बिस्किट में क्यों होते हैं इतने छेद? सिर्फ डिजाइन नहीं, इसके पीछे छिपा है गहरा साइंस
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बिस्किट में क्यों होते हैं इतने छेद? सिर्फ डिजाइन नहीं, इसके पीछे छिपा है गहरा साइंस

Why so many holes are in biscuits: आज भी अधिकतर घरों में मेहमानों का स्वागत चाय के साथ बिस्किट-नमकीन से होता है. आपने भी मीठे और नमकीन बिस्किट खाए होंगे. पुराने प्रोडक्ट के इतर बाजार में अब ऐसे बिस्किट्स की भरमार है जिनके ऊपर छेद होते हैं. ये होल क्यों बनाए जाते हैं आइए इसकी वजह बताते हैं.

सांकेतिक तस्वीर

Why biscuits have holes: क्रिस्पी, टेस्टी और यमी बिस्किट (Biscuits) खाना भला किसे नहीं पसंद है. चाय के साथ ये ऐसा कॉम्बिनेशन है जो आज भी लोगों के दिलों में राज करता है. बिस्किट का बाजार हजारों करोड़ रुपयों का है. कई फ्लेवर्स और अलग अलग किस्म के  बिस्किटों की मांग बढ़ी तो उनमें टैग लगकर बंटवारा होता गया. 

  1. 'बिस्किट में छेद भी होते हैं'
  2. क्या आपको मालूम है वजह?
  3. जानिए इसके पीछे छिपा विज्ञान

जैसे जो बिस्किट बच्चों के फेवरेट होते हैं तो वो बच्चों वाले बिस्किट हो गए. डायबिटीज के मरीजों के लिए अब सुगर फ्री बिस्किट हैं. चॉकलेट से लेकर नानखटाई तक इतनी वैरायटी हैं कि कभी कभार ये समझना मुश्किल हो जाता है कि कौन सा खाएं और कौन सा नहीं. 

फ्लेवर से लेकर डिजाइन सब अलग

इन बिस्किट्स में फ्लेवर से लेकर डिजाइन   (Types of biscuits) का अलग डिजाइन होता है. मगर क्या आपने कभी गौर किया है कि कई ऐसे बिस्किट भी होते हैं जिनमें छेद बना रहता है? (Why biscuits have holes?) चलिए आपको बताते हैं कि बिस्किट्स में छेद का क्या काम होता है.

आपने भी कई स्वीट एंड सॉल्टी स्वाद वाले बिस्किट खाए होंगे जिनके ऊपर छेद बने होते हैं. बहुत से लोग ये समझते हैं कि ये छेद उन्हें डिजाइन देने के लिए बनाए जाते हैं. हालांकि ये सिर्फ एक साधारण वजह है लेकिन ये छेद इनके मैन्युफैक्चरिंग कारणों से भी जुड़े होते हैं. यानी इन छेदों को बनाने के पीछे भी एक साइंस काम करती है.

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आपको बता दें कि इन छेद को डॉकर्स कहते हैं. छेद होने का प्रमुख कारण ये है कि बेकिंग के वक्त इनमें से हवा पास होती है जिससे इन्हें ज्यादा फूलने से रोका जाता है. चलिए आपको बताते हैं कि इन छेद को बनाया कैसे जाता है.

बिस्किट में छेद होने के पीछे का साइंस

बिस्किट बनने से पहले, आटा, चीनी और नमक को शीट की तरह ट्रे पर फैलाकर एक मशीन के नीचे रख दिया जाता है. इसके बाद ये मशीन उनमें छेद बना देती है. बिना इन छेद के बिस्किट ठीक से नहीं बन सकता है. बिस्किट बनाने की प्रकिया के दौरान उनमें कुछ हवा भर जाती है जो अवन में हीट करने के दौरान गर्म होने से फूलती है. इससे बिस्किट का आकार बड़ा होने के साथ डिशेप होने लगता है.

हवा और हीट निकालने के लिए बनाते हैं छेद

ऐसे में आकार बढ़ने से रोकने के लिए उनमें छेद बनाए जाते हैं. हाइटेक मशीने इन छेदों को एक समान दूरी पर और एक बराबर बनाती है. ऐसा करने से बिस्किट चारों तरफ से एक बराबर फूलता और सही तरह से पकता है. उतने छेद बिस्किट में बनाए जाते हैं जितने से पकने के बाद वो क्रंची और क्रिस्पी बन जाए. छेद बनाने की एक वैज्ञानिक वजह उसमें हीट को बाहर निकालना भी है अगर होल नहीं होंगे तो बिस्किट की हीट बाहर नहीं निकल पाएगी और वो बीच से टूटने लगेंगे.

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