B'day Special: पाकिस्तान में टेस्ट हैट्रिक लेने वाले एकमात्र भारतीय गेंदबाज
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B'day Special: पाकिस्तान में टेस्ट हैट्रिक लेने वाले एकमात्र भारतीय गेंदबाज

इरफान पठान ने पाकिस्तान में करांची टेस्ट के पहले ही ओवर में हैट्रिक लेने की उपलब्धि हासिल की है. 

इरफान पठान को इस साल नई भूमिका मिली है. (फोटो : PTI)

नई दिल्ली : टीम इंडिया के पेसर और ऑलराउंडर रहे इरफान पठान आज अपना 34वां जन्मदिन मना रहे हैं. एक जमाने में टीम इंडिया की कपिलदेव की जगह पूरी करने के प्रमुख दावेदार रहे इरफान लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर हैं और आजकल जम्मूकश्मीर में नई क्रिकेट प्रतिभाओं की खोज में अहम भूमिका निभा रहे हैं. काफी समय से ढलान पर चल रहे करियर में इरफान ने इस साल नई भूमिका मिली है. वे अब जम्मूकश्मीर के कोच और मेंटॉर बनाए गए हैं. पठान अपनी नई भूमिका से काफी उत्साहित हैं. पिछले साल ही उनसे बड़ौदा की रणजी में कप्तानी भी छीन ली गई थी, लेकिन इरफान अपनी नई भूमिका में काफी उत्साहित हैं

  1. कपिल देव से तुलना होती थी अक्सर पठान की
  2. चोट और अनियमितता ने दूर किया टीम इंडिया से
  3. आजकल जम्मूकश्मीर के कोच और मेंटॉर हैं पठान

 27 अक्टूबर 1984 को पैदा हुए इरफान पठान पेस बॉलिंग ऑल राउंडर हैं. 2003 में वे पहली बार टेस्ट टीम में शामिल हुए. वे अपने करियर के पहले तीन-चार साल बेहद खास सदस्य रहे. गेंदबाजी के साथ-साथ पठान ने अच्छी बल्लेबाजी भी की. यही वजह है कि टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने उन्हें ओपनिंग करने का भी मौका दिया. एक समय इरफान पठान की तुलना वसीम अकरम से की जाती थी. उनका गेंदबाजी एक्शन अकरम की तरह था. वह गेंदों को स्विंग कराने में सक्षम थे और ठीक ठाक बल्लेबाजी भी कर लेते थे. 

कपिलदेव से यूं ही नहीं होती थी तुलना
क्रिकेट पंडित मानते थे कि पठान पर ऑल राउंडर कपिल देव का जबरदस्त प्रभाव पड़ा है. पठान अपनी संक्षिप्त सफलता के बावजूद टॉप तक पहुंचे. एक समय उन्हें कपिल देव का उत्तराधिकारी माना जा रहा था. इसकी खास वजह उनकी कई साहसिक पारियां हैं. उनकी बल्लेबाजी की झलक पहली बार 2005 में श्रीलंका के खिलाफ देखने को मिली. उन्हें तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया. इरफान 70 गेंदों पर शानदार 83 रनों की पारी खेली. इनमें 8 चौके और 4 छक्के शामिल थे. भारत ने यह मैच बड़े अंतर से जीता.

इरफान ने वन डे में पांच अर्धशतक लगाए हैं. उन्होंने चार बार 40 से अधिक रन भी बनाए. इनमें से दो बार यह रन दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए. टेस्ट में ओपनर के रूप में भी इरफान सफल रहे. 2005 में दिल्ली में उन्होंने पारी की शुरुआत करते हुए श्रीलंका के खिलाफ 93 रनों की पारी खेली. इरफान ने ब्रेट ली, स्टुअर्ट क्लार्क, मिशेल जॉनसन का बखूबी सामना किया. पर्थ में, 2008 में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए पठान ने 46 रनों की पारी खेली. 2007 में बेंगलुरु में पाकिस्तान के खिलाफ इरफान ने इकलौता टेस्ट शतक लगाया. दुर्भाग्य से लगातार चोटों और प्रदर्शन में अनियमितता ने उनके करियर की रफ्तार को थाम दिया.  

अंदर बाहर होते हुए बना एक बेहतरीन रिकॉर्ड
2003 में जहीर खान के चोटिल होने के बाद इरफान ने टेस्ट डेब्यू किया. पठान ने एडीलेड में दूसरा टेस्ट मैच खेला, लेकिन तीसरे टेस्ट में उन्हें ड्रॉप कर दिया गया. चौथे टेस्ट में उन्हें फिर से प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया. इस मैच में पठान ने गिलक्रिस्ट, रिकी पोन्टिंग और स्टीव वॉ को आउट किया. पाकिस्तान के खिलाफ 2004 और 2006 की दोनों सीरीज में पठान ने शानदार प्रर्दशन किया. कराची में 2006 में हुए तीसरे टेस्ट में पठान ने पहले ही ओवर में हैट्रिक ली. ऐसा करने वाले वह पहले खिलाड़ी थे. उन्होंने सलमान बट्ट, यूनुस खान और मोहम्मद युसुफ को आउट किया था. 

2007 टी20 वर्ल्ड कप में यादगार प्रदर्शन
2007 के टी-20 वर्ल्ड कप में जब दोनों भाइयों को चयन हुआ तो पूरे परिवार के लिए यह गर्व की बात थी. टूर्नामेंट के फाइनल में वीरेंद्र सहवाग चोटिल होने पर उन्हें भाई युसुफ के साथ ओपन करने के लिए कहा गया. इस मैच में इरफान ने 4 ओवरों में सिर्फ 16 रन देकर 3 विकेट लिए. उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया. उन्होंने शोएब मलिक (8), शाहिद आफरीदी (0) और यासिर अराफात (15) के विकेट लिए और भारत पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रहा. 

भाई के साथ ऐतिहासिक और यादगार साझेदारी
2008-9 के श्रीलंका दौरे पर दोनों पठान बंधु स्टार थे. कोलंबो में खेल गए टी-20 में श्रीलंका ने 20ओवरओं में 4 विकेट पर 171रन बनाए. यह एक सम्मानजनक स्कोर था. भारत की शुरुआत खराब रही. वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर दोनओं 14 के स्कोर पर पवेलियन लौट चुके थे.  लेकिन 16 ओवरों में 115 रनों तक भारत 7 विकेट खो चुका था. भारत तय हार की तरफ बढ़ रहा था. ऐसे समय इरफान का साथ देने युसूफ पठान बल्लेबाजी करने उतरे. भारत को 29 गेंदों पर जीत के लिए 57 रन चाहिए थे. दोनों भाइयों ने इस दौरान चार छक्के लगाए. युसूफ ने 10 गेंदों में 22 रनों का शानदार पारी खेली. इरफान ने 16 गेंदों पर 33 रन बनाए. इस तरह दोनों भाइयों ने टीम इंडिया को जीत दिलाई. 

इरफान पठान ने आईपीएल के चार सीजन खेले. चेन्नई सुपर किंग्स, दिल्ली डेयरडेविल्स, किंग्स इलेवन पंजाब, सनराइज हैदराबाद और राइजिंग सुपरजाइंट्स की तरफ से उन्हें खेलने का मौका मिला. इस साल इरफान आईपीएल में अनबिके खिलाड़ी ही रह गए थे. 

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