यूपी में बीजेपी के पास चेहरों की कमी नहीं है: योगी आदित्यनाथ
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यूपी में बीजेपी के पास चेहरों की कमी नहीं है: योगी आदित्यनाथ

फाइल फोटो

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का दौर शुरू हो चुका है और सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी-पूरी ताकत झोंक दिए हैं। इन चुनावों के मुद्दों पर बात करने के लिए हमारे साथ हैं बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता योगी आदित्यनाथ जी। 'सियासत' कार्यक्रम में इंडिया 24X7 के एडिटर वासिंद्र मिश्र ने योगी आदित्यनाथ के साथ चुनावों को लेकर विस्‍तृत बातचीत की। हम आदित्यनाथ से जानने की कोशिश करेंगे कि भारतीय जनता पार्टी की क्या रणनीति है और भारतीय जनता पार्टी किस तरीके से उत्तर प्रदेश चुनाव को जीतने की तैयारी में जुटी है? पेश हैं इस खास बातचीत के मुख्‍य अंश:

वासिंद्र मिश्र : सबसे पहला तो यही सवाल कि अभी दो दिन पहले आपकी पार्टी के अध्यक्ष ने एक घोषणापत्र जारी किया है और उस घोषणापत्र को जारी करने के वक्त आपको जिस प्रमुखता से स्थान दिया गया शायद पौने तीन साल उस तरह की प्रमुखता देखने को नहीं मिली थी। ना संगठन में और ना सरकार में...तो क्या वजह थी..खाली चुनाव जीतने के लिए आपको आगे किया गया ?

योगी आदित्यनाथ : ऐसा नहीं है...मैं आपकी इस बात से सहमत नहीं हूं...भारतीय जनता पार्टी के हर अभियान में मुझे शामिल किया जाता है..और अलग विषय है कि मैं अगर समय नहीं निकाल पाया हूं...अन्यथा 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले भी...लोकसभा चुनाव के बाद भी..और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरु होने के पहले से और अब तक हर उस अभियान में मैंने बढ़चढ़कर भाग लिया है..और प्रयास किया है कि पार्टी जिस अपेक्षा के साथ मुझसे सहयोग लेना चाहेगी मैं उसमें सहयोग करुंगा।

वासिंद्र मिश्र : नहीं आप तो बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं..आप अपना तन मन धन सब संगठन के लिए लगा देते हैं..लेकिन संगठन की तरफ से या सरकार जो केंद्र में है आपकी उसकी तरफ से..उस तरह का महत्त्व ...उस तरह का सम्मान आपको क्यों नहीं मिलता है?

योगी आदित्यनाथ : मैं पांच बार से सांसद हूं...मेरी पार्टी भारतीय जनता पार्टी है...और 5 बार से लगातार पार्टी मुझे टिकट दे रही है...सांसद बना रही है...तो क्या ये कम है?

वासिंद्र मिश्र : नहीं टिकट तो पार्टी ने उन्हें भी दे दिया जो कि कभी पार्टी में रहे नहीं थे...लेकिन आपका तो अपना वजूद है आपका तो अपना प्रभाव है...आपकी अपनी छवि है...आपका अपना कॉन्ट्रीब्यूशन है... उस पूर्वांचल में जिसकी वजह से आप जीतते हैं चुनाव?

योगी आदित्यनाथ : देखिए इससे मैं फिर से सहमत नहीं हूं...मेरा  ये मानना है कि भारतीय जनता पार्टी भारत के लिए...इस देश के लिए..इसकी मूल परंपरा..यहां की सांस्कृतिक विरासत...भारत के राष्ट्रवाद को लेकर..भारत के सर्वांगीण विकास को ले करके जिस अभियान को आगे बढ़ा रही है..प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है कि वो उसमें सहयोग करे..और राष्ट्रवाद का ये अभियान व्यक्तिगत शुद्र स्वार्थों से उठकर के पूरा होता है...ये व्यक्ति विशेष के स्वार्थों के लिए इस विचारधारा को तलांजलि नहीं दी जा सकती है।

वासिंद्र मिश्र : ये सच है, लेकिन जब कश्मीर में सरकार बनाने की बात आती है तो वहां पर विचारधारा पीछे हो जाती है?

योगी आदित्यनाथ:  देखिए कश्मीर के मुद्दे पर कुछ चीज़ें सामने आई थी...और उसमें सबसे प्रमुख था कि कश्मीरी विस्थापितियों को वापिस कश्मीर  में बसाया जाए...और वो आगे बढ़ रहा है,...और दूसरा लोकतंत्र में कहीं कहीं एक राजनीतिक स्थिरता चाहिए...कश्मीर घाटी में जो कुछ भी है...आपने देखा होगा कि सरकार आने के बाद वहां पर एक स्थिरता लाने का प्रयास किया गया...और सरकार ने जो लोग कल तक भारत के संविधान के दायरे में रहकर के किसी मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार नहीं थे...आज वो लोग इन सब मुद्दों पर सहजता के साथ बातचीत करते हैं...कार्यक्रम करते हैं...और भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं....भारतीय जनता पार्टी कल तक जिनके लिए अछूत थी..आज भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर वो सरकार बना रहे हैं...ये हमारे लिए उपलब्धि है।

वासिंद्र मिश्र : ये तो दोनों पर लागू होता है ना...भारतीय जनता पार्टी पर भी लागू होता है कि भारतीय जनता पार्टी के लिए जो कल तक अछूत थे वो उनके साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं?

