Zee News के जरिए मिलेगा आपको रोजगार, जानें कहां हैं नौकरियों के मौके
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Zee News के जरिए मिलेगा आपको रोजगार, जानें कहां हैं नौकरियों के मौके

परिवार में जब किसी एक सदस्य का भी रोजगार छिन जाता है तो उस पूरे परिवार पर संकट आ जाता है और पूरा परिवार टूट जाता है. हम परिवारों को बिखरने से रोकने के लिए एक छोटी सी कोशिश कर रहे हैं और हम चाहते हैं कि रोजगार से जुड़ी आपकी चिंताओं का जितना हो सके उतना समाधान दें.

Zee News के जरिए मिलेगा आपको रोजगार, जानें कहां हैं नौकरियों के मौके

नई दिल्ली: आज हम आपको गोवा के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक लड़के की कहानी सुनाना चाहते हैं. गोवा के एक छोटे से गांव में 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले 16 साल के एक छात्र की मोबाइल फोन की स्क्रीन टूट गई. वो लड़का इसी मोबाइल फोन पर ऑनलाइन क्लासेज लिया करता था. एक दिन उसने अपने पिता से कहा कि वो उसके मोबाइल फोन की स्क्रीन रिपेयर करा दें, जिस पर 2 हजार रुपये का खर्च आना था. लेकिन लॉकडाउन की वजह से उसके पिता के पास कई महीनों से रोजगार नहीं था और वो इतना पैसा खर्च नहीं कर सकते थे. इस पर पिता और पुत्र के बीच बहस शुरू हो गई और पिता ने अपने पुत्र का कॉलर पकड़ लिया. बेटे ने कहा कि पापा मेरा कॉलर छोड़ दीजिए क्योंकि मेरे पास सिर्फ एक यही अच्छी शर्ट बची है और उसने शर्ट उतारकर कहा कि अब आप चाहें तो मुझे पीट सकते हैं. पिता के हाथ कांप गए और पिता ने कहा कि मैं पैसों का इंतजाम करके मोबाइल फोन ठीक करा दूंगा क्योंकि अभी मेरे पास सिर्फ 500 रुपए हैं और उससे घर के लिए चावल खरीदने हैं.

लेकिन इस एक घटना ने पिता-पुत्र समेत पूरे परिवार को तोड़ दिया. बेटा निराश हो गया और इसी महीने की 15 तारीख को बेटे ने आत्महत्या कर ली. इस कहानी के बारे में मैं आपको इसलिए बता रहा हूं ताकि आप समझ सकें कि जब किसी परिवार के एक सदस्य का भी रोजगार (Employment) छिन जाता है तो वो परिवार कैसे टूट जाता है, बिखर जाता है.

बदलाव की शुरुआत
बेरोजगारी एक ऐसा मुद्दा है जो देश के 25 करोड़ परिवारों को सीधे तौर पर प्रभावित करता है. लेकिन मीडिया को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता, आपको ऐसी खबरें दिखाई जाती हैं जो आपका समय बर्बाद करती हैं. लेकिन हम इस सोच को बदलना चाहते हैं और इस बदलाव की शुरुआत हो चुकी है. कुछ दिनों पहले इस बात की घोषणा हुई थी कि अगले 12 हफ्तों तक न्यूज चैनलों की टीआरपी जारी नहीं होगी. तब हमने आपसे पूछा था कि आप ज़ी न्यूज़ में क्या बदलाव देखना चाहते हैं और खबरों में किन मुद्दों को प्राथमिकता देना चाहते हैं. आपने जो सुझाव हमें भेजे उसमें सबसे ऊपर था- रोजगार का मुद्दा. 

ज्यादातर लोग रोजगार से संबंधित खबरें देखना चाहते हैं और ये जानना चाहते हैं कि उन्हें नौकरी कहां और कैसे मिल सकती है? हमने भी इसपर विचार किया और सोचा कि हम इस बारे में क्या कर सकते हैं. विचार करने के बाद हमने तय किया कि ज़ी न्यूज़ रोजगार के मुद्दे को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देगा और देश के युवाओं को बताएगा कि नौकरियों के क्षेत्र में उनके लिए कहां कितने अवसर उपलब्ध हैं. जो लोग न्यूज़ चैनलों पर चीखना, चिल्लाना, उछल-कूद और नाच-गाना देखने के आदी हो चुके हैं हो सकता है कि उनको हमारी ये मुहिम बहुत बोरिंग लगे. लेकिन रोजगार की कमी ने इस देश के लाखों परिवारों को कैसे तोड़कर रख दिया है, उससे जुड़े आंकड़ों के बारे में जानकर आपकी सोच बदल जाएगी.

