कबीर खान (Kabir Khan) की मूवी '83' में कपिल देव (Kapil Dev) के रोल में बॉलीवुड सुपरस्टार रणवीर सिंह (Ranveer Singh) को काफी सराहा जा रहा है, लेकिन एक्टर के लिए अपना बेस्ट देना आसान नहीं था.
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नई दिल्ली: बॉलीवुड स्टार रणवीर सिंह को '83' मूवी में कपिल देव की भूमिका निभाने के लिए क्रिकेट फैंस और फिल्मों के दीवानों की तरफ से काफी प्यार और तारीफें मिल रही है. रणवीर ने खुलासा किया है कि उन्हें उस फेमस बैकवर्ड-रनिंग (पीछे की ओर दौड़ते हुए) कैच को पूरा करने में 6 महीने लगे थे, जिसे महान क्रिकेटर ने 25 जून, 1983 को मदन लाल की गेंद पर सर विवियन रिचर्डस को आउट करने के लिए लिया था. '83' मूवी को बॉक्स ऑफिस पर बंपर ओपनिंग मिली है. रणवीर को फैंस से पॉजिटिव फीडबैक मिली है और भारत सहित दुनिया भर से फिल्म को अपार प्यार और सम्मान मिला है.
रणवीर सिंह ने खासतौर पर 'बाजीराव', 'पद्मावत', 'सिम्बा' और 'गली बॉय' से लेकर '83' तक हर फिल्म में निभाए गए अपने रोल में सभी को प्रभावित किया है. उन्होंने भारतीय सिनेमा के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं में से एक के रूप में अपनी जगह बनाई है.
रणवीर सिंह ने आईएएनएस से कहा, "इस समय मुझे जिस तरह के संदेश मिल रहे हैं, उससे मैं अभिभूत हूं. हर कोई फिल्म को पसंद कर रहा है. सुनील गावस्कर सर, मदन लाल सर, कपिल सर, मेरे गुरु बलविंदर सिंह संधू सर, पीआर मान सिंह सर सभी ने मैसेज किया है और मेरे काम की तारीफ की है. आप इससे ज्यादा और क्या चाहेंगे, जब ऐसी महान हस्तियां आपके काम की सराहना करे.'
बॉलीवुड एक्टर रणवीर सिंह (Ranveer Singh) ने फिल्म बनने के दिनों को याद करते हुए साझा किया कि कैसे कबीर खान ने कपिल देव को इनवाइट करने और अभिनेता के साथ कुछ समय बिताने का आइडिया दिया था.
रणवीर सिंह ने कहा, 'मैंने कपिल सर के साथ उनके घर में कुछ समय बिताया और उनकी इतनी प्रभावशाली व्यवहार है कि लोग उनके प्यार में पड़ जाएंगे. उनकी मुस्कान, उनकी हंसी, उनका चलना, उनकी बात, उनका डांस .. हां, उनका इतना प्यारा है डांस मूव्स है. मैं देखता था कि वह क्या कर रहे हैं और उनके दिमाग में क्या चल रहा है. वह 1983 में उस समय क्या सोच रहे होंगे। उन्हें इतने करीब से देखने से बहुत मदद मिली.'
ये पूछे जाने पर कि सीखने के लिए सबसे कठिन हिस्सा क्या था, कपिल की गेंदबाजी स्टाइल, उनका रवैया या बल्लेबाजी? रणवीर ने जवाब दिया, 'मैं अपने स्कूल के दिनों में क्रिकेट खेलता था और मैं एक अच्छा फील्डर होने के साथ ही बहुत ही आक्रामक और प्रभावशाली बल्लेबाज भी था. इसलिए बल्लेबाजी में कोई परेशानी नहीं आई. एक्टिंग की बात करें तो हम पेशेवर हैं, इसलिए कैरेटर में घुसना तो हमारा काम ही है.'
रणवीर सिंह ने आगे कहा, 'हां, गेंदबाजी सीखना सबसे कठिन काम था. मुझे उनकी कलाई की स्थिति, उनकी फेमस छलांग, गेंद को डालने से पहले छाती पर रगड़ना, ऐसे काम थे, जिनमें मुझे कई महीने लग गए. दरअसल, मेरे बायोमैकेनिक्स कपिल सर से अलग हैं. मैं 'सिम्बा' (फिल्म) से आ रहा था और मेरी मांसपेशियां बड़ी थीं. इसलिए संधू सर ने मुझे एथलेटिक फिजिक्स में आने के लिए कहा.'
इस बारे में पूछे जाने पर कि क्या वह आखिरकार महान ऑलराउंडर की तरह कुछ स्पीड और आउटस्विंग हासिल करने में कामयाब रहे, रणवीर ने कहा, 'बहुत स्टंप्स उड़ाये मैंने फिर तो.मैं स्विंग के बारे में नहीं कह सकता, लेकिन मैं असल में अच्छी गेंदबाजी कर रहा था और विकेट पर मार (गेंद) रहा था.'
रणवीर सिंह ने सर विवियन रिचर्डस को आउट करने के लिए कपिल देव के प्रसिद्ध बैकवर्ड-रनिंग कैच को परफेक्ट तरीके से फिल्माने के लिए अपने संघर्ष को भी साझा किया, जिसने लॉर्डस में भारत की जीत में एक खास भूमिका निभाई थी.
रणवीर सिंह ने कहा, 'इसे पूरी तरह से करने में मुझे 6 महीने लगे. पीछे की ओर दौड़ते हुए कैच करना मुश्किल था. इसलिए, संधू सर गेंद फेंकते थे और मुझे दौड़कर इसे लेना पड़ता था.' यह पूछे जाने पर कि यह लेदर बॉल है या नहीं? रणवीर ने जवाब दिया, 'हां, वह लेदर की ही गेंद थी.'
रणवीर सिंह ने कहा, 'मैंने कई बार इसका अभ्यास किया और संधू सर मुझे सांत्वना पुरस्कार के रूप में बल्लेबाजी करने के लिए 6 ओवर देते थे, जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद था. मुझे एक लक्ष्य दिया गया था और मुझे इसका पीछा करना था. यह मजेदार था.'
वर्ल्ड कप 1983 के दौरान जिम्बाब्वे के खिलाफ कपिल देव की 175 रनों की पारी रिकॉर्ड नहीं हो पाई थी, क्योंकि उस दिन बीबीसी कर्मचारी हड़ताल पर थे. इस महान पारी की बारीकियों के बारे में जानना कितना कठिन था? इस पर रणवीर ने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं है कि यह मुश्किल था, क्योंकि इसकी कोई वीडियो रिकॉडिंग नहीं है. और साथ ही मुझे कपिल सर के लिए भी बुरा लग रहा है. ये क्रिकेट इतिहास की बेस्ट पारियों में से एक थी और अब लोग फिल्म देखने के बाद ही उसकी सराहना कर रहे हैं और पता लगा रहे हैं कि उस समय यह कैसे किया गया होगा.'