Farmers Protest: Boxer Vijender Singh ने दी Rajiv Gandhi Khel Ratna Award लौटाने की धमकी
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Farmers Protest: Boxer Vijender Singh ने दी Rajiv Gandhi Khel Ratna Award लौटाने की धमकी

भारतीय बॉक्सर विजेंदर सिंह (Vijender Singh) ने किसानों के बीच पहुंचकर उनके आंदोलन (Farmers Protest) का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि, ‘मैं किसानों और सेना से ताल्लुक रखने वाले परिवार से आता हूं, मैं उनकी परेशानी और मजबूरी समझ सकता हूं. वक्त आ गया है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे.’

किसानों के बीच विजेंदर सिंह (फोटो-ANI)

नई दिल्ली: भारत को ओलंपिक मेडल दिलाने वाले बॉक्सर और कांग्रेस नेता विजेंदर सिंह (Vijender Singh) ने धमकी दी  है. उन्होंने कहा है कि अगर केंद्र सरकार नए कृषि कानून (Farm Laws) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगें नहीं मानती हैं तो वो राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड (Rajiv Gandhi Khel Ratna Award) लौटा देंगे. उन्होंने नए कानून को ‘काला कानून’ करार दिया. 

  1. किसानों के बीच पहुंचे विजेंदर सिंह
  2. किसान आंदोलन का किया समर्थन
  3. 'किसान की परेशानी समझ सकता हूं'
  4.  

हरियाणा के भिवानी जिले के 35 साल के ये बॉक्सर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच पहुंचे और उनके प्रति एकजुटता दिखाई. विजेंदर सिंह (Vijender Singh) ने किसानों से कहा, ‘अगर सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं लेती है तो मैं उनसे आग्रह करूंगा कि मेरा अवॉर्ड वापस ले लें. अब बहुत हो चुका, अगर सरकार किसानों की मांगें नहीं मानती है तो मैंने फैसला किया है कि एकजुटता दिखाते हुए मैं अपना खेल रत्न अवॉर्ड (Rajiv Gandhi Khel Ratna Award) लौटा दूंगा.’

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इस मुक्केबाज ने कहा, ‘मैं किसानों और सेना से ताल्लुक रखने वाले परिवार से आता हूं, मैं उनकी परेशानी और मजबूरी समझ सकता हूं. वक्त आ गया है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे.’ विजेंदर सिंह ने 2008 बीजिंग ओलंपिक (Beijing Olympics) में ब्रॉन्ज मेडल के रूप में बॉक्सिंग में भारत का पहला ओलंपिक पदक जीता था.

विजेंदर 2009 में वर्ल्ड चैंपियनशिप  में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज भी बने थे. इसी साल उन्हें शानदार प्रदर्शन के लिए देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया था. विजेंदर फिलहाल पेशेवर मुक्केबाज हैं और उन्होंने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, जिसमें वो हार गए थे.

उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह अवॉर्ड मेरे लिए काफी मायने रखता है लेकिन हमें उन चीजों के साथ भी खड़ा होना पड़ता है जिनमें हम विश्वास रखते हैं. अगर बातचीत के साथ संकट का समाधान निकल सकता है तो हम सभी को खुशी होगी.’ इससे पहले बीजिंग ओलंपिक के दौरान प्रभारी पूर्व राष्ट्रीय मुक्केबाजी कोच गुरबक्श सिंह संधू ने भी किसानों की मांगों को नहीं मानने की स्थिति में अपना द्रोणाचार्य पुरस्कार लौटाने की बात कही थी.
(इनपुट-भाषा)

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