योगी आदित्यनाथ : भारतीय जनता पार्टी ने कभी किसी को अछूत नहीं माना...भारतीय संस्कृति की उन परंपराओं का हम सम्मान करते हैं...जो सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया की बात करते हैं...हम सबके सुख की बात करते हैं...तो फिर ये कहां से बात आ जाती है।

वासिंद्र मिश्र : महाराज जी एक चीज़ देखने को मिला है अकसर चुनाव में जिसको लेकर आपको अपने लोगों के बीच में भी काफी दिक्कत का भी सामना करना पड़ता है...जब आप अपने लोगों के बीच में बैठते हैं कि चुनाव के दौरान जो घोषणापत्र जारी होते हैं...चुनाव के दौरान जिस तरह के वायदे किए जाते हैं...हिंदु समाज के लिए..भारतीय संस्कृति के लिए...राष्ट्रवाद के लिए...जब चुनाव खत्म हो जाता है तो वो सारे मुद्दे पीछे चले जाते हैं...क्या वजह है? इस बार भी घोषणापत्र में जो वायदे किए गए हैं...चाहे वो किसानों के लिए हो...या गौ रक्षा के लिए हो...ये महज़ चुनाव तक ही सीमित रहेंगे...या उम्मीद की जाए कि चुनाव के बाद अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है तो उसपर अमल भी किया जाएगा?

योगी आदित्यनाथ : देखिए 2014 लोकसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी ने जो कहा था...मोदी सरकार उस काम को कर रही है...इसलिए इसके अंदर किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हो...आजतक तो 67 68 वर्षों में किसी ने सोचा भी नहीं है...मोदी सरकार ने सोचा...और किया...किसानों की खेती की सॉइल टेस्टिंग की प्रक्रिया प्रारंभ हो..पहली बार किसी सरकार ने सोचा।

वासिंद्र मिश्र: महाराज जी विभाग तो बहुत सालों से बना है...मृदा परीक्षण के लिए..और हर ज़िले में अधिकारी भी तैनात हैं?

योगी आदित्यनाथ : थे तैनात...लेकिन हुआ नहीं...किसी को मालूम नहीं था..ये शोपीस थे।

वासिंद्र मिश्र : सरकार ने पब्लिसिटी ज़्यादा की?

योगी आदित्यनाथ : पब्लिसिटी नहीं...हमने वास्तव में वो करके दिखाया...एक साथ करोड़ों किसानों के सॉइल टेस्टिंग कार्ड बनाए...प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को जितनी सरलता के साथ लाभ मिल सकता था उसको किया....और यही नहीं आज केंद्र में बीजेपी की सरकार है। उसका परिणाम है कि जो जिहादी तत्व इस देश में गाहे अगाहे दंगा करते थे...अराजकता फैलाते थे..अब उन सबको मालूम है कि कानून के नज़रिए में कोई भेदभाव जाति मज़हब देखकर के नहीं होगा...और अगर उन्होंने कहीं दंगा फसाद करने का प्रयास किया तो फिर उनके साथ वही कड़ाई होगी जो किसी भी अपराधी के साथ हो सकता है...शान्ति बनी हुई है ....केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद सहारनपुर में शरारत करने का प्रयास हुआ था...स्टेट गवर्नमेंट की पुलिस रात में पहुंची...सीआरपीएफ पहले वहां पहुंच  चुकी थी....दंगा बंद हो गया...अब ये नहीं हो सकता है... कि मुजफ्फरपुर महीनों तक जलता रहे...केंद्र में सरकार आने की एक धमक दिखाई दी...और सबकी सुरक्षा के लिए...अगर हम सबके विकास की बात कर रहे हैं...तो सबकी सुरक्षा की बात भी कर रहे हैं...और कोई ऐसा मुद्दा नहीं...कि जिस मुद्दे पर मोदी सरकार कार्य ना कर रही हो...जो 2014 में कहा था उन सब पर मोदी सरकार कदम उठा रही है..और कार्य कर रही है।

वासिंद्र मिश्र : महाराज जी दो तरह के आंकड़ें हैं देश के सामने और उसमें भारत सरकार के एनजीओ के ही आंकड़ें हैं....पहला आंकड़ा तो ये है कि पिछले ढाई वर्षों में जितनी आतंकी वारदातें हुई हैं...और INFILTRATION बढ़ा है...और बॉर्डर पर हमारे सैनिकों और नागरिकों की जान माल का ज्यादा नुकसान हुआ है...उतना यूपीए की सरकार में नहीं हुआ था...ये सरकारी आंकड़ें हैं ...आपके गृह विभाग के...आप सांसद हैं आपको पता है। दूसरा दंगों का फायदा आपकी पार्टी को ज्यादा मिला...उत्तर प्रदेश में जब-जब सांप्रदायिक दंगे हुए...तो इससे तो राजनीतिक तौर पर लाभ ही रहता है जब भी दंगें होते हैं?

