'दादा' ने खोला 'नेहराजी का राज', बताया पत्नी से ज्यादा किसके साथ गुजारते हैं वक्त
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'दादा' ने खोला 'नेहराजी का राज', बताया पत्नी से ज्यादा किसके साथ गुजारते हैं वक्त

आशीष नेहरा ने 1999 में दिसंबर में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था.

 सौरव गांगुली ने आशीष नेहरा को लेकर एक खुलासा किया है (File Photo)

नई दिल्ली : टीम इंडिया के सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. 2 नवंबर को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टी-20 मैच के बाद आशीष नेहरा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की दुनिया को अलविदा कह दिया. संन्यास लेने का ऐलान करते वक्त नेहरा ने कहा था कि उन्होंने एक बार जो फैसला कर लिया है तो फिर उसमें वापसी की कोई गुंजाइश नहीं है. अब वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) भी नहीं खेलेंगे. फिरोजशाह कोटला मैदान में पूरे सम्मान के साथ आशीष नेहरा को विदाई भी दी गई.

  1. आशीष नेहरा ने 38 साल की उम्र में क्रिकेट से संन्यास लिया
  2. आशीष नेहरा ने दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान से क्रिकेट के अलविदा कहा
  3. आशीष नेहरा ने 4 नवंबर को न्यूजीलैंड के खिलाफ करियर का आखिरी मैच खेला

आशीष नेहरा के क्रिकेट से संन्यास के बाद सभी लोगों ने उन्हें अपनी-अपनी तरह से बधाई दी है. इन बधाइयों के बीच आशीष नेहरा को लेकर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने एक बड़ा खुलासा भी किया है. 

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हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार को इंटरव्यू देते हुए गांगुली ने कहा, 'मुझे लगता है कि नेहरा के बेस्ट फ्रेंड फिजियो थे. मुझे लगता है कि नेहरा अपनी पत्नी से ज्यादा समय अपने फिजियो के साथ बिताते थे. हालांकि अपनी शरीर से जुड़ी परेशानियों की वजह से वो ज्यादा समय तक क्रिकेट नहीं खेल पाए, लेकिन वो हैं बहुत ही प्रतिभाशाली हैं. इसलिए चोट लगने के बाद भी वो क्रिकेट खेलते रहे. वो चोटों से घिरे रहे, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी.'

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गांगुली ने आगे कहा, 'उनका विदाई समारोह बहुत ही सम्मानजनक था. बहुत खिलाड़ियों की ऐसी किस्मत नहीं रही जिन्हें अपने ही घरेलू मैदान पर आखिरी मैच खेला हो. इससे पहले महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को ही ये ख्याति हासिल हुई है और अब इस लिस्ट में आशीष नेहरा भी शामिल हो गए हैं. अच्छा लगता है कि चयनकर्ताओं ने उन पर अपना विश्वास दिखाया. अपने आखिरी मैच में नेहरा ने अच्छी गेंदबाजी की. कोटला में उनकी गेंदबाजी बिल्कुल अलग थी.'

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बता दें कि नेहरा का करियर चोटों से काफी प्रभावित रहा है. उन्होंने अपने करियर में कुल 12 सर्जरी कराई हैं. नेहरा ने कई बार टीम से बाहर जाने के बाद वापसी की है. 2016 में उनके द्वारा की गई वापसी के बाद से उन्होंने खेल के छोटे प्रारुप में टीम को काफी कुछ दिया. चोटों से वापसी करते हुए ही उन्होंने 2011 विश्व कप टीम में जगह बनाई थी और टीम को विजेता बनाने में रोल निभाया था. वह पिछले साल टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे. 

नेहरा को 2003 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में छह विकेट लेने के लिए जाना जाता है. इस मैच में उन्होंने इंग्लैंड की कमर तोड़ दी थी और भारत को जीत दिलाई थी. इस विश्व कप में नेहरा, जहीर खान और जवागल श्रीनाथ की तिकड़ी ने भारत को फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की थी. 

आशीष नेहरा ने 1999 में दिसंबर में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था. हालांकि वह टेस्ट क्रिकेट ज्यादा नहीं खेल पाए. उनके खाते में सिर्फ 17 टेस्ट मैच हैं जिसमें उन्होंने 44 विकेट लिए हैं. उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच रावलपिंडी में पाकिस्तान के खिलाफ 2004 में खेला था. 

वनडे में नेहरा ने भारत के लिए 120 मैच खेले हैं और 157 विकेट लिए हैं. जिम्बाब्वे के खिलाफ 2001 में हरारे में अपना पहला मैच खेलने वाले नेहरा ने अपना आखिरी वनडे 2011 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ 30 मार्च को खेला था. 

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