मुझे अब मौत से डर नहीं लगता है. मुझे यह ऑपरेशन की तरह लगती है, जिसमें आप नींद में जाते हैं और फिर कभी नहीं जागते: मरीकी वरवूर्ट
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अटलांटा: बेल्जियम की चैंपियन खिलाड़ी मरीकी वरवूर्ट ने इच्छामृत्यु के जरिए अपने जीवन का अंत कर लिया. लंदन पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीत चुकीं मरीकी की उम्र 40 साल थी. उन्होंने मंगलवार को इच्छामृत्यु के जरिए अपनी जान दे दी. इच्छामृत्यु बेल्जियम में वैध है. पैरालिंपियन मरीकी वरवूरर्ट ने 2016 रियो पैरालंपिक के बाद घोषणा कर दी थी कि अगर बीमारी के कारण उनकी स्थिति और खराब होती है तो वे इच्छामृत्यु चुन सकती हैं. बेल्जियम के अलावा नीदरलैंड, कोलंबिया, लक्जमबर्ग और कनाडा में इच्छामृत्यु जायज है.
मरीकी वरवूर्ट ने लंदन पैरालंपिक-2012 में 100 मीटर व्हीलचेयर रेस में गोल्ड मेडल जीता था. उन्होंने 200 मीटर दौड़ में भी सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. मरीकी ने 4 साल बाद रियो पैरालंपिक में भी दो पदक अपने नाम किए. उन्होंने रियो में 400 मीटर व्हीलचेयर रेस में सिल्वर और 100 मीटर रेस में ब्रॉन्ज मेडल जीते थे.
Belgian Paralympian Marieke Vervoort ends life by euthanasia
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— ANI Digital (@ani_digital) October 23, 2019
मरीकी वरवूर्ट ने रियो पैरालंपिक के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ‘मैं अब भी हर लम्हे का लुत्फ ले रही हूं. मुझे अब मौत से डर नहीं लगता है. मुझे यह एक ऑपरेशन की तरह लगती है, जिसमें आप नींद में जाते हैं और फिर कभी नहीं जागते हैं. मेरे लिए यह शांति का एक तरीका है. मैं मौत के लिए तड़पना नहीं चाहती हूं. जब ऐसा वक्त आएगा तो मैं इच्छामृत्यु का विकल्प चुनूंगी. दस्तावेज तैयार हैं.’
मरीकी वरवूर्ट 14 साल की उम्र से मांसपेशियों की बीमारी से पीड़ित थीं. उनके पैरों में लकवा हो गया था. उन्हें हर वक्त दर्द रहता था और वे बमुश्किल सो पाती थीं. हाल के दिनों में मरीकी वरवूर्ट की आंखों की रोशनी काफी कम हो गई थी और उन्हें मिरगी के दौरे पड़ते थे. उन्होंने इच्छामृत्यु के दस्तावेजों पर 2008 में ही हस्ताक्षर कर दिए थे. इस चैंपियन खिलाड़ी ने मंगलवार को अपने दुखों का अंत करने के लिए इच्छामृत्यु की राह चुन ली.