योगी आदित्यनाथ : देखिए, हम राजनीतिक उद्देश्य के लिए दंगा कराएं या दंगों का समर्थन लें...हम लोग इससे सहमत नहीं हैं...देखिए सबकी सुरक्षा होनी चाहिए...हर एक की खुशहाली और हर एक की समृद्धि हमारी प्राथमिकता है...केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद आतंकवाद पर लगाम लगा है...नक्सलवाद पर लगाम लगा है...और रही बात आतंकवाद और नक्सलवाद के बाद कश्मीर के पत्थरबाज़ पर भी अगर किसी ने लगाम लगाया है तो नोटबंदी की कार्रवाई ने उसपर पूरी तरह से विराम भी लगाया है....इसके अलावा सर्जिकल स्ट्राइक से सीमा पार के आतंकियों को भी ध्वस्त किया जाए...कोई सरकार उस तरह का फैसला भी ले सकती है तो सिर्फ मोदी सरकार ने ऐसा फैसला लिया..इससे पहले किसी भी सरकार ने ये फैसला नहीं लिया।

वासिंद्र मिश्र : महाराज ये नोटबंदी के चलते तो देश के विकास पर भी विराम लग गया है...पत्थरबाज़ी पर विराम लगा कि नहीं ये तो डिबेट का विषय है...लेकिन देश के विकास पर भी विराम ज़रूर लग गया है?

योगी आदित्यनाथ : देखिए कुछ समय के लिए ये रहेगा...ये तो पहले ही इस बात की आशंका थी...लेकिन इसके परिणाम सार्थक आने वाले हैं ....और हमें प्रसन्नता इस बात की है कि हमें जनता ने लाइनों में खड़े होने के बावजूद...आम जनता इस बात को स्वीकार किया कि नहीं ये फैसला अच्छा है...देश के हित में है...हम इसका समर्थन करते हैं।

वासिंद्र मिश्र: जो मैनिफेस्टो जारी हुआ है उत्तर प्रदेश के लिए या हम उत्तराखंड की बात करें वहां भी आपका वो प्रभाव है ...सम्मान है..पूरे उत्तराखंड में...और देश में भी है...आपको लोग सम्मान की नज़र से देखते हैं...उन मैनिफेस्टो की 5 महत्त्वपूर्ण बातें बता दीजिए जिसके नाते उत्तर प्रदेश की जनता या उत्तराखंड की जनता भारतीय जनता पार्टी को वोट देगी.... अपने मुकाबले बाकी राजनीतिक दलों के?

योगी आदित्यनाथ:  देखिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में किसानों की बात की है....युवाओं की बात की है...गांव की बात की है और किसानों की समृद्धि का आधार है..जब किसान विपत्ति में रहता है तब उसके पशु धन की सुरक्षा और पशु धन के संरक्षण के लिए अवैध कत्लखानों को रोकने की बात कही है.....भारतीय जनता पार्टी ने लघु और सीमांत किसानों को...जो वास्तव में प्रदेश की सरकारों के कारण अबतक दुर्दिन झेल रहा था...उनके ऋणों को माफ करने की बात भारतीय जनता पार्टी ने कही है...गांव के  समग्र विकास के साथ-साथ गरीबी रेखा के नीचे जीवन व्यापन करने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाएं...उनके लिए पेयजल की व्यवस्था...उनके लिए आवास की व्यवस्था...उनके लिए विद्धुयुत की व्यवस्था... रसोई गैस की व्यवस्था... शौचालय आदि की व्यवस्था...सब बातें भारतीय जनता पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में कही हैं...सबसे महत्त्वपूर्ण बात जो भारतीय जनता पार्टी ने जो अबतक प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार ने...उत्तराखंड में हरीश रावत की कांग्रेस की सरकार ने...युवाओं का शोषण किया...उन्हें गुमराह करने का प्रयास किया गया...उन युवाओं को स्वावलंबन का जीवन देने के लिए ...उन्हें रोज़गार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रोज़गार उपलब्ध कराने की व्यवस्था के साथ-साथ ग्रुप बी और ग्रुप सी के सभी तरह के इंटरव्यू में किसी भी प्रकार की नौकरियों में इंटरव्यू की व्यवस्था खत्म करके मेरिट के आधार पर नौकरी देने की व्यवस्था की बात जहां की है...वहीं किसानों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में या उत्तराखंड में सभी अवैध बूचड़खानों को...बंद करने की बात भी भारतीय जनता पार्टी अपने मैनिफेस्टो में कहती है....गरीब किसान की बात करती है...हर हाथ को काम...हर खेत को पानी देने की बात भारतीय जनता पार्टी अगर कहती है तो साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो में इस बात को भी कहा है कि संप्रदायिक हिंसा  जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में  हम इसको निश्चित कराएंगे कि वहां पर सामयिक पलायन की स्थिति ना पैदा हो...उसके लिए पुलिस और डिप्टी एसपी रैंक और डिप्टी कलैक्टर रैंक के अधिकारियों की तैनाती वहां पर होगी..और सीधे-सीधे ज़िलाअधिकारियों को इसके लिए जवाबदेह बनाया जाएगा...ये अनेक ऐसे मुद्दे हैं जो आम जनता को छूने वाले हैं...गांव...गरीब...किसान की बात करने वाले हैं...और हर हाथ को रोज़गार देने और हर खेत को पानी देने की गारंटी लेने की बात  है।

