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नई दिल्लीः साल 2017 का दूसरा सूर्यग्रहण सोमवार को लगने वाला है. यह ग्रहण भारतीय समय के अनुसार रात 9 बजकर 16 मिनट पर शुरू होगा और रात 2 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा. भारत में इस दौरान रात रहेगी तो यहां पर कहीं भी सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने भी इस सूर्य ग्रहण (Eclipse2017) को खास बताया है. जारी बयान में कहा गया है कि 1918 के बाद पहली बार 100 साल बाद ऐसा अवसर आया है जब यह सूर्य ग्रहण पूरे अमेरिकी महाद्वीप में पूर्ण दिखाई देगा. इस दिन अमावस्या भी रहेगी. इस सूर्य ग्रहण से दुनिया को रूबरू कराने के लिए NASA ने इस बार खास इंतजाम किए हैं. नासा में एक्सपर्ट की टीम बिठाई गई है, जो सूर्य ग्रहण के दौरान उसकी डिटेल जानकारी लोगों को बताएंगे.
यह ग्रहण यूरोप, उत्तर/पूर्व एशिया, उत्तर/पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका में पश्चिम, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक की ज्यादातर हिस्सों में दिखेगा. 99 सालों बाद अमेरिकी महाद्वीप में पूर्ण सूर्यग्रहण होगा. सोमवार को लगने वाले सूर्य ग्रहण से दुनिया के सभी देश प्रभावित होंगे लेकिन सबसे ज्यादा प्रभाव अमेरिका पर हो सकता है. इसकी वजह यह है कि यह ग्रहण अमेरिका में पूर्ण रूप से दिखाई देगा जबकि पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका के कुछ क्षेत्रों में यह खंडग्रास रूप में दिखेगा. इससे पूर्व इतना बड़ा ग्रहण उत्तर-अमेरिका में 8 जून 1918 को दिखाई दिया था. यानि 99 सालों बाद अमेरिकी महाद्वीप में पूर्ण सूर्यग्रहण होगा. उत्तरी अमेरिका के सभी हिस्से में आंशिक सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा. इससे पहले साल का पहला सूर्यग्रहण 26 फरवरी को लगा था और इससे दो सप्ताह पहले यानि 7 अगस्त को रक्षाबंधन वाले दिन खंडग्रास चंद्रग्रहण था.
#Eclipse2017 happens Monday -- Aug. 21, 2017! Learn how to safely view, plus where and when to look at https://t.co/K29zBFAvh4 pic.twitter.com/RB4JK6NxWc
— NASA (@NASA) August 19, 2017
इस वीडियो में एनिमेशन के माध्यम से इस सूर्यग्रहण को समझाने की कोशिश की गई है. नासा ने इस वीडियों में बताया है कि सूर्य ग्रहण हमेशा अल्ट्रावायलेट किरण को रोकने वाले खास किस्म के चश्मे को लगाकर ही सूर्य ग्रहण को देखना चाहिए, न कि सनग्लास लगाकर. अन्यथा इसका आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है.
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साल 2017 का पहला सूर्य ग्रहण
साल 2017 का पहला सूर्य ग्रहण 26 फरवरी को लगा था. भारतीय समयानुसा खंडग्रास सूर्य ग्रहण इस दिन शाम 5 बजकर 40 मिनट से प्रारंभ होकर रात 10 बजकर 01 मिनट तक रहा. 26 फरवरी को घटित होने वाला ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया था. इसलिए इसका धार्मिक दृष्टिकोण से शुभाशुभ प्रभाव भी नहीं पड़ा.
पिछली बार सूर्य ग्रहण क्योंकि की शाम के समय शुरु हुआ था इसलिए इसे भारत के अलावा दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, और हिंद महासागर में देखा जा सका था. सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है, और ये घटना तभी होती है जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरती है.