उमर अब्दुल्ला और महबुबा मुफ्ती जैसे नेताओं द्वारा सुषमा स्वराज के पक्ष में ट्वीट करने से सुषमा के खिलाफ ट्रोलिंग बढ़ने के और भी खतरे हैं.
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सोशल मीडिया में सर्वाधिक लोकप्रिय भारतीय महिला सुषमा स्वराज भी अब ट्रोलिंग का शिकार बन गयी हैं. गाली-गलौच बढ़ने पर विदेश मंत्री स्वराज द्वारा ट्विटर में एक सर्वे कराया गया. 30 जून तक 1,24,305 लोगों ने इस सर्वे में भाग लेते हुए वोट दिया, जिनमे से 43 फीसदी लोगों ने सुषमा के साथ ट्रोलिंग यानि गाली-गलौच को सही ठहराया. विश्व की सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की महिला विदेश मंत्री ही यदि ट्रोलिंग का शिकार हो जायें, तो फिर डिजिटल युग में लोकतान्त्रिक संवाद कैसे होगा?
ट्विटर से फौरी राहत और न्याय के खतरे
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का इस मामले पर कहना है कि सिर्फ ट्वीट्स के आधार पर फौरी न्याय करने से कई बार नुकसान हो जाता है. सुषमा स्वराज से तत्काल पासपोर्ट की मांग करने वाले एक जोड़े ने तुर्की में हनीमून के प्लान होने का वास्ता दिया था. बाद में पता चला कि वह जोड़ा कई सालों से शादी-शुदा है. गायक अदनान सामी ने ट्वीट करके कहा कि कुवैती अधिकारियों ने उसके स्टॉफ को भारतीय कुत्ते कहा तो सुषमा स्वराज ने उन्हें फोन करने के लिए कहा. सामी की कहानी में कई पेंच थे, शायद इसीलिये बाद में सुषमा स्वराज का वह ट्वीट डिलीट कर दिया गया. ट्वीट्स पर दी गई खबर के अनुसार भारत सरकार ने दो विमान दक्षिणी सुडान भिजवा दिये मगर विमान आधे से ज्यादा खाली लौटे क्योंकि बहुत से ट्वीटरबाज शिकायतकर्त्ता भारत वापस नहीं आये.
लखनऊ पासपोर्ट अधिकारी के ट्रान्सफर से बढ़ी नाराजगी
पासपोर्ट जारी करने पर हिन्दू-मुस्लिम दम्पति को कथित तौर पर परेशान करने की शिकायत के बाद लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारी के ट्रान्सफर के बाद सुषमा स्वराज के खिलाफ ट्वीटर और सोशल मीडिया में ट्रोलिंग शुरू हो गयी. मुस्लिम शख्स से विवाह करने वाली तन्वी सेठ ने ट्वीट करके आरोप लगाया था कि पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने उन्हें अपमानित किया और उनके पति से कहा कि वह हिन्दू धर्म अपना लें. संघ के पदाधिकारियों के हस्तक्षेप और मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस एवं स्थानीय खुफिया इकाई ने जांच की, जिससे पता चला कि पासपोर्ट में कई गलत जानकारियां दी गई थीं और महिला अपने पते पर पिछले एक साल से नहीं रह रही थी. आनन-फानन में पासपोर्ट जारी करने वाला विदेश मंत्रालय अब विकास मिश्रा के साथ भी त्वरित न्याय कर दे तो क्या यह ट्रोलिंग बंद हो जायेगी?
ट्रोलिंग के खिलाफ कारवाई करने की बजाय, सुषमा का लाइक क्यों
भारत में सोशल मीडिया के लगभग 26 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं. अन्तर्राष्ट्रीय संगठन ट्विपलोमैसी द्वारा किये गये सर्वे के अनुसार सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा लोकप्रिय नेता अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के 37 फीसदी ट्विटर फॉलोवर फेक हैं. भारत में राहुल गांधी के 68 फीसदी और अरविन्द केजरीवाल के 51 फीसदी से ज्यादा ट्विटर फॉलोवर फेक या फर्जी हैं. सर्वे के अनुसार सुषमा स्वराज के 60 फीसदी फॉलोवर्स फेक हो सकते हैं. उमर अब्दुल्ला और महबुबा मुफ्ती जैसे नेताओं द्वारा सुषमा स्वराज के पक्ष में ट्वीट करने से सुषमा के खिलाफ ट्रोलिंग बढ़ने के और भी खतरे हैं. मद्रास उच्च न्यायालय ने हालिया निर्णय में रीट्वीट करने वाले को बराबर का दोषी माना है. धार्मिक विद्वेष बढ़ाने और महिलाओं का अपमान करने वाले ट्वीट्स के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने पर आईपीसी और आईटी एक्ट के तहत आपराधिक कारवाई हो सकती है. आपत्तिजनक ट्वीटस पर शिकायत दर्ज कराने की बजाय स्वराज दम्पति द्वारा उन्हें लाइक या रीट्वीट करने से गलत मिसाल कायम हो रही है.
सोशल मीडिया में ट्रोलिंग होने पर कारवाई के सीमित विकल्प
2019 के आम चुनावों के पहले चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया कम्पनियों से चुनावी आचार संहिता का पालन करने का अनुरोध किया है. केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने सोशल मीडिया में महिलाओं की सुरक्षा के लिए अनेक उपायों की घोषणा की थी, पर उन पर अभी तक अमल नहीं हुआ है. सुषमा को ट्रोल करने वाले अनेक लोगों ने अपना एकांउट ही डिलीट कर दिया तो फिर उनके खिलाफ अब कारवाई कैसे हो? अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा फॉलोवर्स को ब्लॉक करने के कदम को, न्यूयार्क की फ़ेडरल अदालत ने गैर-कानूनी करार दिया है. भारत में फॉलोवर्स को ब्लॉक करने के लिए सुषमा स्वराज यदि कोई कदम उठायें तो क्या उन्हें कानूनी मान्यता मिलेगी?
सोशल मीडिया में की गयी शिकायतों की जांच के लिए सिस्टम बने
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि ट्रोलिंग पर समुचित जवाब दिया जा रहा है. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने ऑफ द रिकॉर्ड कहा है कि सोशल मीडिया या ट्विटर पर आई शिकायतों को एक कमेटी के पास प्राथमिक जांच के लिए भेजना चाहिए और दावों की सत्यता के बाद ही आधिकारिक कारवाई करना चाहिए. सरकारी अफसरों और मंत्रियों द्वारा बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल के दौर में, डिजीटल साक्षरता और जवाबदेही की बात भी अब होनी चाहिए. ट्वीटर द्वारा जारी 2016 के आंकड़ों के अनुसार 1.9 लाख या सिर्फ .061% ट्वीटर अकाउंट ही वेरिफाइड हैं. देश में बैंक अकाउंट में केवाईसी और किरायेदारों के सत्यापन की अनिवार्यता है. सभी ग्राहकों की जांच करके सोशल मीडिया कंपनियां यदि एकाउंट्स को वेरीफाई करने की प्रक्रिया तेज करने के साथ क़ानून के अनुसार भारत में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति कर दें तो ट्रोलिंग और फेक न्यूज़ के मर्ज़ पर प्रभावी लगाम लग सकती है.