वासिंद्र मिश्र: आप चर्चा कर रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की जनता आपको वोट क्यों देगी...और आपके विरोधियों को वोट क्यों नहीं देगी...आपने दो तीन जो बातें बताई हैं...उनमें से दो विषयों पर हम चाहते हैं कि आप थोड़ा विस्तार से जानकारी दें...पहला मुद्दा है बूचड़खानों का....इसके बारे में भी हम आपको बहुत आदर के साथ बताना चाहते हैं जो आरटीआई के ज़रिए...जो सरकारी एजंसियों ने जो जानकारी दी पिछले दिनों उसके मुताबिक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जितने बूचड़खाने जो चल रहे हैं...उसके जो बिज़नस पार्टनर हैं वो आपकी पार्टी से जुड़े हुए लोग हैं...या आपकी विचारधारा को मानने वाले लोग हैं...लाइसेंस ज़रूर मुसलमानों के नाम से है..अल्पसंख्यकों के नाम से है...लेकिन उसके पीछे से जो आमदनी हो रही है...उसका सबसे बड़ा जो बेनिफिशियरी है वो तो आपके विचारधारा के लोग हैं...आपकी पार्टी के लोग हैं...जिसमें से कुछ को आपने निवर्तमान विधानसभा में आपने विधायक भी बनवाया था...और इस बार भी आप लोगों ने टिकट दी है...तो ये जो दोहरा मानदंड है ये क्यों है ? आप सार्वजनिक तौर पर गो हत्या का विरोध करते हैं...बूचड़खानों का विरोध करते हैं...अवैध बूचड़खानों का विरोध करते हैं...और पीछे से आप ही के लोग इसको चलाते हैं...रुपया लगाते हैं...उसका व्यापारिक लाभ उठाते हैं?

योगी आदित्यनाथ: देखिए कोई एक व्यक्ति पार्टी नहीं है...भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणापत्र में कहा है...कि अवैध बूचड़खानों को और यांत्रिक कत्लखानों बंद करेंगे...अवैध बूचड़खानों को रोकने के लिए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने तो उत्तर प्रदेश सरकार को कई बार कहा है....और मुझे लगता है कि ये बंद होना चाहिए...भारतीय जनता पार्टी ने अपने मैनिफेस्टो का हिस्सा भी इसको बनाया है...यांत्रिक कत्लखानों को भी ...पश्चिमी उत्तर प्रदेश की स्तिथि क्या है....कोई अगर अपने भैंसे को लेकर सड़क पर निकलता है...और अगर पान की दुकान में पान खाने के लिए चला गया तो इतने में तो भैंसा गायब हो जाता है....कोई बैल गाड़ी वाला अपना बैल लेकर के चल रहा है...किसी कार्य से वो इधर उधर गया तो उतने में ही उसकी बैलगाड़ी गायब हो जाती है...और सभी अवैध बूचड़खानों और यांत्रिक कत्लखानों में पहुंचा दिए जाते हैं...इसपर रोक लगनी आवश्यक है...व्यापक हित में...दूसरा पशु संरक्षण के लिए भी...जब संरक्षण ही नहीं होगा तो सम्बर्धन कहां से हो पाएगा...हमें उन्नत पशु धन चाहिए तो सबसे पहले उसका संरक्षण ज़रूरी है...और उसी संरक्षण की दृष्टि से ये आवश्यक है कि इनको प्रतिबंधित किया जाए...और भारतीय जनता पार्टी कड़ाई से इसको लागू करेगी उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने पर।

वासिंद्र मिश्र : तो क्या आप ये वायदा करते हैं...कि अगर भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आती है तो आपकी पार्टी से जुड़े हुए लोग..आपकी विचारधारा से जुड़े हुए लोग...जिनका रुपया लगा है उन बूचड़खानों में उनके विरुद्ध भी पार्टी की सरकार कार्रवाई करेगी?

