Twin Stars Consuming Planets: एक नई रिसर्च में पता चला है कि जुड़वा तारों की कुछ जोड़ियों में एक तारा ऐसा होता है जो आसपास के ग्रहों को निगल जाता है.
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Twin Stars Eating Planets: एक नई खोज ने दुनियाभर के एस्ट्रोनॉमर्स को हैरान कर दिया है. कुछ जुड़वा सितारे अपने आसपास के ग्रहों को निगल रहे हैं. इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमर्स की ग्लोबल रिसर्च टीम ने जुड़वा तारों की 91 जोड़ियों पर रिसर्च के बाद यह निष्कर्ष निकाला है. इनमें से कुछ के ग्रहों को 'निगल जाने' के सबूत मिले हैं. वैज्ञानिकों को लगा था कि इन जुड़वा तारों की संरचना एक जैसी होगी, लेकिन रिसर्च के नतीजों ने उन्हें चौंका दिया. करीब 8 प्रतिशत तारों की संरचना बाकियों से अलग निकली. हर 12 में से 1 जुड़वा तारों में एक तारा ऐसा था जिसका केमिकल कंपोजिशन अपने जुड़वा से अलग मिला. Nature जर्नल में छपी स्टडी के मुताबिक, यह अंतर इस वजह से है क्योंकि ये तारे ग्रहों को निगल जाते हैं. वैज्ञानिकों ने रिसर्च के चिली और हवाई में मौजूद टेलीस्कोप का इस्तेमाल किया. यह खोज इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि अब तक माना जाता था कि ब्रह्मांड में हमारे सौरमंडल की तरह स्थिरता है. लेकिन इन 'जुड़वा' तारों पर स्टडी के नतीजे साफ जाहिर करते हैं कि ऐसा है नहीं.
जुड़वा तारों में से किसी एक में मिला केमिकल लोचा!
स्टडी में ऐसे तारों पर रिसर्च की गई जो एक ही दिशा में मूव कर रहे हैं. इनमें से कुछ के भीतर आयरन, निकेल या टाइटेनियम की अधिकता पाई गई. यह मालूम चला कि उन्होंने किसी तारे को निगला है. 'जुड़वा' तारे एक ही आणविक बादलों से बनते हैं और उनकी रासायनिक संरचना एक जैसी होनी चाहिए. लेकिन वैज्ञानिकों को जुड़वा तारों के बीच में केमिकल अंतर मिला. यह स्टडी ऑल स्काई एस्ट्रोफिजिक्स इन 3 डायमेंशन (ASTRO 3D) में तीन टेलीस्कोप की मदद से की गई.
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जुड़वा तारों से जुड़ी यह खोज क्यों है चिंता की बात?
हमारा सूरज भी एक तारा है. करीब 6 बिलियन साल बाद जब उसका ईंधन खत्म हो चुका होगा, तब वह एक लाल दानव तारे में बदल जाएगा. फिर वह अपने आसपास चक्कर काट रहे ग्रहों को निगल सकता है. हालांकि, नई स्टडी में जिन तारों पर रिसर्च की गई, वे सभी नौजवान हैं. इसका मतलब यह कि किसी स्टार सिस्टम के भीतर ग्रहों को निगलने की प्रक्रिया सामान्य जीवन काल में भी चलती रहती है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि कई प्लेनेटरी सिस्टम (जैसे हमारा सौरमंडल) स्थिर नहीं हैं. कुछ ग्रह रैंडम तरीके से सिस्टम से बाहर निकल जाते होंगे. रिसर्चर्स ने यह क्लियर नहीं किया कि तारे ग्रहों को निगल रहे हैं या स्टार सिस्टम के जन्म से बचे ग्रहों के बनाने लायक सामग्री को