पाकिस्तान के नए मुख्य कोच ताकिर दार और मैनेजर हसन सरदार ने पुष्टि की है कि उन्होंने पीसीबी प्रमुख एहसान मनि से बात करके उनसे वर्ल्ड कप के खर्चों के लिए ऋण मुहैया कराने का आग्रह किया था.
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कराची : पाकिस्तान की वर्ल्ड कप हॉकी में भाग लेने की उम्मीदों को एक और करारा झटका लगा है क्योंकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने भारत में 28 नवंबर से शुरू होने वाली इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अपने देश की राष्ट्रीय हॉकी टीम को वित्तीय मदद से देने से इनकार कर दिया है. पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ) ने टीम को भुवनेश्वर भेजने और खिलाड़ियों के बकाए का भुगतान करने के लिए पीसीबी से ऋण देने की अपील की थी.
पाकिस्तान के नए मुख्य कोच ताकिर दार और मैनेजर हसन सरदार ने पुष्टि की है कि उन्होंने पीसीबी प्रमुख एहसान मनि से बात करके उनसे वर्ल्ड कप के खर्चों के लिए ऋण मुहैया कराने का आग्रह किया था. ताकिर दार ने कहा, ‘‘हमें उनसे गुरुवार को बैठक करनी थी लेकिन कुछ जरूरी मसलों के कारण उन्होंने हमसे फोन पर बात की. उन्होंने स्पष्ट किया कि पीसीबी पीएचएफ को किसी तरह का अग्रिम ऋण नहीं दे सकता है क्योंकि बोर्ड ने लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) तौकिर जिया के कार्यकाल के दौरान महासंघ को जो ऋण दिया था उसे लौटाया नहीं.’’
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कोच ताकिर दार ने कहा कि मनि ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पुराने ऋण के कारण बोर्ड के लिए नया ऋण देना संभव नहीं है, क्योंकि उन्हें अपने वित्तीय सलाहकारों और लेखा परीक्षकों को जवाब देना है.
उन्होंने कहा, ‘‘मनि साहब ने हालांकि आश्वासन दिया कि वह हमें वित्तीय संकट से बाहर निकालने के लिए सरकार और प्रायोजकों से बात करेंगे.’’ पीसीबी सचिव शाहबाज अहमद ने भी कहा कि राष्ट्रीय टीम की वर्ल्ड कप में भाग लेने की संभावना कम होती जा रही है क्योंकि सरकार ने 80 लाख रुपए का अनुदान देने के पीएचएफ के आवेदन का अब तक जवाब नहीं दिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अब एक सप्ताह के अंदर अनुदान जारी करने के लिए सीधे प्रधानमंत्री सचिवालय को लिखा है. अगर ऐसा नहीं होता है तो हमारे लिए टीम को भारत भेजना बहुत मुश्किल होगा.’’
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वर्ल्ड कप 28 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच भुवनेश्वर में खेला जाएगा. शाहबाज ने कहा, ‘‘अगर हम टीम को भारत को नहीं भेज पाते हैं तो इससे न सिर्फ हॉकी जगत में हमारी छवि धूमिल होगी बल्कि हमें एफआईएच का जुर्माना भी झेलना होगा.’’
ताकिर दार ने कहा कि उन्होंने मनि से कहा कि वह प्रधानमंत्री से कहें कि सरकार चाहे तो पीएचएफ को पैसा देने के बजाय वह होटल बिल और खिलाड़ियों के बकाये का सीधा भुगतान कर सकती है. खिलाड़ियों को अभी एशियाई चैंपियन्स ट्रॉफी और इस टूर्नामेंट से लगाए गए शिविर के दैनिक भत्ते भी नहीं मिले हैं.
भारतीय उच्चायोग से वीजा सुनिश्चित करने के लिए पीएचएफ ने पहले ही आवेदन कर दिया है क्योंकि दो साल पहले वीजा नहीं मिलने के कारण जूनियर वर्ल्ड कप के लिए पाकिस्तान की जूनियर टीम भारत दौरे पर नहीं आ सकी थी. वर्ल्ड कप के लिए शिविर हालांकि बुधवार से लाहौर में शुरू हो गया.