योगी आदित्यनाथ:  मैंने कहा ना जब ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी...जब ये अवैध बूचड़खाने रहेंगे ही नहीं...और जब यांत्रिक कत्लखानों को बंद कर दिया जाएगा...तो उसके बाद मुझे नहीं लगता कि किसी प्रकार की कोई कार्रवाई की ज़रूरत पड़ती है।

वासिंद्र मिश्र: महाराज जब गोरखपुर में प्रधानमंत्री गए थे...वहां पर फर्टीलाइज़र का पुनरउद्घार हुआ...आपके ही प्रयास से हुआ...जो इतने साल से बंद था वो पूरे पूर्वांचल में....इंसेफ्लाइटिस को लेकर भी आप कई बार बोलते रहे हैं वहां से...हज़ारों की तादाद में बच्चे हर साल मरते हैं...और आपके मन में पीड़ा भी है...क्योंकि उस क्षेत्र की जनता आपको सांसद से ज़्यादा एक अपने संरक्षक के रूप में देखती है...वो चाहे अपना गोरखनाथ मंदिर का मामला हो या फिर  और भी चीज़ें हों....क्या वजह है कि जिस priority से...जिस संजीदगी से...देश के बाकी हिस्सों में जो समस्याएं हैं उसके निस्तारण के लिए सरकार काम करती है...उस गंभीरता से ...उस संजीदगी से पूर्वांचल के लोगों की समस्याओं को लेके आपकी सरकार उतनी संजीदगी क्यों नहीं दिखाती है?

योगी आदित्यनाथ: देखिए मुझे लगता है आप उन सच्चाईयों को थोड़ा देखें..और प्रधानमंत्री के भाषणों को थोड़ा क्योट करिए।

वासिंद्र मिश्र: भाषण में तो ठीक है..हम ग्राउंड रिपोर्ट की बात कर रहे हैं?

योगी आदित्यनाथ: पहली बार इस देश का कोई प्रधानमंत्री देश के अंदर क्षेत्रीय आर्थिक विषमताओं के मुद्दे को दमदारी के साथ उठाता है...पूर्वी भारत के विकास की बात करता है...और उसके माध्यम से देश में आर्थिक संतुलन लाने की बात करता है और उसपर इमानदारी के प्रयास प्रारंभ कर योजनाएं लागू करता है...गोरखपुर में फर्टीलाइज़र पुनरउद्घार के लिए लगभग साढ़े 6 हज़ार करोड़ सरकार दे चुकी है और वहां पर काम भी शुरु हो चुका है...गोरखपुर में एम्स की स्थापना होने जा रही है...गोरखपुर में एम्स का निर्माण बाद में होगा वहां पर जो पुराने भवन हैं उनमें ओपीडी एम्स की प्रारंभ होने जा रही है...और साथ-साथ गोरखपुर में जो है गैस पाइपलाइन की सुविधा के माध्यम से सिटी के अंदर यानी फर्टिलाइज़र कारखाना की आपूर्ति के साथ-साथ सिटी में पीएनजी की आपूर्ति उसके माध्यम से हो...ये सब कार्य हो रहे हैं और पूंजी निवेश केवल...ये केवल गोरखपुर तक सीमित नहीं है...बरौनी में भी खाद कारखाना लगने जा रहा है...पूर्वी भारत का समग्र विकास कैसे हो...केंद्र की वर्तमान कैबिनेट का कोई ना कोई मंत्री सप्ताह में एक दिन नॉर्थ ईस्ट के किसी ना किसी राज्य में उपस्थित रहकर के वहां की समस्याओं का समाधान करने के साथ-साथ केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा कर रहा है...वहां पर चुनाव नहीं है इस समय लेकिन तब भी ये कार्य चल रहा है...इमानदारी के साथ पहल केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश में ही नहीं पूरे पूर्वी भारत का संपूर्ण विकास पहली बार केंद्र में मोदी सरकार के द्वारा प्रारंभ किया गया है.. और उसके हम भी पार्ट हैं...आज  गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास के जितने कार्यक्रम प्रारंभ हुए हैं...आज़ादी के बाद पहली बार हुआ है....पहली बार विकास जो जनता देख रही है...एक समय था 1920 और 30 के दशक में जब तमाम चीनी मिलें लगी थी...उन चीनी मिलों के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एक नयी जान फूंकी गई थी...लेकिन समय के साथ और प्रदेश सपा-बसपा की सरकार के आने के बाद से यानी 1990 के बाद से तेज़ी से ये चीनी मिलें या तो बंद होती गई और उन्होंने उन चीनी मिलों को अपने स्वार्थ के लिए बेचा...उन चीनी मिलों की सौदेबाज़ी की... लेकिन आज़ादी के बाद विकास को पहली बार पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों ने केंद्र में नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व की सरकार आने के बाद से देखा और उसी में गोरखपुर का फर्टिलाइज़र कारखाना है...गोरखपुर में एम्स है...गोरखपुर में गैस पाइपलाइन की सुविधा देने की बात है...तो गोरखपुर ही नहीं...चाहे वहां बौद्ध सर्किटों से जुड़े स्थलों के विकास का हो...आध्य़ात्मिक सर्किटों के विकास की बात हो...रामायण पथ हो...चाहे वो अन्य योजनाओं के माध्यम से हो...गोरखपुर में सिविल एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है...ये सारे कार्य वहां पर प्रारंभ हुए हैं...आज़ादी के बाद से 68 वर्षों तक तो किसी का ध्यान इधर नहीं गया...हम लोग चिल्लाते थे...बोलते थे...आवाज़ उठाते थे...आप आश्चर्य करेंगे जब पहली बार मैं सांसद बना और इंसेफ्लाइटिस का मुद्दा मैंने संसद में रखा...उसको उस समय जापानी इंसेफ्लाइटिस कहते थे...तो तमाम लोग मुझपे हंस रहे थे...कि मैं कौन सी बीमारी की बात कर रहा हूं...जब मैंने लक्षण बताने शुरु किए तो एक-एक सांसद कहने लगे ऐसे तो हमारे यहां भी बीमारी हो रही है...ऐसे हमारे यहां भी मौतें हो रही हैं...और ये आज एक मुद्दा बन चुका है।

