद इसके बारे में अधिक जान पाएंगे. 

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इस तरह पता चलता है हमारे सौरमंडल के ग्रहों के बारे में 

ऐसे एक्सोप्लैनेट का पता लगाने के लिए जो हमारे सूर्य के अलावा अन्य सितारों की परिक्रमा करता हैं, नासा का TESS उपग्रह एक महीने के लिए आकाश के एक हिस्से को देखता है और फिर आगे बढ़ता है. यह चमक में गिरावट की खोज करता है और ये तब होता है जब कोई ग्रह किसी तारे के सामने से गुजरता है. इससे पता चलता है कि उस तारे के सामने कोई ग्रह आया है और फिर उस ग्रह के बारे में पता लगाया जाता है. 

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