Science News in Hindi: ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने एक नई सैटेलाइट इमेजिंग तकनीक विकसित की है. अब अंतरिक्ष से ही धरती के समुद्र तटों पर मौजूद प्लास्टिक कचरे का पता लगाया जा सकेगा.
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Science News: दुनिया के समुद्र तटों में से कहां पर प्लास्टिक कचरा फैला है, यह अब अंतरिक्ष से पता लगाया जा सकेगा. ऑस्ट्रेलिया के रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (RMIT) के रिसर्चर्स ने नई तकनीक विकसित की है. यूनिवर्सिटी के एक बयान के अनुसार, समुद्र तटों पर प्लास्टिक की पहचान मलबे से परावर्तित प्रकाश और आसपास की रेत, पानी या वनस्पति के बीच के अंतर को मापकर की जा सकती है. सैटेलाइट इमेजिंग की नई तकनीक इसी तरीके पर काम करती है.
रिसर्चर्स ने इस तकनीक को फील्ड में सफलतापूर्वक टेस्ट किया है. उन्होंने सैटेलाइट्स की मदद से ऑस्ट्रेलिया की कोस्टलाइन पर एक सुदूर लोकेशन पर नजर डाली. प्लास्टिक के अनूठे स्पेक्ट्रल गुणों की पहचान करके सैटेलाइट्स ने समुद्र तट पर उसे 600 किलोमीटर ऊपर से खोज लिया. यह नई रिसर्च समुद्र में तैरते प्लास्टिक का पता लगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मौजूदा सैटेलाइट तकनीक पर आधारित है.
अंतरिक्ष से कैसे लग जाता है कचरे का पता?
ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने एक नया स्पेक्ट्रल इंडेक्स विकसित किया है, जिसे Beached Plastic Debris Index (BPDI) कहते हैं. इससे किसी क्षेत्र के ऊपर से गुजरते समय सैटेलाइट्स द्वारा एकत्रित परावर्तित प्रकाश में पैटर्न की पहचान की जा सकती है. खास तौर से उन प्लास्टिकों को पहचानना संभव है जो आसानी से रेत के साथ मिल जाते हैं.
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रिसर्च टीम ने विक्टोरिया के एक रिमोट बीच पर अलग-अलग तरह की प्लास्टिक के 14 टुकड़े रखे. फिर Maxar Technologies के सैटेलाइट WorldView-3 की मदद से BDPI को टेस्ट किया. सैटेलाइट के डेटा ने दिखाया कि नया इंडेक्स प्लास्टिक का पता लगाने में पहले के मौजूदा सैटेलाइट तकनीकों से कहीं बेहतर था. उनकी स्टडी के बारे में 22 अक्टूबर को Marine Pollution जर्नल में रिपोर्ट छपी है.