वासिंद्र मिश्र : लेकिन आपके केंद्रीय मंत्री उस इलाके का दौरा  भी नहीं करते हैं?

योगी आदित्यनाथ : तीन दौरे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के वहां हो चुके हैं...
वासिंद्र मिश्र: डॉ हर्षवर्धन जिस संजीदगी से उस काम को करने में  लगे थे...जे पी नड्डा की तरफ से उस तरह का रिस्पांस देखने को नहीं मिलता है
योगी आदित्यनाथ: जे पी नड्डा जी तीन बार गोरखपुर गए...और इस बीमारी के उपचार का जो सबसे बड़ा सेंटर है गोरखपुर का बियाड़ी मेडिकल कॉलेज उसमें 8 नयी सुपरस्पेशयेलिटी के लिए उन्होंने 150 करोड़ रुपये भी दिए हैं...कार्य प्रारंभ हो चुका है...गोरखपुर में इंसेफ्लाइटिस से जो बच्चे शारीरिक और मानसिक रुप से विकलांगता का शिकार हो जाते हैं...अक्षम हो जाते हैं...उन लोगों के लिए वहां पर सीआरसी सेंटर स्थापित करने के लिए भारत सरकार जे पी नड्डा जी ने पैसा दे दिया है...काम वहां पर तेज़ी से चल रहा है...उत्तर प्रदेश के 20 डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल्स में इंसेफ्लाइटिस से पीढ़ित बच्चों के लिए 10-10 बेड का आईसीयू बनाने के लिए भारत सरकार ने पैसा दे दिया है...और सभी में लगभग आईसीयू बनकर तैयार हो गए हैं...पैसा भारत सरकार दे रही है...केंद्र में मोदी सरकार दे रही है।

वासिंद्र मिश्र : महाराज जी इसमें कितनी सच्चाई है कि प्रत्याशियों के चयन में आप जैसे कद्दावर व्यक्ति से भी राय नहीं ली गई..ज़्यादातर क्षेत्रिय सांसद जो आपके हैं...आप ही की पार्टी के...उनकी भी राय नहीं ली गई...और जिसका कारण ही है कि आपकी पार्टी में सबसे ज़्यादा रिबेल दिखाई दे रहे हैं...और खास तौर पर पूर्वांचल में...इसमें कितनी सच्चाई?

योगी आदित्यनाथ: देखिए जब पार्टी का आधार बढ़ता है तब दावेदार भी अनेक होते हैं...और स्वाभाविक रूप से टिकट एक है और दावेदार अनेक है...हर एक की अपनी-अपनी दावेदारी है...और अपने प्रत्याशिता के लिए व्यक्ति उस-उस प्रकार की बातें भी करता भी है...और करेगा भी...टिकट वितरण की प्रक्रिया में जिला प्रदेश और पूरे क्षेत्र से जो नाम आए होंगे...पार्टी ने अपने इंडिपेंडेंट सर्वे भी कराए थे...और उसके बाद हम लोगों के साथ बैठकर चर्चाएं भी हुई थी.....और हर एक सांसद से इस बात को कहा गया था कि वो संगठन के साथ बातचीत करके नाम भेजे...मेरिट के आधार पर जो होगा उसके अनुसार टिकट होगा...हम मानते हैं कि मेरिट में हो सकता है कि कम ज्यादा हो गया हो...लेकिन प्रयास किया गया है कि सब लोगों से बातचीत करके इसका कोई एक समाधान निकालने का...लेकिन जो मैंने पहले कहा कि पार्टी का जनाधार ज्यादा होने से...संभावनाएं ज़्यादा होने के नाते...दावेदार अनेक हो गए तो टिकट तो एक है।

