गत चैम्पियन भारत ने रविवार को यहां एशियाई चैम्पियंस ट्राफी (एसीटी) पुरूष हॉकी टूर्नामेंट के राउंड रॉबिन मैच में जापान को 6-0 से रौंद दिया. भारतीय टीम पहले ही सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है.
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नई दिल्ली: गत चैम्पियन भारत ने रविवार को यहां एशियाई चैम्पियंस ट्राफी (एसीटी) पुरूष हॉकी टूर्नामेंट के राउंड रॉबिन मैच में जापान को 6-0 से रौंद दिया. इससे भारतीय टीम को राउंड रॉबिन चरण के एक भी मैच में हार का सामना नहीं करना पड़ा. हरमनप्रीत सिंह (10वें और 53वें मिनट) ने दो गोल दागे जबकि दिलप्रीत सिंह (23वें), जरमनप्रीत सिंह (34वें), सुमित (46वें) और शमशेर सिंह (54वें) ने भी मौलाना भसानी हॉकी स्टेडियम में स्कोरशीट में अपने नाम दर्ज कराए.
भारत पहले ही सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का कर चुका है. पांच देशों के टूर्नामेंट के राउंड रॉबिन चरण के अंत में भारत 10 अंक लेकर तालिका में शीर्ष पर बना हुआ है जिसके बाद कोरिया (छह), जापान (पांच), पाकिस्तान (दो) और मेजबान बांग्लादेश (शून्य) हैं. यह भारत की लगातार तीसरी जीत है. टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में कोरिया ने भारत को ड्रॉ पर रोक दिया था. लेकिन मनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम ने बांग्लादेश को 9-0 से रौंदकर चीजें बदल दीं जिसके बाद उसने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को भी हराया और फिर अब जापान को भी शिकस्त दी.
भारत की सेमीफाइनल की प्रतिद्वंद्वी टीम पर फैसला होना अभी बाकी है. भारत के मनोबल में इस दबदबे भरी जीत से काफी बढ़ोतरी होगी और टीम टूर्नामेंट के अंत में आत्मविश्वास से भरी होगी. भारतीय टीम ने एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता टीम जापान को सभी विभागों में पूरी तरह चित्त कर दिया. भारत ने पहले हाफ में दबदबा बनाया. उसने पहले क्वार्टर के शुरुआती 6 मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल कर लिए लेकिन इसमें गोल नहीं कर सकी. इसके तुरंत बाद जापान भी पेनल्टी कॉर्नर का फायदा उठाने में असफल रहा. भारत ने हमले करना जारी रखा और उसे फिर एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला. इस बार हार्दिक सिंह ने शानदार तरीके से इसे हरमनप्रीत की ओर किया जिनकी फ्लिक से भारतीय टीम ने 1-0 से बढ़त बना ली. पहले क्वार्टर के अंत में भारत की बढ़त दोगुनी हो सकती थी लेकिन अनुभवी ललित उपाध्याय गोल करने से चूक गए.
दूसरे क्वार्टर के पांच मिनट बाद जापान को एक पेनल्टी कॉर्नर मिला. भारत ने इस फैसले को रेफर किया लेकिन टीवी अंपायर को जापान को यह पेनल्टी कॉर्नर नहीं देने का कोई कारण नहीं मिला. मंदीप सिंह, शिलानंद लाकड़ा और दिलप्रीत की तिकड़ी के 23वें मिनट में बेहतरीन तालमेल की बदौलत दिलप्रीत ने टीम की बढ़त दोगुनी कर दी. जापान ने भी आक्रामकता बरती लेकिन भारतीय रक्षात्मक पंक्ति ने उनके प्रयासों को नाकाम कर दिया जिससे टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता टीम ब्रेक तक दो गोल से आगे थी. जापान ने दूसरे हाफ की शुरुआत आक्रामक अंदाज से की लेकिन गोल भारत के नाम रहा जिसने जरमनप्रीत की क्लीन स्ट्राइक से तीसरा गोल दागा.
जापान को 36वें मिनट में महत्वपूर्ण पेनल्टी कॉर्नर मिला और वह इसका फायदा उठाने के करीब दिख रही थी लेकिन भारतीय गोलकीपर सूरज करकेरा ने शानदार बचाव कर उन्हें गोल करने से रोक दिया. सूरज नियमित गोलकीपर पी श्रीजेश की अनुपस्थिति में अच्छा खेल दिखा रहे हैं. जापान ने गोल करने के कई प्रयास किये। केंटा टनाका ने अकेले भारतीय रक्षात्मक पंक्ति में सेंध लगाई जिससे जापान के पास मौका था लेकिन एक बार फिर सूरज करकेरा ने इसे नाकाम कर दिया. जापान ने भारतीय रक्षात्मक पंक्ति की परीक्षा लेना जारी रखा लेकिन बैकलाइन मजबूत बनी रही.
अंतिम क्वार्टर में सुमित ने गोल करके जापान को चौथा झटका दिया. हरमनप्रीत ने फिर गोलपोस्ट के दाएं कॉर्नर पर स्मैश शॉट से मैच में दूसरा गोल करके स्कोर 5-0 कर दिया. दो मिनट बाद जूनियर शमशेर और शिलानंद ने मिलकर मौका बनाया जिस पर शमशेर ने भारत का छठा गोल दागा. जापान ने गोल करने के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन उसके खिलाड़ी भारतीय रक्षात्मक पंक्ति को नहीं भेद सके. भारत का दबदबा इस तरह का था कि उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी को मिले सभी पांच पेनल्टी कॉर्नर का बचाव किया.