अतुलनीय! शुरुआती ब्रह्मांड में मिला महापेटू ब्लैक होल, 'औकात' से 40 गुना ज्यादा तेजी से पदार्थ को निगल रहा
Advertisement
trendingNow12500865

अतुलनीय! शुरुआती ब्रह्मांड में मिला महापेटू ब्लैक होल, 'औकात' से 40 गुना ज्यादा तेजी से पदार्थ को निगल रहा

Supermassive Black Hole News: एस्ट्रोनॉमर्स ने शुरुआती ब्रह्मांड में एक ऐसा सुपरमैसिव ब्लैक होल देखा है जो रिकॉर्डतोड़ दर से पदार्थों को निगलता हुआ मालूम होता है.

अतुलनीय! शुरुआती ब्रह्मांड में मिला महापेटू ब्लैक होल, 'औकात' से 40 गुना ज्यादा तेजी से पदार्थ को निगल रहा

Science News in Hindi: वैज्ञानिकों ने प्रारंभिक ब्रह्मांड में अपनी तरह का सबसे 'पेटू' ब्लैक होल देखा है. यह सुपरमैसिव ब्लैक होल LID-568 नाम आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद है. इस आकाशगंगा को बिग बैंग के महज डेढ़ अरब साल बाद देखा गया था. यह ब्लैक होल के भोजन की सैद्धांतिक सीमा (एडिंगटन लिमिट) से 40 गुना अधिक दर से पदार्थों को निगलता हुआ प्रतीत होता है. वैज्ञानिकों ने अभी तक ब्रह्मांड में ऐसा कुछ कभी नहीं देखा था.

नई खोज उठा सकती है रहस्य से पर्दा

नई खोज हमें प्रारंभिक ब्रह्मांड के सबसे बड़े रहस्यों से पर्दा उठाने में मदद कर सकती है. आखिर बिग बैंग के कुछ समय बाद ही सुपरमैसिव ब्लैक होल इतने अधिक द्रव्यमान वाले कैसे हो गए? नई खोज हमें इस सवाल का जवाब दे सकती है. अमेरिका की सरकारी NOIRLab में एस्ट्रोनॉमर जूलिया शारवाचर ने कहा, 'यह ब्लैक होल दावत उड़ा रहा है'. इस रिसर्च से जुड़ी स्टडी 'नेचर एस्ट्रोनॉमी' जर्नल में छपी है.

जूलिया के मुताबिक, 'यह ब्लैक होल दिखाता है कि एडिंगटन सीमा से परे भी, फास्ट-फीडिंग तंत्र मौजूद हैं, यह इस बात के संभावित स्पष्टीकरणों में से एक है कि हम ब्रह्मांड में इतनी जल्दी इन बहुत भारी ब्लैक होल को क्यों देखते हैं.'

यह भी देखें: तीन सूर्यों के बराबर द्रव्यमान वाले तारे को नींबू की तरह निचोड़ रहा ब्लैक होल, ब्रह्मांड में छोड़ता है भयानक रेडिएशन

क्या है एडिंगटन लिमिट?

एडिंगटन सीमा, ब्लैक होल की फीडिंग प्रक्रिया का एक स्वाभाविक परिणाम है. जब कोई ब्लैक होल सक्रिय रूप से भारी मात्रा में सामग्री एकत्रित करता है, तो वह सामग्री सीधे गुरुत्वाकर्षण कुएं में नहीं गिरती है, बल्कि पहले घूमती है, जैसे पानी नाली में चारों ओर चक्कर लगाता है, केवल डिस्क के अंदरूनी किनारे पर मौजूद सामग्री क्षितिज को पार करके ब्लैक होल में जाती है. घर्षण और गुरुत्वाकर्षण की अविश्वसनीय मात्रा इस पदार्थ की डिस्क को बेहद उच्च तापमान तक गर्म कर देती है, जिससे यह प्रकाश से धधकने लगती है.

प्रकाश के बारे में खास बात यह है कि यह एक प्रकार का दबाव डालता है. जाहिर है कि एक अकेला फोटॉन बहुत कुछ नहीं कर सकता, लेकिन एक सक्रिय सुपरमैसिव ब्लैक होल एक्रेशन डिस्क की धधकती रोशनी अलग कहानी है. एक निश्चित बिंदु पर, विकिरण का बाहरी दबाव ब्लैक होल के आंतरिक गुरुत्वाकर्षण खिंचाव से मेल खाता है, जिससे पदार्थ को करीब आने से रोका जा सकता है. यही एडिंगटन सीमा है.

खून से लथपथ आंखें! हबल और जेम्स वेब टेलीस्कोप ने खींचा ब्रह्मांड का सबसे भयानक फोटो

एडिंगटन सीमा से आगे क्या...

एडिंगटन सीमा से परे जाना संभव है, उसे सुपर-एडिंगटन एक्रेशन कहते हैं. इस दौरान ब्लैक होल पूरी तरह से गतिमान हो जाता है, और विकिरण दबाव के हावी होने से पहले जितना संभव हो उतना द्रव्यमान सोख लेता है. खगोलविदों का मानना है कि यह एक तरीका है जिससे समय की शुरुआत में सुपरमैसिव ब्लैक होल ऐसे द्रव्यमान प्राप्त कर सकते हैं जो हमारी पारंपरिक समझ से मेल नहीं खाते.

नई खोज हमें प्रारंभिक ब्रह्मांड को समझने में मदद कर सकती है. इस बात के सबूत हैं कि पहले सुपरमैसिव ब्लैक होल ढहते हुए तारों से नहीं बने थे, बल्कि विशाल तारों और गैस के विशाल गुच्छों से बने थे, जो सीधे गुरुत्वाकर्षण के तहत ढह गए. इससे उन्हें विशालकाय ब्लैक होल बनने की राह में बढ़त मिलेगी. 

विज्ञान के क्षेत्र की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Latest Science News In Hindi और पाएं Breaking News in Hindi देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Trending news