वासिंद्र मिश्र: महाराज जी एक और बात इस बार कही जा रही है....इसके पहले भी कही जाती थी बातें...तब संगठन, मंत्रियों पर आरोप लगता था...पिछले चुनाव में भी....लेकिन इस बार कुछ ज्यादा ही आरोप लग रहा है....और इस बार आरोप लग रहा है कि जो बीमारी भारतीय जनता पार्टी में इस वक्त दिखाई दे रही है इस तरह की बीमारी तो बहुजन समाज पार्टी में थी कि पैसा लेके टिकट दिया जाता था....इस बार आपके कैडर के लोग कह रहे हैं...कि भारतीय जनता पार्टी में भी टिकटों का जो चयन हो रहा है उसमें रुपये का लेन-देन हुआ है...खास तौर पर ऑउटसाइडर्स में ये देखा गया है?

योगी आदित्यनाथ: देखिए स्वाभाविक रूप से बाहर से आए लोगों को भी टिकट दिए गए हैं.....लेकिन उसमें मेरिट में जब दिखाई गया है कि वो जीत सकता है....तो उसी आधार पर दिए गए होंगे...इस आधार पर नहीं कि वो व्यक्ति बाहर से आए और इसलिए हम उसे प्राथमिकता दे दें.....ऐसा नहीं है...बहुत सारे लोगों ने जॉइन किया...बहुत सारों को टिकट मिले...बहुत सारों को टिकट नहीं भी मिला है.... बहुत सारी जगह पार्टी के मूल कैडर को ही प्राथमिकता देकर उसको ही आगे बढ़ाया गया है...लेकिन ये कहना कि पैसे के आधार पर टिकट दिया गया है...सरासर गलत है....और ये भी कहना कि बाहरी लोगों को सारी टिकट दी गई हैं ये भी गलत है।

वासिंद्र मिश्र: महाराज जी आपके वहां मोदी जी से लेकर आप सब लोग इस बात के पक्षधर रहे हैं कि राजनीति में परिवारवाद नहीं होना चाहिए....और भारतीय जनता पार्टी या आप लोगों का जो सार्वजनिक जीवन के संघर्ष का मूल आधार एक ये भी रहा है....शायद इसीलिए आप लोग इंदिरा गांधी, नेहरु से लेके और चौधरी चरण सिंह तक का सबका आप लोग विरोध करते थे... कि वे लोग परिवारवाद को बढ़ावा देते थे...और मुलायम सिंह और लालू यादव इसके जीते जागते उदाहरण हैं...आपकी पार्टी में भी परिवारवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है....और आपकी पार्टी के जो अंदर के लोग थे उनको तो दिया ही गया टिकट .....जो बाहर से आए उनके भी परिवारवाद को आप लोगों ने बढ़ावा दिया....और संरक्षण दिया...तो वो मूल सिद्धांत जो था...जो मूल दर्शन था...जो आप लोगों की असली ताकत थी...आपके सार्वजनिक जीवन में अपने विरोधियों से लड़ने की...वो सब dilute हो गई?

योगी आदित्यनाथ : देखिए प्रधानमंत्री जी ने इस बात को कहा था...और मुझे लगता है कि बहुत अच्छी पहल थी...और उस को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए था...और उसको किया भी गया....लेकिन जो कार्यकर्ता वर्षों से काम कर रहा है....भले ही उसका पिता विधायक हो या सांसद हो....मुझे लगता है कि उसको परिवारवाद का हिस्सा ना माना जाए....क्योंकि व्य़क्ति 5 साल...7 साल...10 साल....से काम कर रहा है और कार्यकर्ता के रूप में काम  कर रहा है....तो वो परिवारवाद का हिस्सा नहीं हो सकता है....यहां किसी एक व्यक्ति या किसी एक के ऊपर भारतीय जनता पार्टी में ये लेबल नहीं लगा है...कि इसको ये होना ही होना है....अगर वो उस क्राइटेरिया में फिट बैठरा है तो देंगे...नहीं बैठरा है तो मना भी कर दिया गया है...बहुत सारे लोगों को मना किया गया।

वासिंद्र मिश्र: महाराज जी यही काम तो नेहरु जी ने भी किया...जब इंदिरा गांधी को प्रोजक्ट किया गया तब उसमें इंदिरा गांधी सक्रिय सार्वजनिक जीवन में थी....आज़ादी के आंदोलन से लेकर और उसके बाद भी...और जब राजीव गांधी और सोनिया गांधी....या राहुल गांधी...या प्रियंका गांधी या मुलायम सिंह या उनके परिवार के लोग आते हैं सक्रिय राजनीति में तो वो भी 2 साल...4 साल से सक्रिय हैं राजनीति में...तो उनका आप लोग क्यों विरोध करते हैं?

