Brazilian Football Player Pele dies: ब्राजील के महान फुटबाल खिलाड़ी पेले का निधन हो गया है. 21 साल लंबे फुटबॉल करियर के दौरान उन्होंने कई बड़े रिकॉर्ड्स अपने नाम किए.
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Brazilian Football Legend Pele dies aged 82: ब्राजील के महान फुटबाल खिलाड़ी पेले 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. फुटबॉल खेलना अगर कला है तो उनसे बड़ा कलाकार दुनिया में शायद कोई दूसरा नहीं हुआ. तीन वर्ल्ड कप खिताब, 784 मान्य गोल और दुनिया भर के फुटबॉलप्रेमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने पेले उपलब्धियों की एक महान गाथा छोड़कर विदा हुए हैं. वे लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे. गुरुवार को उन्होंने साओ पोलो के एंस्टेन अस्पताल में आखिरी सांस ली.
1200 से ज्यादा दागे थे गोल
पेले (Brazil Footballer Pele) ने यूं तो उन्होंने 1200 से ज्यादा गोल दागे थे लेकिन फीफा ने 784 को ही मान्यता दी है. खेल जगत के सबसे बड़े सुपरस्टार में से एक पेले की लोकप्रियता सीमाओं में नहीं बंधी थी. एडसन अरांतेस डो नासिमेंटो यानी पेले का जन्म 1940 में हुआ. वह फुटबॉल की लोकप्रियता को चरम पर ले जाकर उसका बड़ा बाजार तैयार करने वाले खिलाड़ियों में से रहे.उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि 1977 में जब वह कोलकाता आए तो मानों पूरा शहर थम गया था. वह 2015 और 2018 में भी भारत आए थे.
17 साल की उम्र में खेला था पहला वर्ल्ड कप
भ्रष्टाचार, सैन्य तख्तापलट, सेंसरशिप और दमनकारी सरकारों को झेल रहे देश में पेले का जन्म हुआ. 17 साल के पेले ने हालांकि 1958 में अपने पहले ही वर्ल्ड कप में ब्राजील की छवि बदलकर रख दी. स्वीडन में खेले गए टूर्नामेंट में उन्होंने चार मैचों में छह गोल किए जिनमें से दो फाइनल में किए थे. ब्राजील को उन्होंने मेजबान पर 5-2 से जीत दिलाई और कामयाबी के लंबे चलने वाले सिलसिले का शुरू किया था. फीफा द्वारा महानतम खिलाड़ियों में शुमार किए गए पेले राजनेताओं के भी पसंदीदा रहे. वर्ल्ड कप 1970 से पहले उन्हें राष्ट्रपति एमिलियो गारास्ताजू मेडिसि के साथ एक मंच पर देखा गया जो ब्राजील की सबसे तानाशाह सरकार के सबसे निर्दयी सदस्यों में से एक थे.
पेले को देखने के लिए युद्ध तक रूका
उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि 1960 के दशक में नाइजीरिया के गृहयुद्ध के दौरान 48 घंटे के लिए विरोधी गुटों के बीच युद्धविराम हो गया ताकि वे पेले (Brazil Footballer Pele) का एक मैच देख सकें. वह कोस्मोस के एशिया दौरे पर 1977 में मोहन बागान के बुलावे पर कोलकाता भी आए. उन्होंने ईडन गार्डंस पर करीब आधा घंटा फुटबॉल खेला जिसे देखने के लिये 80000 दर्शक मौजूद थे. उसके बाद वह 2018 में आखिरी बार कोलकाता आए और उनके लिए दीवानगी का आलम वही था.
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