रोजगार के अभाव में आत्महत्या
क्या आप जानते हैं कि भारत में हर दिन 10 लोग सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर लेते हैं क्योंकि, उनके पास नौकरी नहीं है. रोजगार के अभाव में आत्महत्या करने वालों में औसतन 9 पुरुष और एक महिला होती है. सिर्फ वर्ष 2018 में 12 हजार से ज्यादा लोगों ने रोजगार न मिल पाने की वजह से आत्महत्या कर ली थी. भारत में वर्ष 2019 में कुल 1 लाख 39 हजार लोगों ने आत्महत्या की थी और इनमें से 10 प्रतिशत से ज्यादा लोग बेरोजगार थे. 2019 में ही भारत में 10 हजार किसानों ने भी फसल खराब होने और कर्ज के दबाव में आत्महत्या कर ली थी.

ज़ी न्यूज़ पर रोजगार समाचार
अगर आप इन आंकड़ों को पिछले 10 वर्षों के नजरिए से देखेंगे तो पता चलेगा कि 10 वर्ष में करीब 2 लाख से ज्यादा युवा और किसान कमाई का जरिया न होने की वजह से आत्महत्या कर चुके हैं. अब आप सोचिए कि पूरा देश ये तो जानना चाहता है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत कैसे हुई. लेकिन क्या कोई उन लाखों लोगों के बारे में जानना चाहता है, जिन्होंने बेरोजगारी की वजह से अपनी जान दी. सुशांत की मौत की जांच सीबीआई से कराए जाने की तो मांग उठती है. लेकिन कितने लोग हैं, जो बेरोजगारी की वजह से होने वाली मौतों की जांच कराना चाहते हैं. कितने लोग हैं जो बेरोजगारों की आत्महत्या के मुद्दे को सोशल मीडिया (Social Media) पर ट्रेंड कराना चाहते हैं क्योंकि, कोई ऐसा नहीं करना चाहता इसलिए हम आपकी आवाज बनना चाहते हैं. इसी को देखते हुए हम ज़ी न्यूज़ पर रोजगार समाचार नाम से एक कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं. अगर आप हमारी इस मुहिम को समर्थन देंगे तो यकीन मानिए स्थिति बदल सकती है. हम आपको बताएंगे कि आज हमारे पास आपके लिए रोजगार के कौन-कौन से समाचार हैं. ज़ी न्यूज़ अपने हर कार्यक्रम के अंत में आपको रोजगार के समाचार दिखाएगा.

यहां हैं रोजगार के सबसे ज्यादा मौके
फिलहाल रोजगार के सबसे ज्यादा मौके बैंकिंग और फाइनांस, इंश्योरेंस, टेलीकॉम, रियल एस्टेट, बीपीओ, आईटी सेक्टर और कृषि क्षेत्र में उपलब्ध हैं.

लॉकडाउन की वजह से रोजगार की संख्या कम हुई
लॉकडाउन (Lockdown) और कोरोना वायरस की वजह से लगभग हर क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार की संख्या कम हुई है. पहले चरण में हम आपको सिर्फ सरकारी नौकरियों की जानकारी दे रहे हैं. लेकिन धीरे-धीरे हम प्राइवेट सेक्टर में उपलब्ध नौकरियों के बारे में भी बताएंगे और हमारी कोशिश होगी कि हम अपनी इस मुहिम में ऑर्गनाइज्ड और अन-ऑर्गनाइज्ड सेक्टर्स को भी शामिल करेंगे. आपकी योग्यता 8वीं कक्षा से लेकर पीएचडी तक की क्यों न हो, हम आपको सभी के लिए उपलब्ध रोजगार के अवसरों के बारे में बताएंगे.

परिवार में जब किसी एक सदस्य का भी रोजगार छिन जाता है तो उस पूरे परिवार पर संकट आ जाता है और पूरा परिवार टूट जाता है. हम परिवारों को बिखरने से रोकने के लिए एक छोटी सी कोशिश कर रहे हैं और हम चाहते हैं कि रोजगार से जुड़ी आपकी चिंताओं का जितना हो सके उतना समाधान दें.

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