'दुनिया में सबसे बेहतरीन वातावरण और पर्यावरण इस देश का है'
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'दुनिया में सबसे बेहतरीन वातावरण और पर्यावरण इस देश का है'

चीन की खनन परियोजनाओं के कारण पारिस्थतिकी तंत्र को नुकसान पहुंचने संबंधी आलोचनाओं के बीच चीन ने तिब्बत में पर्यावरण सुरक्षा परियोजना शुरू की है। चीन की एकेडमी ऑफ साइंसेज ने कहा है कि इस परियोजना के जरिए सुधार की शुरूआत हो चुकी है। तिब्बत स्वायत्त क्षेत्रीय सरकार के उपाध्यक्ष वांग हैजोउ ने कहा, ‘तिब्बत में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण है।’ चीन के केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने क्षेत्र के पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए 2009 में ‘‘प्लान ऑफ इकोलॉजी सेफ्टी बैरियर प्रोटेक्शन ऐंड कंस्ट्रक्शन इन तिब्बत (2008-2030)’ को मंजूरी दी थी।

तस्वीर के लिए साभार- यू-ट्यूब

बीजिंग: चीन की खनन परियोजनाओं के कारण पारिस्थतिकी तंत्र को नुकसान पहुंचने संबंधी आलोचनाओं के बीच चीन ने तिब्बत में पर्यावरण सुरक्षा परियोजना शुरू की है। चीन की एकेडमी ऑफ साइंसेज ने कहा है कि इस परियोजना के जरिए सुधार की शुरूआत हो चुकी है। तिब्बत स्वायत्त क्षेत्रीय सरकार के उपाध्यक्ष वांग हैजोउ ने कहा, ‘तिब्बत में दुनिया का सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण है।’ चीन के केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने क्षेत्र के पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए 2009 में ‘‘प्लान ऑफ इकोलॉजी सेफ्टी बैरियर प्रोटेक्शन ऐंड कंस्ट्रक्शन इन तिब्बत (2008-2030)’ को मंजूरी दी थी।

चीन की खनन परियोजनाओं के कारण तिब्बत के पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की आलोचना के बाद इस परियोजना को शुरू किया गया था। सीएएस ने इस रिपोर्ट को कल ही जारी किया है। परियोजनाओं में प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा गया है कि तिब्बत की पठार पर्यावरण प्रणाली आम तौर पर स्थिर है और यहां का वनस्पति आच्छादन बढ़ गया है।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक परियोजनाओं के कारण क्षेत्र की बंजर भूमि में भी 107,100 हेक्टेयर की कमी आयी है। इसमें कहा गया है कि चराई भूमि को चारागाह बनाने के उपाय भी किये गये हैं। इससे किसानों और चरवाहों की आमदनी में भी इजाफा होगा।

 

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