योगी आदित्यनाथ: नहीं हमारे यहां पर ऐसा नहीं है ना कि पंडित नेहरु के बाद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ही बनेगी।

वासिंद्र मिश्र: नहीं तो उसके बाद इंदिरा जी नहीं बनी ना...उसके बाद तो शास्त्री जी बने?

योगी आदित्यनाथ: इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी ही बनेंगे....यहां पद के लिए नहीं है...देखिए पद का मतलब अगर कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री है तो उसका पुत्र ही प्रधानमंत्री होगा...अध्यक्ष है तो उसका पुत्र ही अध्यक्ष होगा...यहां पर ऐसा कुछ नहीं है भारतीय जनता पार्टी में...भारतीय जनता पार्टी में तो एक सामान्य कार्यकर्ता इन सब पदों पर जा सकता है....देखिए बीजेपी और कांग्रेस में यही अंतर है कि बीजेपी में उसके योगदान को देखकर के महत्त्व दिया जाता है....लेकिन वहां पर परिवार और वंश परंपरा को देखकर के दिया जाता है।

वासिंद्र मिश्र: बीजेपी में कहां दिया जा रहा है...ये अपवाद है बीजेपी में...महंत आदित्यनाथ 5 बार से सांसद हैं...संगठन के लिए समर्पित हैं...विचारधारा के लिए समर्पित हैं...कोई उनका परिवार नहीं है...देश और विचारधारा के लिए वो अपना जीवन यापन कर रहे हैं...महंत आदित्य़नाथ को मुख्यमंत्री के रूप में क्यों नहीं प्रोजेक्ट किया गया उत्तर प्रदेश चुनाव में?

योगी आदित्यनाथ: देखिए उत्तर प्रदेश में पार्टी ने अपनी रणनीति तय की है....कि हम एक व्यक्ति को सामने नहीं रखेंगे...और मुझे लगता है अच्छी बात थी...उत्तर प्रदेश कोई एक छोटा स्टेट तो है नहीं....कि जहां पर आप किसी एक व्य़क्ति को रखकर उद्देश्य की पूर्ति कर सकें...दूसरा भारतीय जनता पार्टी ने...या हम जैसे लोगों ने राजनीति में इसलिए प्रवेश नहीं किया है कि हम किसी पद या किसी प्रतिष्ठा के पीछे भागें...हम एक विचारधारा के लिए समर्पित भाव के साथ राजनीति में आए हैं...और वैचारिक अधिष्ठान को मज़बूती प्रदान करने के साथ-साथ राजनीति के उन मूल्यों, आदर्षों में अगर हम लोग कहीं कुछ योगदान दे सकते हैं तो उसमें हम अपना योगदान दे रहे हैं...ये हमारा उद्देश्य नहीं है कि हम केवल एक पद प्राप्त करने के लिए राजनीति में आए।

वासिंद्र मिश्र: नहीं ये आपका उद्देश्य नहीं है...हम ये नहीं कह रहे हैं कि आप चाहते हैं?

योगी आदित्यनाथ: पार्टी ने जो कुछ किया है बहुत अच्छा किया है...हम पार्टी के अभियान के साथ हैं।

वासिंद्र मिश्र: वो तो ठीक है आपका धर्म भी यही कहता है...आपको अभियान के साथ रहना चाहिए...लेकिन क्या पार्टी के अंदर जो लीडरशिप को लेकर बैंकरप्सी  है कि 14 साल से पार्टी विपक्ष की राजनीति कर रही है...और उत्तर प्रदेश में एक क्रेडिबिल फेस नहीं  है उसके पास जिसको आगे करके उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ सके?

योगी आदित्यनाथ: भारतीय जनता पार्टी के पास फेस की कमी नहीं...और भारतीय जनता पार्टी के पास नेताओं की कमी नहीं है...ये दुविधा उनके पास होगी जिनके पास फेस नहीं है...जिनके पास नेता नहीं है...जो एक परिवार पर आधारित हैं...एक जाति पर आधारित हैं...एक वंश पर आधारित हैं....ये समस्या उनके पास होगी...हमारे पास नहीं है।

वासिंद्र मिश्र: तो इसका मतलब ये है कि ज्यादा जो भी मठ उजाड़वाड़ के डर से भारतीय जनता पार्टी किसी को प्रोजेक्ट नहीं कर रही है?

योगी आदित्यनाथ: नहीं....ऐसा नहीं है हमारे पास नेता हैं....हमारे पास कार्यकर्ता हैं....हमारे पास कैडर है....हम अपनी इस विचारधारा को पुष्ट करते हुए...उत्तर प्रदेश में राज भी बदलेंगे...समाज भी बदलेंगे...वहां की विकृत व्यवस्था भी बदलेंगे...हमारी नज़र कुर्सी पर नहीं...भारत माता के चर्णों पर है...हम भारत माता के विकास के लिए...उत्तर प्रदेश के समग्र विकास के लिए कार्य करेंगे।

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