खेल पंचाट ने आईएएएफ की विवादित नीति पर लगा निलंबन बढ़ाया, दुति चंद को होगा फायदा
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खेल पंचाट ने आईएएएफ की विवादित नीति पर लगा निलंबन बढ़ाया, दुति चंद को होगा फायदा

जुलाई 2015 में खेल पंचाट ने अंतिम फैसले में आईएएएफ की इस नीति को निलंबित कर दिया था. 

दुती चंद ने हाइपरएंड्रोजेनिस्म नियम को चुनौती दी थी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: खेल पंचाट ने 19 जनवरी अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ की विवादास्पद नीति पर लगे निलंबन को बढ़ाने का फैसला किया है, जिसमें पुरूष हारमोन की अधिकता वाली महिला एथलीट को टूर्नामेंट में भाग लेने से रोक दिया जाता है, इससे धाविका दुती चंद को काफी राहत मिली. इस आदेश से दुती चंद का आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने का रास्ता खुला रहेगा, बशर्ते वह भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के कठिन क्वालीफाइंग मानक को पार कर ले. दुती चंद को 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने से रोक दिया गया था, उन्होंने इस हाइपरएंड्रोजेनिस्म नियम को चुनौती दी थी और जुलाई 2015 में खेल पंचाट ने अंतिम फैसले में आईएएएफ की इस नीति को निलंबित कर दिया था. 

  1. धाविका दुती चंद को काफी राहत मिली
  2. दुती का राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने का रास्ता खुला 
  3. दुती को 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने से रोक दिया गया था

आईएएएफ से इस नियम के समर्थन में सबूत पेश करने को कहा था और खेल पंचाट ने कहा था कि अगर वह ऐसा करने में विफल् होता है तो इस नियम को अवैद्य घोषित कर दिया जायेगा.

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पिछले साल सितंबर में आईएएएफ ने खेल पंचाट के समक्ष सबूत पेश किये जिसमें विशेषज्ञ रिपोर्ट और कानूनी प्रस्तुतियां भी शामिल थीं. लेकिन इस दस्तावेज में संशोधित नियमों का ड्राफ्ट शामिल था जो महिलाओं की 400 मीटर से एक मील तक की ट्रैक स्पर्धा पर ही लागू होता था.

इसके जवाब में दुती चंद ने पिछले साल अक्तूबर में खेल पंचाट के समक्ष पेश किया कि इन सबूतों में साफ पता चलता है कि उसने ये प्रस्तावित संशोधित नियम के समर्थन में पेश किये हैं, मौजूदा हाइपरएंड्रोजेनिस्म नियम के लिये नहीं इसलिये इन नियमों को अवैद्य घोषित किया जाना चाहिए.

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उन्होंने यह भी कहा कि वह भविष्य में 400 मीटर या एक मील की रेस में भाग नहीं लेंगी और उनकी ऐसा करने की कोई इच्छा नहीं है तो उन पर इस प्रस्तावित संशोधित नियम से कोई असर नहीं पड़ेगा.

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